Highlights
- यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन ने एक वर्ष में ₹6 करोड़ से अधिक की सहायता प्रदान की।
- 350 विद्यार्थियों को आईएएस और आरएएस की तैयारी के लिए गोद लिया गया।
- 100 युवाओं को होटल उद्योग में प्रशिक्षण के साथ रोजगार का अवसर दिया जा रहा है।
- 50 निराश्रित व दिव्यांग जोड़ों का सामूहिक विवाह लक्ष्मी निवास पैलेस में आयोजित होगा।
बीकानेर: बीकानेर (Bikaner) में यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (United Global Peace Foundation - UGPF) के राष्ट्रीय सम्मेलन में फाउंडेशन निदेशक शक्ति सिंह बांदीकुई (Shakti Singh Bandikui) ने शिक्षा, रोजगार और भारतीय मूल्यों पर जोर दिया।
शक्ति सिंह बांदीकुई का प्रेरणादायी संबोधन
लक्ष्मी निवास पैलेस, बीकानेर में आयोजित यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (यूजीपीएफ) के राष्ट्रीय सम्मेलन “एचआर–सीएसआर ऑन सर्वे भवन्तु सुखिनः” के दूसरे दिन फाउंडेशन निदेशक शक्ति सिंह बांदीकुई ने एक भावनात्मक और ऊर्जावान भाषण दिया।
उन्होंने शिक्षा, रोजगार और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित विकास की एक नई परिभाषा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल के नेतृत्व में हुआ।
देशभर से लगभग 40 से अधिक शिक्षाविद, एचआर विशेषज्ञ और कॉर्पोरेट नेता इस सम्मेलन में शामिल हुए।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त आईएएस राजेंद्र सिंह शेखावत, सलाहकार के.के. बोहरा, ब्रिगेडियर जितेंद्र सिंह शेखावत, तथा प्रबंधक मुकेश मेघवंशी सहित यूजीपीएफ की टीम मौजूद रही।
"मैं सरस्वती का पुत्र हूं" – भावनात्मक शुरुआत
शक्ति सिंह ने अपने संबोधन की शुरुआत एक अनोखी संवेदनशीलता के साथ की।
उन्होंने कहा कि वे उन भाग्यशाली लोगों में से हैं जो स्वयं को सरस्वती पुत्र मानते हैं।
उन्होंने बताया कि पदवेश इसलिए उतारकर इस मंच पर आए हैं क्योंकि जब बेटा मां की गोद में जाता है तो वह अबोध बालक की तरह जाता है और उसी भाव से वे आज मां सरस्वती की इस गोद में खड़े हैं।
उन्होंने बीकानेर की धरती, मां करणी जी, और महाराजा गंगा सिंह जी की ऐतिहासिक विरासत को नमन किया।
उन्होंने लक्ष्मी निवास पैलेस को न केवल राजस्थान का गौरव बल्कि “भारत का दूसरा ताजमहल” कहा।
"इतिहास को दोहराया नहीं, जिया गया है" – पर्यावरणीय योगदान की सराहना
शक्ति सिंह ने चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल की प्रेरणा और उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह के पर्यावरणीय योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा कि महाराजा गंगा सिंह जी ने जिस इतिहास को रचा, उसे आज मेघराज सिंह जी के पुत्र मानवेंद्र सिंह जी ने पुनर्जीवित किया है।
उन्होंने जयपुर के पास 500 एकड़ बंजर भूमि को हरित क्रांति में बदल देने को कोई सामान्य कार्य नहीं बल्कि राजस्थान के लिए एक नया पर्यावरणीय इतिहास बताया।
उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रोजेक्ट ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स द्वारा पर्यावरण संरक्षण के मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है, जो भारत के लिए गर्व की बात है।
यूजीपीएफ के एक वर्ष के अद्भुत कार्य
शक्ति सिंह ने गर्वपूर्वक फाउंडेशन की उपलब्धियां गिनाईं।
शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां
उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में ₹6 करोड़ से अधिक की सहायता शिक्षा, विवाह, गौसेवा और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों में की गई है।
फाउंडेशन ने 350 विद्यार्थियों को आईएएस और आरएएस की तैयारी के लिए गोद लिया है।
इन बच्चों की पूरी कोचिंग, हॉस्टल और भोजन की व्यवस्था फाउंडेशन द्वारा की गई है।
