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आईओए) ने भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह समेत निवर्तमान पदाधिकारियों पर 13 मई को संघ की प्रस्तावित प्रशासनिक समारोह में शामिल होने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली | इंडियन ओलंपिक संघ (आईओए) ने भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह समेत निवर्तमान पदाधिकारियों पर 13 मई को संघ की प्रस्तावित प्रशासनिक समारोह में शामिल होने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी है।
आईओए के इस फैसले से माना जा रहा है कि बृज भूषण शरण सिंह 13 मई 2023 से भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख नहीं रहे।
इंडियन ओलंपिक संघ का ये फैसला जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों के धरने के मद्देनजर लिया हुआ माना जा रहा है।
भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान पदाधिकारियों की अब महासंघ के किसी भी काम में कोई भूमिका नहीं होगी।
आईओए ने बयान जारी कर दिए निर्देश
इस संबंध में आईओए ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आईओए की ओर से नियुक्त तदर्थ समिति खेल संहिता के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी।
तदर्थ समिति के अस्तित्व में आने के साथ ही डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की महासंघ के किसी भी काम प्रशासनिक, आर्थिक मामलों या अन्य में कोई भूमिका नहीं होगी।
इसी के साथ आईओए ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे वेबसाइट प्रबंधन, वित्तीय साधनों, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां करने के लिए लॉगिन विवरण आदि समेत सभी आधिकारिक दस्तावेजों को तत्काल तदर्थ समिति को सौंप दें।
गौरतलब है कि पहलावनों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन-उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले 20 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठे हुए हैं।
अब तो पहलवानों को किसानों और खापों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के नेता और देशभर के लोगों से भी समर्थन मिल रहा है।
चारों ओर से समर्थन मिलने के चलते पहलवानों के आंदोलन को मजबूती मिली है।
बृजभूषण ने सभी आरोपों को बताया निराधार
वहीं दूसरी ओर, बृज भूषण शरण सिंह ने 12 मई 2023 को दिल्ली पुलिस के पास अपने बयान दर्ज कराए थे। जिसमें उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए सभी आरोप निराधार बताए हैं।