पाली, राजस्थान। राजस्थानी संस्कृति और परंपराओं के आकर्षण में बंधे बंगलौर के 13 सैलानियों का एक दल सोमवार को पाली पहुंचा, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। पनिहारी चौराहे पर पारंपरिक राजस्थानी अंदाज में माला और साफा पहनाकर अतिथियों का सत्कार किया गया।
इस दल का नेतृत्व कर्नाटक रक्षणा वेदिके के उपाध्यक्ष अंजन गौड़ा ने किया। दल में निर्मला, डोमिनिक, कुमारस्वामी सहित अन्य सदस्य शामिल थे।
पाली पहुंचने पर सैलानियों का स्वागत चिकपेट क्षेत्र के कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह कुंपावत, करणी सेना जिलाध्यक्ष अजयपाल सिंह हेमावास, सोनाई मांझी सरपंच प्रताप सिंह, और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया।
राजस्थानी भाषा के सम्मान की वकालत
दल के नेता अंजन गौड़ा ने राजस्थान की गौरवशाली संस्कृति, भाषा और इतिहास की सराहना करते हुए कहा,
"हर बार जब पर्यटन की योजना बनती है, तो राजस्थान हमारी पहली पसंद होता है। यहां की परंपराएं और आतिथ्य अद्वितीय हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थानी भाषा को अब तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिलने का उन्हें दुःख है।
"मातृभाषा मां के समान होती है। उसके सम्मान के लिए हम हरसंभव सहयोग देने को तैयार हैं। यदि जरूरत पड़ी, तो हम आंदोलन में भी शामिल होंगे।"
कर्नाटक और राजस्थान के रिश्तों की चर्चा
गौड़ा ने कर्नाटक और राजस्थान के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों राज्यों का जुड़ाव ऐतिहासिक है और यह भविष्य में भी मजबूत रहेगा।
राजस्थान घूमने आए इस दल ने पाली में राजस्थानी परंपरा और संस्कृति का भरपूर आनंद लिया। स्वागत कार्यक्रम के दौरान स्थानीय प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों ने सैलानियों को राजस्थानी आतिथ्य का अनोखा अनुभव प्रदान किया।