Highlights
- 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा पूरा हुआ।
- पेपरलीक माफिया पर शिकंजा कसा गया, कई सरगना जेल में।
- पेट्रोल-डीजल अभी भी पड़ोसी राज्यों से महंगा, वैट घटाने के बावजूद।
- पीएम किसान निधि में 12 हजार रुपए की घोषणा अभी तक अधूरी।
जयपुर: भजनलाल सरकार (Bhajanlal government) के दो साल पूरे हुए। 'मोदी की गारंटी' वादों की पड़ताल की गई। 450 रुपये में सिलेंडर (cylinder) का वादा पूरा, पर पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) अभी भी महंगा।
26 सितंबर, 2023 को जयपुर के दादिया में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'मेरी गारंटी में दम होता है। यह मैं हवा में नहीं कह रहा हूं। मेरे बीते 9 सालों का ट्रैक रिकॉर्ड यही है। मोदी मतलब गारंटी, काम पूरा होने की गारंटी।'
इन्हीं शब्दों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को 'मोदी की गारंटी' के नाम से जनता के सामने पेश किया था।
इन गारंटियों में सस्ता सिलेंडर, पेपर लीक माफियाओं पर शिकंजा कसना, हर घर में नल से जल पहुंचाना और सस्ता पेट्रोल-डीजल उपलब्ध कराना जैसे कई महत्वपूर्ण वादे शामिल थे।
भजनलाल सरकार 15 दिसंबर को अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस महत्वपूर्ण अवसर से पहले, दैनिक भास्कर ने सरकार द्वारा की गई बड़ी घोषणाओं का गहन विश्लेषण किया है।
इस विशेष पड़ताल में यह जानने का प्रयास किया गया है कि इन दो सालों के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की कौन सी गारंटियों को पूरा किया गया है और कौन सी गारंटियां अभी तक अधूरी हैं।
आइए, इस 'मंडे स्पेशल स्टोरी' में इन सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
भजनलाल सरकार के दो साल: 'मोदी की गारंटी' की पड़ताल
दो साल पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर, सीकर और कोटा सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में रैलियां करते हुए बार-बार कहा था कि 'मोदी मतलब गारंटी'।
उन्होंने प्रदेश की जनता को आश्वस्त किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर इन सभी गारंटियों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।
इन वादों ने चुनावी माहौल में एक बड़ा प्रभाव डाला था और जनता की उम्मीदों को बढ़ाया था। अब, दो साल बाद, यह देखना महत्वपूर्ण है कि इन वादों का कितना हिस्सा धरातल पर उतर पाया है।
घोषणापत्र में प्रमुख गारंटियां क्या थीं?
भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए गए थे, जिन्हें 'मोदी की गारंटी' के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
इनमें प्रमुख रूप से पेपर लीक पर सख्त कार्रवाई, रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी, पेट्रोल और डीजल के दामों को कम करना, हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना और पूर्ववर्ती सरकार की जनहितैषी योजनाओं को जारी रखना शामिल था।
इन गारंटियों का उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न वर्गों, जैसे युवाओं, महिलाओं, किसानों और मध्यम वर्ग को सीधा लाभ पहुंचाना था।
1. पेपरलीक पर एक्शन: माफिया पर शिकंजा और निष्पक्ष परीक्षाएँ
पेपर लीक विधानसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा
राजस्थान में लगातार हो रहे पेपर लीक के मामले विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े मुद्दों में से एक बनकर उभरे थे। युवाओं के भविष्य से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर भाजपा ने हर मोर्चे पर पेपर लीक करने वालों को जेल भेजने का कड़ा वादा किया था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणापत्र जारी करते समय स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो परीक्षा पत्र लीक की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। यह वादा युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।
हकीकत: एसआईटी का गठन और ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां
सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण के दिन ही पेपर लीक मामले में एसआईटी बनाने की घोषणा की, जो एक महत्वपूर्ण कदम था। कुछ ही दिनों बाद, एसओजी के एडीजी वीके सिंह के नेतृत्व में एक विशेष एसआईटी का गठन किया गया।
इस एसआईटी ने डमी कैंडिडेट बिठाने वाले, पेपर लीक करने वाले, परीक्षा में नकल कराने वाले और फर्जी डॉक्यूमेंट से नियुक्ति पाने वाले गिरोहों के खिलाफ ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां कीं।
