Rajasthan BJP: कमीशन मामले में डांगा के जवाब से भाजपा असंतुष्ट, अनुशासन समिति को सौंपा

कमीशन मामले में डांगा के जवाब से भाजपा असंतुष्ट, अनुशासन समिति को सौंपा
डांगा के जवाब से भाजपा असंतुष्ट: राठौड़
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Highlights

  • खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा के जवाब से भाजपा संतुष्ट नहीं।
  • मामला पार्टी की अनुशासन समिति को सौंपा गया।
  • मदन राठौड़ ने बताया कि समिति तथ्यों के आधार पर जांच करेगी।
  • डांगा समेत तीन विधायक स्टिंग ऑपरेशन में बेनकाब हुए थे।

जयपुर: कमीशन मांगने के मामले में खींवसर (Khinwsar) से विधायक रेवंतराम डांगा (Rewantram Danga) के जवाब से भाजपा (BJP) संतुष्ट नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने बताया कि मामला पार्टी की अनुशासन समिति (Disciplinary Committee) को सौंप दिया गया है।

शनिवार को जयपुर में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पार्टी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए यह महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायक का जवाब मिलने के बाद पार्टी ने उसकी गहन समीक्षा की, लेकिन वह संतोषजनक नहीं पाया गया।

राठौड़ ने आगे कहा कि भाजपा में एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है। ऐसे गंभीर मामलों में सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और उसके जवाब की पार्टी स्तर पर जांच की जाती है।

अनुशासन समिति करेगी विस्तृत जांच

मदन राठौड़ ने बताया कि विधायक के जवाब से असंतुष्टि के बाद इस मामले को पार्टी की अनुशासन समिति के पास भेजा गया है। यह समिति अब पूरे मामले की विस्तृत और गहन जांच करेगी, जिसमें सभी तथ्यों और सबूतों को परखा जाएगा।

जांच पूरी होने के बाद समिति अपनी विस्तृत रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही पार्टी आगे का निर्णय लेगी और दोषी पाए जाने पर उचित व कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही के सिद्धांतों पर चलती है। पार्टी किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वह कोई भी पद पर हो।

क्या है पूरा मामला और स्टिंग ऑपरेशन?

यह पूरा मामला विधायक फंड से होने वाले विकास कार्यों में कमीशन मांगने से जुड़ा है। खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा पर 50 लाख रुपये के काम दिलाने के बदले 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का गंभीर आरोप है।

यह आरोप एक सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन के बाद सामने आया था। इस ऑपरेशन में डांगा के साथ-साथ कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत भी बेनकाब हुए थे।

दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने एक डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर इन विधायकों से संपर्क किया था। इस दौरान उन्होंने एमएलए-लैड (MLA-LAD) के तहत होने वाले विकास कार्यों की सिफारिश के बदले कमीशन की मांग की थी, जो कैमरे में साफ तौर पर कैद हो गया।

भाजपा ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस

स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया था। पार्टी ने तुरंत अपने विधायक रेवंतराम डांगा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

इसी नोटिस का जवाब डांगा ने पार्टी को सौंपा था, जिससे अब भाजपा संतुष्ट नहीं है। पार्टी ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।

सदाचार कमेटी के सामने भी पेश हुए थे विधायक

कमीशन मांगने के आरोपों का सामना कर रहे तीनों विधायक शुक्रवार को विधानसभा की सदाचार कमेटी के सामने भी पेश हुए थे। कमेटी के सभापति कैलाश वर्मा के समक्ष उनकी पेशी हुई थी।

खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा ने कमेटी के सामने अपनी खराब तबीयत का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि वे अभी बीमार हैं और उन्हें आरोपों पर विस्तृत जवाब देने के लिए थोड़ा और समय चाहिए।

जब कमेटी ने उनसे सीधे पूछा कि क्या उन्होंने वास्तव में कमीशन मांगा था, तो तीनों विधायकों ने एक सुर में खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया।

कमेटी ने उनसे अपने निर्दोष होने के पक्ष में सबूत पेश करने को कहा। इस पर तीनों विधायकों ने सबूत जुटाने और पेश करने के लिए कुछ समय की मांग की।

विधायकों ने मांगा अतिरिक्त समय

रेवंतराम डांगा ने सबूत पेश करने के लिए 15 दिन का समय मांगा। वहीं, कांग्रेस विधायक अनीता जाटव ने 7 दिन और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ने 10 दिन का अतिरिक्त समय मांगा।

सदाचार कमेटी ने तीनों विधायकों की यह मांग मंजूर कर ली। अब उन्हें अलग-अलग निर्धारित दिनों पर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जाएगा, ताकि वे अपने पक्ष में सबूत पेश कर सकें।

रेवंतराम डांगा 15 दिन बाद, अनीता जाटव 7 दिन बाद और ऋतु बनावत 10 दिन बाद कमेटी के सामने फिर से पेश होंगी। रेवंतराम ने अपने खराब स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा कि वे पूरी तरह स्वस्थ होने पर सभी सवालों के जवाब देंगे।

यह मामला राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाए हुए है और भाजपा का यह कड़ा रुख भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक गलियारों की निगाहें टिकी हुई हैं।

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