कांग्रेस राज में बेबस आम आदमी: भाजपा का आरोप- निजी बसों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने घटाई रोडवेज बस

भाजपा का आरोप- निजी बसों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने घटाई रोडवेज बस
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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित गोयल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने निजी यात्री बसों को फायदा पहुंचाने के लिए राजस्थान रोडवेज को बंद होने के कगार पर पहुंचा दिया है। 

जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के ऐलान के बाद से भाजपा अब कांग्रेस को हर तरह से घेरने की कोशिश में लगी हुई है। 

ऐसे में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित गोयल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने निजी यात्री बसों को फायदा पहुंचाने के लिए राजस्थान रोडवेज को बंद होने के कगार पर पहुंचा दिया है। 

पिछले 5 वर्ष में रोडवेज के बेडे में करीब एक हजार बसें कम कर दी गई जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में बसें बंद हो गई है और लोगों को शहरों में आवागमन के लिए निजी वाहनों पर निर्भर कर दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस शासन की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को उठाना पड रहा हैं। गहलोत सरकार की बेरूखी के चलते आमजन बेश्बस हो गया। इससे एक ओर जहां आमजन को यात्रा में परेशानी का सामना करना पड रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी खजाने में भी राजस्व की कमी हुई है।

सरकार की मेहरबानी से प्रदेश में लगातार निजी बसों की मनमर्जी चल रही है। इसका खामियाजा भी आम आदमी को ज्यादा किराया चुकाकर करना पड रहा है।  

प्रदेश प्रवक्ता अमित गोयल ने कहा कि भाजपा के राज में जहां 9 साल पूर्व 2014 में करीब 4200 बसें राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के बेडे में दौड रही थी, वहीं कांग्रेस सरकार के राज में 25 फीसदी रोडवेज बसों को कम कर दिया गया। 

इसके अलावा रोडवेज के बेडे में जितनी बसें है उसमें से आधी तो कंडम होने के कगार पर पहुंच गई है जिसके कारण आए दिन रोडवेज की बसें बीच सडक पर खराब हो रही है। जयपुर में भी पिछले दिनों सिटी बसों को बंद कर दिया गया है जिसके कारण कई रूटों पर बसें बंद हो गई है। 

आंकडों के मुताबिक भाजपा शासन के दौरान जनवरी 2014 में जहां 4209 रोडवेज बसें दौड रही थी, जबकि कांग्रेस शासन में जनवरी 2023 में यह आंकडा 3256 बसों पर आ गया। इधर, बसें कम होने के बाद भी रोडवेज का यात्रीभार लगातार बढ रहा है लेकिन राज्य सरकार बसों की सुध लेने को तैयार नहीं है। 

वर्ष 2014 में रोडवेज का यात्रीभार 69 प्रतिशत था, जो दिसंबर 2022 में बढकर 91 प्रतिशत तक आ गया। ऐसे में यात्रीभार तो लगातार बढ रहा है ,लेकिन राज्य सरकार बसों की संख्या बढाने की बजाय घटा रही है।

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