- एसओजी के पास मार्च 2025 तक 3,674 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनकी गहनता से जांच की गई।
- एसआईटी ने लगभग डेढ़ साल में एसआई, पीटीआई, लाइब्रेरियन जैसी 43 भर्तियों से संबंधित 150 से अधिक मुकदमे दर्ज किए।
- पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी बिठाने, फर्जी डिग्री और अन्य गड़बड़ियों से जुड़े 370 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- पेपर लीक में शामिल रहे आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और रामूराम राईका को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
- पेपर लीक गैंग के सबसे बड़े सरगना जगदीश बिश्नोई, ब्लूटूथ नकल गैंग सरगना तुलछाराम कालेर और पौरव कालेर पर भी शिकंजा कसा गया।
- गड़बड़ियों में शामिल 95 सरकारी कर्मचारियों को सरकार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जिससे एक कड़ा संदेश गया है।
- एसआई भर्ती-2021 में 50 से अधिक ट्रेनी एसआई सहित 100 से अधिक आरोपियों को एसओजी ने पकड़ा।
बिना पेपर लीक के सफलतापूर्वक करवाई गईं परीक्षाएँ
सरकार ने पुरानी भर्तियों में घोटालेबाजों पर शिकंजा कसने के साथ-साथ दर्जनों सरकारी भर्तियों को बिना किसी विवाद के सफलतापूर्वक संपन्न करवाया है, जिससे युवाओं में विश्वास बढ़ा है।
- राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल की लिखित परीक्षा 13 और 14 सितंबर 2025 को बिना किसी विवाद के शांतिपूर्ण ढंग से हुई।
- राजस्थान पटवारी भर्ती परीक्षा 2025 का 17 अगस्त को सफल आयोजन हुआ, जिसमें कुल 6,76,011 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन किया था।
- राजस्थान ग्राम सेवक/वीडीओ परीक्षा 2 नवंबर 2025 को सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
- स्नातक स्तरीय सीईटी सितंबर 2024 में बिना किसी बाधा के संपन्न हुई।
2. 450 रुपए में गैस सिलेंडर: महिलाओं को राहत
चुनावी वादा और कांग्रेस से प्रतिस्पर्धा
प्रदेश की आधी आबादी यानी महिला वोटर्स को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 450 रुपए में सस्ते गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। यह वादा कांग्रेस द्वारा 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की काट में किया गया था।
गहलोत सरकार की घोषणा के जवाब में भाजपा ने 450 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा पीएम मोदी से करवाकर महिलाओं को साधने का प्रयास किया था, जो चुनावी रणनीति का एक अहम हिस्सा था।
हकीकत: बीपीएल और उज्जवला धारकों को लाभ
प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वपूर्ण गारंटी को भजनलाल सरकार ने पूरा किया है। वर्तमान में, बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) और उज्जवला कनेक्शनधारियों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) से जुड़े परिवारों को भी 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है।
- खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में प्रदेश के 1 करोड़ 7 लाख 35 हजार से अधिक परिवार शामिल हैं।
- इनमें से लगभग 37 लाख परिवार ऐसे हैं, जो बीपीएल या उज्जवला कनेक्शन धारियों की सूची में भी हैं।
- इन सभी पात्र परिवारों को मौजूदा समय में 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उन्हें बड़ी आर्थिक राहत मिली है।
3. पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा: वैट घटा, पर कीमत अब भी अधिक
पीएम मोदी का चुनावी आरोप और वादा
20 नवंबर, 2023 को पाली में आयोजित एक जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार पड़ोसी राज्यों की तुलना में 12 से 13 रुपए ज्यादा पेट्रोल वसूल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि गहलोत सरकार ने लूट मचा रखी है। मध्यम वर्ग को साधने के लिए पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा किया था, जो जनता के बीच एक प्रमुख मुद्दा था।
हकीकत: वैट घटाया, फिर भी महंगा
सत्ता में आने के करीब तीन महीने बाद, मार्च 2024 में भजनलाल सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2% वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) घटाने की घोषणा की। इस कदम से पेट्रोल-डीजल के दामों में कुछ हद तक राहत मिली।
पेट्रोल के भाव जो 116 रुपए तक चले गए थे, वे कम होकर 104 रुपए तक आए। हालांकि, यह राहत नाकाफी साबित हुई, क्योंकि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में अब भी सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा है।
