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सीएम गहलोत ने बिना पायलट का नाम लिए उन पर तंज कसते हुए कहा है कि पेपर आउट होने पर मुआवजे की मांग करना बुद्धि का दिवालियापन है। आपको बता दें कि सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ तीन मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है और सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रखा है।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 सिर पर है, बावजूद इसके अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।
सचिन पायलट ने पहले ही सीएम गहलोत के खिलाफ भ्रष्टाचार और प्रदेश में पेपर लीक मामले को लेकर बगावती तेवर दिखा रखे हैं।
ऐसे में दोनों गुटों के बीच आए दिन जुबानी हमले होना कोई नई बात नहीं है।
इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने एक बार फिर से सचिन पायलट पर जबरदस्त हमला बोला है।
सीएम गहलोत ने बिना पायलट का नाम लिए उन पर तंज कसते हुए कहा है कि पेपर आउट होने पर मुआवजे की मांग करना बुद्धि का दिवालियापन है।
आपको बता दें कि सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ तीन मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है और सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रखा है।
सीएम बोले- इसे तो बुद्धि का दिवालियापन ही कहेंगे
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरूवार को राजधानी जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर नए टर्मिनल के लोकार्पण कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि 26 लाख युवाओं को रीट के लिए निशुल्क ट्रांसपोर्ट दिया गया, उनका किराया बचाया गया, मगर जब पेपर आउट हो गया तो वही हाईलाइट हो गया।
हमारे यहां मांग की जाती है कि पेपर आउट हो गया तो मुआवजा दो, इसे बुद्धि का दिवालियापन ही कहेंगे।
दुनिया में ऐसी मांग किसी ने आज तक नहीं की है यह लोग समझते ही नहीं है कि आखिर करना क्या है?
आपको बता दें कि सचिन पायलट ने जिन मांगों को लेकर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रखा है उसमें एक मांग पेपर आउट होने पर अभ्यर्थियों को मुआवजा देने की भी है।
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) May 25, 2023
महिलाओं को सौगात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की महिलाओं को बड़ी सौगात भी दी। सीएम गहलोत ने अपने बजट भाषण के दौरान राजस्थान रोडवेज की सभी श्रेणियों की बसों में महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया था जिसको लेकर उन्होंने एक बार फिर से अपने भाषण में दोहराया।
इस दौरान सीएम गहलोत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हमारी सरकार के सारे विकास कार्य बंद कर दिए।
हाउसिंग बोर्ड और रोडवेज बंद करने की बात हुई और 3 विश्वविद्यालय बंद कर दिए। ग्रामीण बस सेवा बंद कर दी।
उत्तराखंड त्रासदी में जो लोग मर गए थे उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दी थी उनकी नौकरी तक छीन ली गई।
हम निपटा लेंगे गहलोत-पायलट की खटपट
वहीं दूसरी ओर, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंद्र रंधावा ने दावा किया कि कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ों को हम निपटा लेंगे।
रंधावा ने गुरुवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत और पायलट खेमे के बीच चल रही खटपट को लेकर कहा कि जिस पार्टी और घर में कुछ होता है तो लड़ाई भी वही होती है।
यदि कहीं कुछ होगा ही नहीं तो वहां लड़ाई क्या होगी। हम लोग इस मुद्दें को शांति से सुलझा लेंगे।