एक बालक, जिसके पिता ट्रक ड्राइवर हैं, एनडीए की परीक्षा पास कर चुका है।
दो बेटियों ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की प्रारंभिक परीक्षा पास की है और अब मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रही हैं।
फाउंडेशन की एक छात्रा ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा के लिए गई है।
खेल और युवा सशक्तिकरण
फाउंडेशन ने न केवल शिक्षा बल्कि खेल के क्षेत्र में भी प्रेरणादायक कार्य किया है।
अशोक सिंह, जिसने वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप (ग्रीस) में 236 किमी दौड़कर भारत का तिरंगा फहराया, फाउंडेशन के सहयोग से विदेश गया।
राजेंद्र सिंह चौहान, 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर, इंडिया टीम के लिए शॉर्टलिस्ट हुए हैं।
चीनू राठौड़, जो अब राजस्थान रणजी महिला टीम का हिस्सा हैं, भी फाउंडेशन की प्रतिभागी हैं।
कन्या विवाह और सामाजिक उत्तरदायित्व
शक्ति सिंह ने बताया कि अब तक 19 से अधिक कन्याओं के विवाह में सहयोग दिया गया है।
आगामी माह लक्ष्मी निवास पैलेस में 50 निराश्रित व दिव्यांग जोड़ों का सामूहिक विवाह आयोजित किया जाएगा।
इस आयोजन में रहने, भोजन और मनोरंजन की सभी व्यवस्थाएं फाउंडेशन द्वारा की जाएंगी।
सौर ऊर्जा और रोजगार का नया मॉडल
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस राजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा प्रस्तुत मॉडल में राजस्थान के सौर संसाधनों का उपयोग कर 45 लाख युवाओं के लिए रोजगार सृजन का खाका तैयार किया गया है।
यूजीपीएफ ने हाल ही में 100 युवाओं को होटल उद्योग में रोजगारपरक प्रशिक्षण शुरू किया है।
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रत्येक को ₹5.40 लाख की एकमुश्त राशि और ₹10,000 मासिक मानदेय, साथ ही रहने और भोजन की सुविधा दी जाएगी।
शक्ति सिंह का आह्वान – "हम विश्वास बदल देंगे"
अपने भाषण के समापन में शक्ति सिंह बांदीकुई ने कहा कि वे केवल सहायता नहीं कर रहे, वे विश्वास जगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों के खंडित विश्वास को बदल देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे अकेले हैं तो भी पहाड़ों पर चढ़ सकते हैं, लेकिन अगर आप जैसे बुद्धिजीवी साथ हो गए तो वे हिंदुस्तान का नया इतिहास लिख देंगे।
सम्मेलन की प्रमुख झलकियाँ और वक्ता
सम्मेलन में उपस्थित रहे प्रमुख वक्ताओं में मुख्य अतिथि श्री राकेश सिंह, मंत्री, लोक निर्माण विभाग, मध्य प्रदेश (ऑनलाइन) शामिल थे।
प्रो. पी.के. सिंह, निदेशक, आईआईएम त्रिची और प्रो. विनीता, निदेशक, आईआईएम बोधगया ने भी अपने विचार साझा किए।
प्रो. बी.एस. सहाय, निदेशक, आईआईएम जम्मू और डॉ. आर. बालासुब्रहमण्यम, सदस्य, एचआर–सीबीसी, भारत सरकार भी उपस्थित रहे।
डॉ. अगुस इन्द्र उदयाना, संस्थापक, गांधी आश्रम पुरी, इंडोनेशिया ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
श्री ग्यानेश्वर कुमार सिंह, महानिदेशक एवं सीईओ, आईआईसीए नई दिल्ली और डॉ. विनय रंजन, निदेशक (एचआर), कोल इंडिया लिमिटेड ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एम्स. भावना मित्तल, सीएचआरओ, हीरो फ्यूचर एनर्जी और एम्स. रुखि धवन, वीपी–एचआर, इंडिगो एयरलाइंस भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा थीं।
निष्कर्ष: भारतीय सोच ही वैश्विक स्थिरता का भविष्य
बीकानेर सम्मेलन केवल कॉर्पोरेट ईएसजी चर्चा नहीं था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, शिक्षा, पर्यावरण और रोजगार सृजन की एक नई दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक आयोजन बन गया।
यूजीपीएफ ने “सर्वे भवन्तु सुखिनः” के मंत्र को अपने कार्यों के केंद्र में रखकर यह सिद्ध किया है कि भारतीय सोच ही वैश्विक स्थिरता का भविष्य है।