उदाहरण के लिए, पड़ोसी राज्य हरियाणा में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत लगभग ₹95.71 से ₹96.12 प्रति लीटर के बीच है, जबकि राजस्थान में यह अभी भी काफी अधिक है।
सरकार की आर्थिक चुनौतियाँ
पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला वैट राज्य सरकार के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। खपत बढ़ने पर सरकार की आमदनी भी बढ़ती है।
वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो वर्ष 2019-20 से मार्च 2024 तक वैट की बढ़ी दरों से राज्य सरकार को करीब 5 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी हुई थी।
- राजस्थान में पेट्रोल पर वैट घटकर 29.04 फीसदी हो गया है, लेकिन यह अभी भी देश में सर्वाधिक है।
- तुलनात्मक रूप से, हरियाणा में सरकार 18.20 फीसदी वैट वसूलती है, जो राजस्थान से काफी कम है।
सूत्रों के अनुसार, फिलहाल सरकार की आर्थिक सेहत पूरी तरह ठीक नहीं है।
यही कारण है कि अभी तक पेट्रोल-डीजल सस्ते करने की गारंटी पर कोई ठोस और बड़ा कदम नहीं उठाया जा सका है, जिससे जनता को पूरी तरह से राहत मिल सके।
4. सभी घरों तक पानी: ईआरसीपी परियोजना पर काम जारी
'हर घर नल, हर घर जल' और ईआरसीपी का वादा
चुनावी प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 'हर घर नल, हर घर जल' पहुंचाने की बात कही थी।
इसके साथ ही, पूर्वी राजस्थान के बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति दिलाने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को पूरा करने का भी वादा किया गया था। यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के लिए जीवनरेखा मानी जाती है।
हकीकत: परियोजना का शिलान्यास और प्रगति
ईआरसीपी यानी रामसेतु लिंक परियोजना का काम तेजी से जारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 17 दिसंबर, 2024 को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी परियोजना का शिलान्यास किया था।
भजनलाल सरकार के एक साल पूरा होने के कार्यक्रम में पहली बार राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच इस परियोजना के समझौते को भी सार्वजनिक किया गया, जिससे इसके क्रियान्वयन का रास्ता साफ हुआ।
नदी जोड़ने का यह काम पूरा होने पर पूर्वी राजस्थान के 100 प्रतिशत घरों तक नल से हर घर पानी पहुंचने की संभावना है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ मिलेगा।
इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुर सिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग और जयपुर ग्रामीण जैसे 21 से अधिक जिलों को जल संकट से छुटकारा मिल पाएगा।
ईआरसीपी के लिए बजट और समय-सीमा
- ईआरसीपी के लिए 2024 के बजट में 45,000 करोड़ रुपए के प्रावधान की घोषणा की गई थी।
- इस बजट में राज्य का हिस्सा 10 प्रतिशत यानी करीब 4,500 करोड़ रुपए है।
- परियोजना के पहले चरण के लिए 13,000 करोड़ से 14,200 करोड़ रुपए तक की मंजूरी दी जा चुकी है।
- इससे पहले, गहलोत सरकार ने इस परियोजना के लिए 9,000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया था।
- रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना) पर काम शुरू हो चुका है।
कब पूरी होगी परियोजना
- ईआरसीपी राजस्थान की एक बड़ी और महत्वाकांक्षी जल परियोजना है, जिसका पहला चरण 4-6 साल में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसमें नौनेरा बैराज से ईसरदा और बीसलपुर तक नहरों और पंपिंग स्टेशनों का निर्माण शामिल है, जिस पर काम तेजी से चल रहा है।
- ठेका कंपनियों ने नहरें और अन्य आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम शुरू कर दिया है।
- 26 अगस्त को वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा था कि यह एक बड़ी परियोजना है और इसमें काफी समय लगेगा। उन्होंने बताया कि यह योजना 2039 तक अमलीजामा पहनेगी और फॉरेस्ट की जितनी भी एनओसी थी, उन्हें मंजूरी मिल गई है।
5. पुरानी योजनाओं को बंद नहीं करेंगे: कुछ बंद, कुछ में बदलाव
पीएम मोदी का आश्वासन
राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान कई जगहों पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह आश्वासन दिया था कि भाजपा की सरकार बनने पर कांग्रेस सरकार की जनहितैषी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा।
