Highlights
जहां सचिन पायलट वसुंधरा राजे सरकार कार्यकाल के दौरान घोटालों की मांग को लेकर अपनी ही गहलोत से सरकार के खिलाफ अनशन कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर, सीएम गहलोत भाजपा की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ करते दिख रहे हैं।
जयपुर | लगता है राजस्थान में चल रही कांग्रेस के भीतर वर्चस्व की लड़ाई अब और तेज होने वाली है।
जहां सचिन पायलट वसुंधरा राजे सरकार कार्यकाल के दौरान घोटालों की मांग को लेकर अपनी ही गहलोत से सरकार के खिलाफ अनशन कर चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर, सीएम गहलोत भाजपा की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ करते दिख रहे हैं।
सीएम गहलोत द्वारा राजे की तारीफ किए जाने को लेकर सियासी अटकलों को हवा मिल गई है।
सीएम गहलोत ने कहा है कि जिस तरह से मैंने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए भैरोसिंह शेखावत सरकार को गिराने के षड़यंत्र में साथ देने से मना कर दिया था।
उसी तरह से वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने भी किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग करके सरकार गिराने की परंपरा नहीं है। इसमें उन्होंने क्या गलत कहा है?
सीएम गहलोत ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनकी सरकार गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
हमारे 19 विधायक मानेसर गए थे। उन्होंने हमारे विधायकों को सब तरह का लालच दिया था। गजेंद्र सिंह ने जनता की चुनी हुई सरकार को गिराने का कुकर्म किया है।
सीएम गहलोत का पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बयान को समर्थन करना राजनीतिक गलियारों में चर्चा बन गया है।
दरअसल, अभी कांग्रेस नेता और विधायक सचिन पायलट तत्कालीन राजे सरकार के दौरान घोटालों खिलाफ जांच की मांग को लेकर अड़े हुए है।
इसके लिए वे एक दिन का अनशन भी कर चुके हैं। उनकी सीएम गहलोत से लगातार मांग है कि वे वसुंधरा राजे की तत्कालीन सरकार के खिलाफ जांच करवाएं, लेकिन अभी तक अशोक गहलोत इसके लिए तैयार नहीं हुए हैं।
अब सीएम गहलोत का पूर्व सीएम राजे की तारीफ करना पायलट खेमे को बड़ा सियासी मैसेज है।
ऐसे में माना जा रहा है कि, राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले पायलट गुट कोई बड़ा सियासी कदम भी उठा सकता है।