Highlights
- बाड़मेर रिफाइनरी इसी साल दिसंबर में शुरू होगी।
- 22 जिलों के किसानों को दिन में बिजली मिलनी शुरू हुई।
- राजस्थान पेट्रोकेमिकल और डाउनस्ट्रीम उद्योगों के लिए विकसित हो रहा है।
- दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के भंडार से आत्मनिर्भरता की ओर कदम।
जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने घोषणा की कि बाड़मेर रिफाइनरी (Barmer Refinery) इस साल दिसंबर में शुरू हो जाएगी और 22 जिलों के किसानों को दिन में बिजली मिलनी शुरू हो गई है।
बाड़मेर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का शुभारंभ
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की है कि राजस्थान की बाड़मेर रिफाइनरी इस साल दिसंबर से शुरू हो जाएगी।
उन्होंने यह घोषणा कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी मीट को संबोधित करते हुए की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लंबे समय से बहुप्रतीक्षित एचपीसीएल की यह रिफाइनरी बाड़मेर के धोरों में प्रारंभ होने वाली है।
इसके साथ ही वहां पर पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स भी स्थापित किया जा रहा है।
राज्य में डाउनस्ट्रीम उद्योग के लिए राजस्थान पेट्रो जोन विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 ब्लॉकों में काम प्रारंभ हो चुका है और उन्होंने निवेशकों को पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में आकर अपना उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पूरा परिसर तैयार करके देगी, निवेशकों को केवल अपनी मशीनें लगाकर उत्पादन शुरू करना होगा।
किसानों को दिन में बिजली और जल प्रबंधन
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पानी और बिजली की समस्या थी जिस पर उनकी सरकार ने सबसे पहले काम करना शुरू किया।
उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में राजस्थान के हर जिले में पानी की व्यवस्था करने का काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में भी लगातार काम किया जा रहा है।
उन्होंने किसानों से वादा किया है कि साल 2027 में किसानों को दिन में पूरी बिजली दी जाएगी।
वहीं, पिछले 22 महीनों में 22 जिलों में दिन में बिजली देने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
प्रवासी राजस्थानियों का योगदान और राजस्थानी प्रवासी दिवस
प्रवासी राजस्थानी मीट को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास में प्रवासी राजस्थानियों के बड़े योगदान की सराहना की।
उन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी राजस्थान की संस्कृति को संजोए रखने के लिए प्रवासी राजस्थानी समुदाय की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी उपलब्धियां राज्य के युवाओं और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक हैं।
वर्तमान में राजस्थान फाउंडेशन (आरएफ) के 26 चैप्टर देश के विभिन्न राज्यों और दुनिया के देशों में कार्यरत हैं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों को 10 दिसंबर को आयोजित होने वाले राजस्थानी प्रवासी दिवस के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने इस अवसर पर राजस्थान फाउंडेशन की कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
औद्योगिक परिदृश्य में तेजी से बदलाव: निवेश के अवसर
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी मीट के दौरान माइंस और मिनरल्स, केमिकल्स, टेक्सटाइल एवं होजरी, आईटी और शेखावाटी हवेली पर केंद्रित सेक्टोरल राउंडटेबल की अध्यक्षता की।
इस दौरान उन्होंने उद्यमियों, निवेशकों और प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान के तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
माइंस और मिनरल्स क्षेत्र में संभावनाएं
श्री शर्मा ने बताया कि ग्रेनाइट और संगमरमर के प्रचुर भंडार के साथ-साथ राजस्थान जस्ता, सीसा और चूना पत्थर का अग्रणी उत्पादक राज्य है।
उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों और निवेशकों को खनिज प्रसंस्करण, डाउनस्ट्रीम उद्योगों और सस्टेनेबल माइनिंग में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
श्री शर्मा ने राजस्थान खनिज नीति-2024, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति-2024 (रिप्स-2024) और राजनिवेश सिंगल-विंडो प्रणाली जैसी नीतियों की जानकारी भी दी।
इन नीतियों के माध्यम से इन सेक्टर्स में प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो पा रहा है।
दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का भंडार: आत्मनिर्भरता की ओर
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालोतरा के सिवाना रिंग कॉम्प्लेक्स में महत्वपूर्ण रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के भंडार की खोज के साथ प्रदेश औद्योगिक विकास के एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है।
यह भारत का पहला हार्ड रॉक आरईई ब्लॉक बन गया है।
उन्होंने कहा कि यह खोज आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यहां मिलने वाले 17 खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों और उच्च तकनीक निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इन संसाधनों का दोहन करने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप एक एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने की योजना भी बना रही है।
केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के बढ़ते अवसर
मुख्यमंत्री ने केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल उद्योगों की बढ़ती संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने राजस्थान का दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दिल्ली-एनसीआर से मजबूत कनेक्टिविटी का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ऐसे नए अवसर पैदा करना है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही इसकी विरासत को संरक्षित करें और सतत विकास को बढ़ावा भी दें।
उन्होंने बताया कि बालोतरा में शुरू होने जा रही पेट्रोलियम रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से राज्य एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है।
एचपीसीएल, वेदांता, हिंदुस्तान जिंक, चंबल फर्टिलाइजर्स और दीपक नाइट्राइट जैसी अग्रणी कम्पनियां प्रदेश में काम कर रही हैं।
इससे बड़े पैमाने पर रोजगार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिला है।
राजस्थान: देश का अग्रणी आईटी हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और नीतियों के साथ एक अग्रणी आईटी केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि जयपुर और जोधपुर में भारत का सबसे बड़ा सरकारी डेटा सेंटर संचालित है।
यह राजस्वान नेटवर्क और ई-मित्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से 600 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराता है।
आईस्टार्ट के तहत 4,900 से अधिक स्टार्टअप और टेक्नो हब जैसी सुविधाओं के साथ प्रदेश का इनोवेटिव इकोसिस्टम लगातार विस्तार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी (आर-कैट), दिग्गज ग्लोबल टेक कम्पनियों के साथ साझेदारी कर राज्य सरकार युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर कार्य कर रही है।
वहीं, आईआईटी जोधपुर और आईआईएम उदयपुर जैसे प्रमुख संस्थान प्रतिभाओं को नए अवसर प्रदान भी कर रहे हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जैसे विशेष आर्थिक क्षेत्र और राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025 जैसी निवेशक-अनुकूल नीतियों के कारण हमारा राज्य आईटी और आईटीईएस विकास के लिए एक प्रमुख गंतव्य स्थान के रूप में उभरा है।
तेजी से बढ़ता टेक्सटाइल डेस्टिनेशन
मुख्यमंत्री ने टेक्सटाइल और होजरी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि राजस्थान देश का सबसे तेजी से उभरता टेक्सटाइल डेस्टिनेशन है।
उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल सिटी के रूप में भीलवाड़ा ने राजस्थान को नई पहचान दी है।
उन्होंने कहा कि नई टेक्स्टाइल एंड अपेरल पॉलिसी-2025 मानव निर्मित रेशों, तकनीकी वस्त्रों और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देती है।
शेखावाटी की हवेलियों में पर्यटन की अपार संभावनाएं
श्री शर्मा ने राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत के साथ ही शेखावाटी हवेलियों के संरक्षण के संबंध में भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि ये हवेलियां राजस्थान के गौरवशाली अतीत की प्रतीक हैं।
ये कला, वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
उन्होंने कहा कि इन हवेलियों के संरक्षण करने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है।
इस कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री झाबर सिंह खर्रा, अधिकारीगण, निवेशक, प्रवासी राजस्थानी और विभिन्न सेक्टर्स के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
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