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मुख्यमंत्री ने अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में विद्याधर नगर स्टेडियम के इस इंटरनेशनल फुटबॉल ग्राउंड का उद्घाटन किया था।
जयपुर | राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर स्थित इंटरनेशनल फुटबॉल स्टेडियम में हाल ही में आग लगने की घटना ने राज्य सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस स्टेडियम में फीफा द्वारा मान्यता प्राप्त भारत के दूसरे फुटबॉल ग्राउंड पर करोड़ों रुपये खर्च करके बेल्जियम से मंगाई गई आर्टिफिशियल ग्रीन घास बिछाई गई थी, लेकिन दिवाली के दिन वहां आग लग गई, जिससे घास का एक बड़ा हिस्सा जल गया।
इसके बावजूद इंडियन फुटबॉल लीग का आयोजन इसी जली हुई घास पर कराया जा रहा है, जो खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए चिंता का विषय है।
उद्घाटन के तुरंत बाद घटी घटना
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में विद्याधर नगर स्टेडियम के इस इंटरनेशनल फुटबॉल ग्राउंड का उद्घाटन किया था।
इसके बाद यहां विभिन्न फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन हुआ। लेकिन, दिवाली के दिन ग्राउंड में अचानक आग लग गई, जिससे करोड़ों रुपये की लागत से बिछाई गई बेल्जियम सिलाई की आर्टिफिशियल घास जलकर खाक हो गई।
13 करोड़ की लागत से बना था मैदान
यह फुटबॉल ग्राउंड 13 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और इसे फीफा के मानकों के अनुसार विकसित किया गया है।
स्टेडियम में बिछाई गई आर्टिफिशियल ग्रीन घास को बेल्जियम से मंगवाया गया था, जिससे ग्राउंड की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाई जा सके।
इसके अलावा, मैदान के चारों ओर सिंथेटिक ट्रैक भी बिछाए गए हैं ताकि खिलाड़ी बेहतर अभ्यास कर सकें। फिलहाल, यह यूनाइटेड फुटबॉल क्लब का होम ग्राउंड है।
अव्यवस्था पर उठ रहे सवाल
राज्य सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर पैसा खर्च करने के बावजूद, ग्राउंड की उचित देखभाल न होने से इस आग की घटना ने व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
खेल प्रेमियों और विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी महंगी घास की सुरक्षा और रखरखाव में लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए थी।
फुटबॉल प्रेमियों ने राज्य सरकार से मामले की जांच कराने और सुरक्षा उपायों को पुख्ता बनाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
आयोजन पर प्रभाव
जली हुई घास के बीच इंडियन फुटबॉल लीग का आयोजन करना खिलाड़ियों के लिए खतरे का कारण बन सकता है।
जली हुई घास से संभावित स्वास्थ्य समस्याएं और मैदान की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है, जिससे फुटबॉल टूर्नामेंट पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
खेल प्रेमियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की अपील की है।