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की 100 यूनिट फ्री बिजली, अन्नपूर्णा किट, महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन और 25 लाख तक का मुफ्त इलाज जैसी कई लोकप्रिय योजनाएं थीं, जिन पर जनता की बड़ी निर्भरता थी।
हकीकत: योजनाओं में बदलाव और बंद करना
सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार ने कांग्रेस की कुछ योजनाओं को या तो बंद कर दिया या उनमें कुछ शर्तें जोड़ दीं। कई योजनाओं को केंद्र की अन्य योजनाओं के साथ मर्ज कर दिया गया।
- मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना को केंद्र की अन्य योजना में मर्ज कर दिया गया है।
- स्मार्टफोन वितरण योजना के तहत पिछली सरकार ने पहले चरण में लाखों महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन बांटे थे। चुनावी आचार संहिता लगने तक कुछ लोगों को फ्री में मोबाइल मिले थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद यह योजना रुक गई।
- मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना 1 अप्रैल 2025 से बंद कर दी गई है। इस योजना का 100 करोड़ रुपए का बजट था, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें और पानी की व्यवस्था पर खर्च किया जाना था।
- गरीब बच्चों को विदेश में पढ़ाई कराने के लिए शुरू की गई 'राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस' का नाम बदलकर 'विवेकानंद स्कॉलरशिप स्कीम' कर दिया गया है। इसमें यह शर्त जोड़ दी गई है कि विदेश में पढ़ाई करने के बाद छात्रों को करीब 2 साल तक राजस्थान में अपनी सेवाएं देनी होंगी, ऐसा न होने पर सरकार उनको पैसा नहीं देगी।
- युवाओं को 4500 रुपए महीने तक का बेरोजगारी भत्ता मिलता था, अब उसमें भी इंटर्नशिप की शर्त जोड़ दी गई है, जिससे कई युवा प्रभावित हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर लिखा था कि 'हमें किसी योजना का नाम बदलने पर एतराज नहीं है, लेकिन आप जांच करवा लीजिए, भाजपा सरकार बनने के बाद राजस्थान में कांग्रेस सरकार की योजनाओं को या तो बंद कर दिया गया है या फिर कमजोर कर दिया है।'
6. पीएम किसान निधि को बढ़ाकर 12 हजार रुपए वार्षिक करना: अभी भी 9 हजार
पीएम मोदी का चुनावी वादा
18 नवंबर 2023 को चुनावी प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वादा किया था कि जैसे ही राजस्थान में भाजपा सरकार बनेगी, प्रदेश के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि में 12 हजार रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे।
उस समय किसानों को 9,000 रुपए ही किसान सम्मान निधि में मिल रहे थे। राजस्थान में करीब 6 करोड़ लोग सीधे रूप से कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं।
ऐसे में इस घोषणा के जरिए भाजपा ने किसान वोटर्स और उनके परिवारों को साधने की कोशिश की थी।
हकीकत: वादा अभी तक अधूरा
सरकार बनने के दो साल होने वाले हैं, लेकिन अभी तक किसानों को वही 9 हजार रुपए ही किसान सम्मान निधि के तहत मिल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मुद्दे को कई बार उठा चुके हैं।
हालांकि, कुछ दिन पहले ही 5 दिसंबर को श्रीगंगानगर में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसान सम्मान निधि में 3000 रुपए बढ़ाए जाएंगे और किसानों को सालाना 12000 रुपए मिलेंगे। यह घोषणा अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है और किसान बढ़ी हुई राशि का इंतजार कर रहे हैं।
भजनलाल सरकार के दो साल के कार्यकाल का विश्लेषण 'मोदी की गारंटी' के संदर्भ में मिश्रित परिणाम दिखाता है।
जहां एक ओर 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने और पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने जैसे महत्वपूर्ण वादे पूरे किए गए हैं, वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने, पीएम किसान निधि को बढ़ाने और पुरानी योजनाओं को यथावत रखने जैसे कई वादे अभी भी अधूरे हैं या उनमें बदलाव किए गए हैं।
ईआरसीपी जैसी बड़ी परियोजना पर काम शुरू हो गया है, लेकिन इसके पूरा होने में लंबा समय लगेगा। सरकार के सामने आर्थिक चुनौतियां और जनता की उम्मीदों के बीच संतुलन साधने की चुनौती बनी हुई है।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा है कि सरकार सभी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन समय-सीमा और क्रियान्वयन की गति पर जनता की निगाहें बनी हुई हैं।
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