राजस्थान में G-Pay का मतलब Gehlot-Pay: अलमारी ने उगला खजाना तो शेखावत ने कर दिया फायर, कहा- भ्रष्टाचार की सारी हदें पार

अलमारी ने उगला खजाना तो शेखावत ने कर दिया फायर, कहा- भ्रष्टाचार की सारी हदें पार
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शेखावत ने कहा है कि आजकल डिजिटल करेंसी की भाषा में जिस तरह से ’गूगल पे’ को ’जी पे’ के नाम से पुकारा जाता है।  ऐसे में आज राजस्थान में ’जी पे’ जो है वह अब ’गहलोत पे’ बन गया है। 

जयपुर | राजस्थान में सचिवालय की अलमारी में छिपे मिले रहस्यमयी करोड़ों के खजाने की घटना को लेकर विपक्षी भाजपा गहलोत सरकार पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है।

इसी बीच सीएम गहलोत के खास प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी उन पर कड़ा प्रहार किया है।

शेखावत ने कहा है कि आजकल डिजिटल करेंसी की भाषा में जिस तरह से ’गूगल पे’ को ’जी पे’ के नाम से पुकारा जाता है। 

ऐसे में आज राजस्थान में ’जी पे’ जो है वह अब ’गहलोत पे’ बन गया है। 

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है। 

गौरतलब है कि प्रदेश की राजधानी जयपुर में शासन सचिवालय के पास स्थित योजना भवन के डीओआईटी डिपार्टमेंट के बेसमेंट में बंद पड़ी अलमारी में शुक्रवार रात 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 500 रुपए और 1 किलो सोने के बिस्कुट बरामद हुए है। 

इस रकम और अलमारी के जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं हैं।

ऐसे में सरकारी ऑफिस की आलमारी में ये खजाना कहां से आया। इस पर गहलोत सरकार बुरी तरह से घिर गई है।

राठौड़ बोले- भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय पहुंची

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मुद्दे पर गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया है। 

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई। 

राजस्थान सचिवालय जहां मुख्यमंत्री गहलोत बैठकर शासन चलाते हैं। वहां करोड़ों की नकदी और सोना बरामद होना इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के संरक्षणदाता की भूमिका में है।

राठौड़ ने आगे लिखा- दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री आप केवल इतना बता दीजिए कि आपका सचिवालय दो हजार के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है? 

योजना भवन के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में किन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करोड़ों रुपए छिपाकर रखे गए?

आनन फानन में अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में आईटी, ईडी और एसीबी जैसे विभागों का कोई अधिकारी शामिल नहीं, आखिर माजरा क्या है?

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