Barmer Rajasthan: बाड़मेर में विवादित सड़क निर्माण पर बड़ा एक्शन: PWD ने लिए सैंपल, आरोपी ठेकेदार भवानी सिंह गिरफ्तार, फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की मांग

बाड़मेर में विवादित सड़क निर्माण पर बड़ा एक्शन: PWD ने लिए सैंपल, आरोपी ठेकेदार भवानी सिंह गिरफ्तार, फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की मांग
बाड़मेर: विवादित सड़क और ठेकेदार की गिरफ्तारी
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Highlights

  • बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र में घटिया सड़क निर्माण के विरोध पर ग्रामीणों को धमकाने वाला ठेकेदार गिरफ्तार।
  • लोक निर्माण विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सड़क के सैंपल लिए और गुणवत्ता की जांच शुरू की।
  • सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने मामले में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
  • प्रजापत समाज ने ठेकेदार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए पैदल मार्च निकाला और फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की।

बाड़मेर | राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण को लेकर उपजा विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले ग्रामीणों को सरेआम धमकाने और अपशब्दों का प्रयोग करने वाले ठेकेदार भवानी सिंह के खिलाफ प्रशासन और पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार को लोक निर्माण विभाग की एक विशेष जांच टीम विवादित सड़क स्थल पर पहुंची और वहां से निर्माण सामग्री के सैंपल लिए। विभाग का कहना है कि लेबोरेटरी से जांच रिपोर्ट आने के बाद ठेकेदार और संबंधित फर्म के खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने ग्रामीणों और समाज के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए आरोपी ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया है।

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में ठेकेदार भवानी सिंह ग्रामीणों को गालियां देते और उन्हें जूते मारने तक की धमकी देते हुए दिखाई दे रहा था। वीडियो में ठेकेदार ने शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी का नाम लेते हुए उन्हें अपना भाई बताया और दावा किया कि यह सड़क उसकी निजी संपत्ति की तरह है। इस वीडियो के सामने आने के बाद बाड़मेर के स्थानीय समाज और ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हो गया। लोगों ने ठेकेदार के इस व्यवहार को न केवल अमर्यादित बताया बल्कि इसे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला कृत्य भी करार दिया।

लोक निर्माण विभाग की तकनीकी जांच

सड़क की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता सुराराम के नेतृत्व में एक टीम ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। टीम ने मति का गोल गांव की करीब ढाई किलोमीटर लंबी संपर्क सड़क का बारीकी से निरीक्षण किया। जांच टीम ने सड़क के अलग-अलग हिस्सों से सैंपल एकत्र किए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि निर्माण में प्रयुक्त सामग्री मानकों के अनुरूप है या नहीं। अधिकारियों ने बताया कि सड़क की मोटाई यानी थिकनेस की भी जांच की गई है। शुरुआती जांच में थिकनेस तो नियमानुसार पाई गई है लेकिन सामग्री की गुणवत्ता का असली पता लैब टेस्ट के बाद ही चलेगा।

अधीक्षण अभियंता ने स्पष्ट किया कि रविवार को अवकाश होने के कारण नमूनों की जांच नहीं हो सकी लेकिन सोमवार को विशेष रूप से लैब खुलवाकर इन सैंपलों का परीक्षण कराया जाएगा। इस जांच में मुख्य रूप से बिटुमेन यानी डामर और एग्रीगेट यानी बजरी और पत्थर के अनुपात की जांच की जाएगी। यदि रिपोर्ट में मिलावट या घटिया सामग्री की पुष्टि होती है तो ठेकेदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। विभाग इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही बरतने के मूड में नहीं है क्योंकि मामला सीधे तौर पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और सरकारी काम की गुणवत्ता से जुड़ा है।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

