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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) फिर से एक ही मंच पर दिखाई दिए हैं। कांग्रेस आलाकमानों को भी दोनों नेताओं को एक साथ देखने का बड़ा इंतजार था।
टोंक | राजस्थान में रविवार को कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज नेता लंबे समय के बाद एक मंच पर साथ-साथ दिखाई दिए।
जी हां, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) फिर से एक ही मंच पर दिखाई दिए हैं। कांग्रेस आलाकमानों को भी दोनों नेताओं को एक साथ देखने का बड़ा इंतजार था।
ये मौका आया राजस्थान के टोंक जिले के निवाई में और इसकी सूत्रधार का काम किया प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की रैली ने।
रविवार को टोंक के निवाई में प्रियंका गांधी की सभा में सीएम गहलोत और पायलट दोनों एक ही मंच पर नजर आए।
दोनों को फिर से साथ देखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भी जोश बढ़ता दिखा।
प्रियंका गांधी ने भी मंच से जब अपना संबोधन शुरू किया तो सबसे पहले सीएम गहलोत का नाम पुकारने के बाद सचिन पायलट का नाम पुकारा। इसके बाद ही दूसरे नेताओं का नाम लिया।
जिसे सुनकर लोगों से खचाखच भरा पांडाल भी शोर से गूंज उठा।
अब भले ही विपक्षी पार्टियों का इस पर क्या असर होगा ये तो वही जाने।
बता दें कि प्रियंका गांधी की इस सभा में गहलोत-पायलट के अलावा राजस्थान प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और कई गणमान्य नेता और विधायक भी शामिल रहे।
सभा में क्या बोले सचिन पायलट ?
निवाई में हुई प्रियंका गांधी की जनसभा में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मंच से अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्वागत भी किया।
इसके बाद पायलट ने कहा कि प्रियंका जी आपको राजस्थान की जनता चाहती है, आपके आने से जनता में उत्साह आता है।
आपने कर्नाटक, हिमाचल में प्रचार किया तो वहां सरकार बनी, इसलिए आप और राहुल जी चुनाव में प्रचार करें इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
पायलट ने अपने संबोधन में कहा कि जनता सही निर्णय करेगी। राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी।
गौरतलब है कि गहलोत और पायलट के बीच पिछले साढ़े चार सालों के दौरान कुछ भी अच्छा नहीं रहा था।
वर्चस्व की लड़ाई में दोनों ही नेता एक पार्टी के होने के बावजूद आपस में एक-एक दूसरे पर तीखी प्रतिक्रियाएं देते नजर आए थे।
दोनों के बीच जमकर बयानबाजी और नाराजगी दिखाई दी थी। यहां तक की पायलट ने तो अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ’जन संर्घष यात्रा’ तक निकाली थी।
जिसमें गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुए पेपरलीक प्रकरण, आपराधिक घटनाओं पर जमकर प्रहार करते हुए मोर्चा खोला गया था।
हालांकि विधानसभा चुनावों को नजदीक देखते हुए पार्टी आलाकमानों ने दोनों ही नेताओं को दिल्ली दरबार में बुलाकर समझौता करवा दिया जिसके बाद से दोनों ही नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी से पीछे हट गए।
ऐसे में अब ये कांग्रेस के लिए बड़ा और शांतीभरा क्षण है जब दोनों नेता एक ही मंच शेयर कर रहे हैं।