Highlights
- तय समय बाद शराब बेचने पर रोक के बावजूद कोई डर नहीं
- अवैध रूप से खुले रहते ठेकों पर कोई नहीं कर रहा कार्रवाई
सिरोही | शराब ठेकेेदार आबकारी व पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। रात आठ बजे बाद शराब बेचान पर रोक के बावजूद ये बेफिक्री से शराब बेचान कर रहे हैं। अवैध रूप से चल रहे ठेकों को बंद करवाने में न तो पुलिस दिलचस्पी ले रही है और न ही आबकारी। अपनी जिम्मेदारी से विमुख हो रहे इन अधिकारियों पर कार्रवाई कौन करेगा यह भी विचारणीय बिंदू है।
पुलिस मुख्यालय से सख्त निर्देशों के बावजूद रात आठ बजे बाद भी शराब की बिक्री बदस्तूर जारी है। कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री ने इस तरह के मामलों को लेकर सम्बंधित थानेदार व वृत्ताधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की थी, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे इन अधिकारियों पर कार्रवाई कौन करेगा यह कहना मुश्किल है। पुलिस की नाक के नीचे रातभर शराब की बिक्री हो रही है। जिला मुख्यालय पर ही यह स्थिति है। शहर की लगभग हर दुकान पर देर रात तक शराब बेची जा रही है, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
सिरोही शहर में ही बाहरी घाटे से लेकर गोयली चौराहा एवं राजमाता धर्मशाला, भाटकड़ा चौराहा, अनादरा चौराहे से लेकर रीको एरिया तक लगभग सारी दुकानों में नियम-कायदे ताक पर रखे हुए हैं। रात साढ़े दस बजे बाद भी शराब आसानी से मिल रही है। अमूमन खिड़कियों से शराब देने वाले ठेकेदार ग्राहकी ज्यादा होने पर दुकान का शटर भी खोल देते हैं। सिरोही शहर की लगभग सभी दुकानों में यही स्थिति है।
राज्य सरकार के आदेशानुसार प्रदेश में रात आठ बजे बाद शराब की बिक्री करना गैर कानूनी है। वैसे रात आठ बजे बाद ही शराब की सर्वाधिक बिक्री होती है। शराब ठेकों पर रात शटर के नीचे से व दुकानों में निकाली गई खिड़कियों से खुले तौर पर शराब बेची जा रही है। यहां तक कि रात दस से ग्यारह बजे भी आसानी से शराब मुहैया हो जाती है।
निर्धारित समय बाद भी ठेकेदार बेखौफ होकर शराब बेच रहे हैं। इसके पीछे मिलीभगत की कहानी यह बताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि कि शराब ठेकेदार सम्बंधित थानों में मोटी रकम पहुंचाते हैं। मंथली रकम के बाद ठेकेदार को कोई पूछने वाला नहीं। लिहाजा रात आठ बजे बाद देर रात तक शराब बिकती रहे, लेकिन कोई पुलिसकर्मी कार्रवाई करने नहीं जाता।
शहर के भाटकड़ा चौराहे पर रात 10 बजे भी खुलेआम शराब बिक रही है। इसके लिए दुकान के शटर में ही छोटी सी खिडक़ी बना रखी है। ग्राहक दुकान के बाहर खड़ा रहता है और शराब ठेकेदार सेल्समैन अंदर। शटर की इस खिडक़ी के पास ग्राहक अपने ब्रांड के लिए आवाज लगाता है। इस पर सेल्समैन वहीं से पैसे लेकर उसके ब्रांड की बोतल बाहर सरकाता है। इस तरह एक के बाद एक ग्राहकों को देर रात तक भी आसानी से शराब मुहैया हो जाती है। इस चौराहे पर अभय कमांड के सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। पुलिस चाहे तो फुटेज से भी इस पूरे मामले को पकड़ सकती है, लेकिन अवैध रूप से चल ही बिक्री पर कोई अंकुश क्यों नहीं लगा रहा यह कहना मुश्किल है।
शहर में इस तरह घटनाएं कैमरे की कैद में हो रही है, फिर भी पुलिस-प्रशासन ठेकेदारों पर मेहरबान हुआ है। पुलिस और प्रशासन को यदि इस तरह के मामलों में कोई क्लू चाहिए तो वे चौराहों पर लगे सीसी टीवी कैमरे के फुटेज से ही पूरे मामले को उजागर कर सकते हैं। अब देखना है पुलिस अधीक्षक व जिला कलक्टर इस तरह के मामलों पर कितनी गंभीरता दिखाते हैं।
जल्द कार्रवाई करेंगे...
रात आठ बजे के बाद शराब ठेकों पर अवैध रूप से शराब की बिक्री के बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसी बात है तो जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।