वीडियो वायरल होने और ग्रामीणों द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद बाड़मेर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीना ने मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर रामसर पुलिस उपाधीक्षक मानाराम गर्ग के सुपरविजन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। शिव थानाधिकारी सत्यप्रकाश के नेतृत्व में इस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी ठेकेदार भवानी सिंह को डिटेन किया। गहन पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी भवानी सिंह मूल रूप से जैसलमेर जिले के झिझिनियाली थाना क्षेत्र के तेजमालता गांव का निवासी है लेकिन वर्तमान में वह बाड़मेर शहर की इंदिरा कॉलोनी में रह रहा था।

पुलिस के अनुसार ठेकेदार के खिलाफ सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जातिगत द्वेषता फैलाने और ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। शिव थानाधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि 20 दिसंबर को जब ग्रामीण सड़क की गुणवत्ता को लेकर ठेकेदार के पास पहुंचे थे तो उसने न केवल उनके साथ अभद्रता की बल्कि 150 गांवों के लोगों को बुलाकर सबक सिखाने की धमकी भी दी थी। पुलिस अब इस मामले में अन्य तकनीकी साक्ष्यों को भी जुटा रही है ताकि आरोपी के खिलाफ अदालत में मजबूत केस पेश किया जा सके।

सांसद और जन प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

इस घटनाक्रम पर बाड़मेर जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सांसद ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में एक ठेकेदार ग्रामीणों को धमका रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार राजनीतिक संरक्षण का रौब दिखाकर घटिया काम को छिपाने की कोशिश कर रहा है। सांसद बेनीवाल ने सड़क निर्माण की सुपरविजन कमेटी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नींद में सो रहे हैं जिसके कारण ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं।

सांसद ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि न केवल दोषी ठेकेदार बल्कि उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस घटिया निर्माण की अनदेखी की। उन्होंने ग्रामीणों की जागरूकता की सराहना करते हुए कहा कि जब तक जनता जागरूक होकर विरोध नहीं करेगी तब तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना मुश्किल है। सांसद ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले को अंतिम अंजाम तक पहुंचाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि जनता के पैसे का सही उपयोग हो।

समाज का आक्रोश और पैदल मार्च

ठेकेदार के विवादित बयान और धमकियों के विरोध में प्रजापत और कुमावत समाज के लोगों ने शिव मुख्यालय पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। समाज के सैकड़ों लोग प्रजापत छात्रावास में एकत्रित हुए और वहां से पैदल मार्च निकालते हुए शिव थाने पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने ठेकेदार भवानी सिंह और उसकी फर्म को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की। लोगों का कहना है कि ठेकेदार ने जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया है वह किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।

प्रदर्शन के दौरान भाजपा महामंत्री देवीलाल कुमावत बलराम प्रजापत और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। ग्रामीणों ने तहसीलदार को जिला कलेक्टर और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि भविष्य में इस ठेकेदार को किसी भी सरकारी कार्य का टेंडर न दिया जाए। विरोध बढ़ता देख ठेकेदार भवानी सिंह ने भी एक वीडियो जारी कर समाज से माफी मांगने की कोशिश की है लेकिन ग्रामीण अब कानूनी कार्रवाई पर अड़े हुए हैं।

विधायक की सफाई और भविष्य की कार्रवाई

वीडियो में नाम आने के बाद शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी एक ऑडियो संदेश जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। विधायक ने कहा कि उनका इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है और उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से समाज के लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि वह किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अभद्र व्यवहार का समर्थन नहीं करते हैं। विधायक की इस सफाई के बाद भी स्थानीय राजनीति में गरमाहट बनी हुई है और विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।

फिलहाल सबकी नजरें लोक निर्माण विभाग की लैब रिपोर्ट पर टिकी हैं। यदि रिपोर्ट में सड़क की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो ठेकेदार की फर्म का लाइसेंस रद्द होने और उसे ब्लैकलिस्ट किए जाने की पूरी संभावना है। प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि कानून अपना काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। बाड़मेर का यह सड़क विवाद अब पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गया है जो सरकारी निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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