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जोधपुर में गुरुवार को हुई मीटिंग में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छावा ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को टर्मिनेट करने की चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि यदि आज शाम तक डॉक्टर काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें टर्मिनेट किया जाएगा।
जयपुर | सरकार और डॉक्टरों के बीच चली आ रही खींचतान के चलते मरीजों का हाल बुरा हो चला है।
जहां डॉक्टर सड़क पर राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करने में बिजी है, वहीं अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए तड़प रहे हैं।
प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार के चलते मरीज भगवान भरोसे हैं।
अस्पतालों में डॉक्टरों के नहीं होने से मरीजों की जान पर बन आई है।
पहले जहां निजी अस्पतालों और संस्थानों के डॉक्टर विरोध में थे तो अब उनके साथ सरकारी रेजिडेंट्स ने भी मोर्चा खोल दिया है।
सरकार के बिल के खिलाफ गुरूवार को भी जयपुर समेत उदयपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर में प्राइवेट डॉक्टरों के साथ हड़ताली रेजिडेंट्स भी सड़कों पर प्रदर्शन करते दिखे।
इस विरोध प्रदर्शन के चलते इन जिलों के अस्पतालों में 300 से ज्यादा ऑपरेशनों को टाला गया है। जिसके चलते मरीजों की जान पर बनी हुई है।
राजधानी जयपुर के हालात तो और भी गंभीर बने हुए हैं। यहां तो रेजिडेंट्स की हड़ताल ने मरीजों और उनके परिजनों को जीते जी मार दिया है।
बीते दिन ही सीकर से जयुपर रैफर किए गए एक चार माह के बच्चे की मौत हो गई।
हालांकि, डॉक्टरों की इस निर्दयता से अब सरकार भी एक्शन की तैयारी में हैं।
जानकारी के अनुसार, जोधपुर में मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट ने प्रदर्शनकारी रेजिडेंट्स को बर्खास्त करने की चेतावनी दे दी है।
खबर है कि जोधपुर में गुरुवार को हुई मीटिंग में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छावा ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को टर्मिनेट करने की चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि यदि आज शाम तक डॉक्टर काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें टर्मिनेट किया जाएगा।