Highlights
- तमिलनाडु के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) राजेश दास को बड़ा झटका लगा है।
- एक महिला अधिकारी से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में विल्लुपुरम की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है।
- शुक्रवार को अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए 3 साल कैद की सजा सुनाई है और 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
तमिलनाडु । तमिलनाडु के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) राजेश दास को बड़ा झटका लगा है।
एक महिला अधिकारी से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में विल्लुपुरम की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है।
शुक्रवार को अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए 3 साल कैद की सजा सुनाई है और 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
हालांकि, दास को मामले में जमानत मिल गई है।
बता दें कि 2021 के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
याचिका दायर करने के लिए 30 दिन का समय
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, तमिलनाडु की स्थानीय अदालत ने राजेश दास की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।
इसी के साथ दास को कोर्ट ने याचिका दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।
क्या है पूरा मामला ?
साल 2021 में महिला आईपीएस अधिकारी ने राजेश दास पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए थे और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
जिसमें यह दावा किया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीसामी की सुरक्षा के लिए गश्त ड्यूटी पर दास यौन संबंध बनाए थे।
रिपोर्टों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि दास ने शुरू में उससे विनती की, फिर धमकी दी और मामले की रिपोर्ट करने से रोकने के लिए सरकारी मशीनरी का भी गलत इस्तेमाल किया।
आरोपों में घिरने के बाद अन्नाद्रमुक सरकार ने राजेश दास को निलंबित कर दिया और मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया था।
इस मामले में जांच के दौरान पुलिस कर्मियों सहित 68 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए थे।
इसके बाद, राजेश दास को स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी थी।
साल 2021 में ये मामला एक चुनावी मुद्दा बन गया और एमके स्आलिन जो कि अभी तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री और उस समय विपक्ष के नेता थे लोगों को आश्वासन दिया कि सत्ता संभालने के बाद इस मामले में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
ऐसे में इस मामले में आज अदालत ने एक बड़ा फैसला देते हुए दास को दोषी करार दिया और सजा का ऐलान किया।