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केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह भी बराबर ईंधन देने का काम कर रहे हैं। भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने एक बार फिर से सचिन पायलट को सपोर्ट करते हुए उनकी मांगों को उचित ठहराया है।
जयपुर | राजस्थान कांग्रेस में चल रही सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जंग लगातार जारी है।
ऐसे में पायलट की उड़ान को केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह भी बराबर ईंधन देने का काम कर रहे हैं।
भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने एक बार फिर से सचिन पायलट को सपोर्ट करते हुए उनकी मांगों को उचित ठहराया है।
गहलोत सरकार से छात्रों को मुआवजा देने की मांग पर गजेंद्र सिंह शेखावत भी पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
कितनों की ज़ुबान पकड़ोगे मुख्यमंत्री जी ?
पायलट की मांग को जायज ठहराते हुए शेखावत ने सीएम गहलोत पर जुबानी हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने ट्वीट करते हुए कहा है कि- राजस्थान में 18 बार पेपर लीक हुआ और अगर किसी ने सवाल किया तो उसे बुद्धि का दिवालिया घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री जी, कितनों की ज़ुबान पकड़ोगे?
राजस्थान में 18 बार पेपर लीक हुआ, और अगर किसी ने सवाल किया तो उसे "बुद्धि का दिवालिया" घोषित कर दिया।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) May 26, 2023
मुख्यमंत्री जी, कितनो की ज़ुबान पकड़ोगे?#CorruptCM
सीएम गहलोत ने क्या कहा था ?
सीएम गहलोत ने एक सभा के दौरान बिना किसी का नाम लिए सचिन पायलट की पेपर लीक से प्रभावित छात्रों को मुआवजा दिए जाने की मांग पर सवाल उठाते हुए कहा था कि- ऐसी मांग की गई है कि पेपर आउट हो गया, इसलिए छात्रों को मुआवजा मिलना चाहिए।
इससे पहले कभी किसी देश में किसी ने भी ऐसी मांग की है क्या ? ऐसी मांग करना बुद्धि का दिवालियापन है। इन लोगों को समझ नहीं आता करना क्या है ?
आपको बता दें कि, सचिन पायलट ने बगावती तेवर दिखाते हुए गहलोत सरकार के सामने 3 मांगें रखी हैं और 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) May 25, 2023
पायलट की तीन मांगें क्या है ?
- पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई की जाए।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग कर नया सिस्टम बनाया जाए और जिसमें भाई-भतीजावाद न होकर पारदर्शिता से लोगों का चयन हो।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक से प्रभावित हुए हर अभ्यर्थी को उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाए।