Highlights
- भीनमाल कोर्ट ने डबल मर्डर मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
- दो आरोपी पहाड़सिंह और डूंगरसिंह राजपूत को फांसी की सजा।
- पीड़ित परिवारों को 7-7 लाख रुपये मुआवजे का आदेश।
- ढाई साल पुराने हत्याकांड में न्यायाधीश राजेंद्र साहू का निर्णय।
जालोर: जालोर (Jalore) के भीनमाल कोर्ट (Bhinmal Court) ने ढाई साल पुराने डबल मर्डर मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। न्यायाधीश राजेंद्र साहू (Justice Rajendra Sahu) ने आरोपी पहाड़सिंह (Pahadsingh) और डूंगरसिंह राजपूत (Dungarsingh Rajput) को फांसी की सजा दी।
यह फैसला रामसीन थाना क्षेत्र के मोदरान गाँव में हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड से संबंधित है।
इस मामले में दो व्यक्तियों की निर्मम हत्या की गई थी, जिनमें से एक आरोपी की भाभी थी और दूसरा एक अन्य व्यक्ति था।

न्यायालय की लंबी सुनवाई
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (ADJ Court) के न्यायाधीश राजेंद्र साहू ने इस संवेदनशील मामले की गहन सुनवाई की।
करीब ढाई साल तक चली कानूनी प्रक्रिया और साक्ष्यों के आधार पर यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया गया।
दोषियों को मृत्युदंड
न्यायाधीश साहू ने आरोपी पहाड़सिंह राजपूत और डूंगरसिंह राजपूत को हत्या का दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई।
इस फैसले को न्याय के लिए एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे समाज में एक मजबूत संदेश गया है।
पीड़ितों को मुआवजा और सहायता
कोर्ट ने अपने आदेश में पीड़ित दोनों परिवारों को सात-सात लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
इसके अतिरिक्त, मामले में बचावकर्ता एएसआई सुरेंद्र सिंहराव को उनकी भूमिका के लिए डेढ़ लाख रुपये की सहायता राशि जारी करने का भी आदेश दिया गया।
अधिवक्ता की भूमिका
परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पृथ्वीसिंह चौहान ने इस मामले में सशक्त पैरवी की।
उनकी मजबूत दलीलों और साक्ष्यों के प्रस्तुतीकरण ने दोषियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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