आदिवासी हिन्दू नहीं है: यूथ कांग्रेस अध्यक्ष की बात मानी तो प्रदेश में सिर्फ 70 प्रतिशत रह जाएंगे हिन्दू

यूथ कांग्रेस अध्यक्ष की बात मानी तो प्रदेश में सिर्फ 70 प्रतिशत रह जाएंगे हिन्दू
ganesh ghogra with rahul gandhi
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डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र से जीते गणेश घोघरा ने कहा आदिवासी हिन्दुओं से अलग हैं

यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि न तो हम हिन्दू हैं, न वैश्य हैं न शूद्र और न ही ब्राह्मण—क्षत्रिय। जातिगत जनगणना की मांग की।

गणेश घोघरा बोले ​हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 और सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि आदिवासी हिन्दू नहीं है। अत: हमें अलग धर्म कोड दिया जाए।

जयपुर | आदिवासी हिन्दू नहीं है। हमारा धर्म कोड 1951 में अलग था। आदिवासी न हिन्दू है और न ही ब्राह्मण—​क्षत्रिय—वैश्य या शूद्र ही। हमें अपना अलग धार्मिक स्टेटस और जनगणना चाहिए।

यह कहना है प्रदेश युवा कांग्रेस के  अध्यक्ष और डूंगरपुर के विधायक गणेश घोघरा का। गणेश घोघरा राजस्थान विधान सभा में आदिवासी जनजाति विकास के मुद्दे पर सम्बोधित कर रहे थे।

घोघरा की यह मांग यदि सिर्फ राजस्थान में मानी जाती है तो  राजस्थान में हिन्दुओं की आबादी 88.5 से घटकर करीब 70 प्रतिशत रह जाएगी। क्योंकि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के 18 प्रतिशत लोग निवास करते हैं।

राजस्थान की विधानसभा में एससी एसटी के मुद्दे पर बहस चल रही थी। घोघरा का कहना है कि आदिवासी युवाओं की आवाज दबाने का षड्यंत्र बीजेपी ने किया है। बीजेपी कभी आदिवासियों की हितैषी नहीं थी और हो भी नहीं सकती।

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा सम्बोधित करते रहे और विधानसभा में हंगामा चल रहा था। यही नहीं गणेश घोघरा ने कहा कि महुआ शराब का लाइसेंस परमिशन भी दी जाए।

इससे पहले बोलते हुए घोघरा ने कहा कि आदिवासियों का कोड 9 हुआ करता था, जिसमें उन्हें अलग धर्म का दर्जा था। 1951 की जनगणना में यह था, लेकिन बाद में इसे क्यों गायब कर दिया गया।

घोघरा ने कहा कि ST हिन्दू नहीं है। आदिवासी ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या शूद्र नहीं हैं। हिन्दू से अलग है। आदिवासियों के पारीवारिक संस्कार भी अलग हैं और पारम्परिक क्रियाएं भी।

यही नहीं सम्पत्ती अधिकार, विवाह अधिनियम आदि कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों में भी आदिवासियों को हिन्दुओं से अलग दर्जा दिया है। ऐसे में कोड 9 को पुन: लागू करते हुए जनगणना में आदिवासियों को हिन्दुओं से अलग रखा जाना चाहिए। यही नहीं घोघरा ने जातिगत जनगणना की भी मांग रखी।

यदि घोघरा की मांग के अनुसार राजस्थान में अलग धर्म को लेकर बात होती है तो प्रदेश में हिन्दुओं की संख्या घट जाएगी। क्योंकि अभी तक एसटी जनसंख्या की गणना हिन्दू धर्म में होती है।

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