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कंजेक्टिवाइटिस यानि ’आई फ्लू’ संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
जयपुर | मानसून के सीजन में बादल जमकर बरस रहे हैं और बीमारियों का दौर भी बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते राजस्थान ’आई फ्लू’ की जद में आ गया है।
राजस्थान के कई जिलों में कंजेक्टिवाइटिस या ’आई फ्लू’ के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
अस्पतालों में भी सामान्य बीमारी वाले मरीजों के साथ आई फ्लू के मरीजों की संख्या भी बड़े स्तर पर देखी जा रही है।
अस्पतालों में नेत्र रोग विभाग के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
प्रदेश का चाहे बाड़मेर हो या जोधपुर, राजधानी जयपुर हो या कोटा लगभग सभी जिलों में आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और स्कूलों में बच्चें भी इससे संक्रमित हो रहे हैं ।
आई फ्लू को देखते हुए राजस्थान सरकार अलर्ट हो गई है और राजस्थान सरकार ने आई फ्लू पर गाइडलाइन जारी की है।
चिकित्सा विभाग ने ’आई फ्लू’ को लेकर लोगों से विशेष सावधानी बरतने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही सीएमएचओ को भी निर्देश जारी किए गए हैं।
कंजेक्टिवाइटिस यानि ’आई फ्लू’ संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
’आई फ्लू’ के लक्षण
’आई फ्लू’ मौसम में बदलाव की वजह से उत्पन्न होता है। यह एक संक्रमण होता है जो वायरस या बैक्टीरिया से फैलता है।
इसके लक्षणों में आंखों में लालपन, सूजन, लिड्स में सूजन और खुजली प्रमुख लक्षण हैं।
इसी के साथ आंखों में पीलापन और पानी बहना भी आता हैं। संक्रमण ज्यादा होने पर मरीज को बुखार भी आ सकता है।
ऐसे करें बचाव
- आंखों को हमेशा साफ रखें।
- आंखों पर बार-बार हाथ न लगाए।
- संक्रमण होने पर काले चश्मे का प्रयोग करें।
- परेशानी बढ़ गई हो तो तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें।
- हाथों को साबुन से धोएं।
- आंखों को पानी से साफ करें।
- रोगी के इस्तेमाल किए गए टॉवल, रुमाल, चादर-बेडशीट को अन्य सदस्य उपयोग में नहीं लें।