हल्दीराम में अमेरिकी निवेश: हल्दीराम में एल कैटरटन का बड़ा निवेश, ग्लोबल विस्तार को मिलेगा बढ़ावा

हल्दीराम में एल कैटरटन का बड़ा निवेश, ग्लोबल विस्तार को मिलेगा बढ़ावा
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Highlights

  • अमेरिकी फर्म एल कैटरटन ने हल्दीराम में रणनीतिक निवेश किया।
  • यह निवेश हल्दीराम को वैश्विक स्तर पर विस्तार में मदद करेगा।
  • संजीव मेहता की विशेषज्ञता से कंपनी को लाभ मिलेगा।
  • इस साल हल्दीराम में यह चौथा बड़ा निवेश है।

JAIPUR |  अमेरिकी इन्वेस्टमेंट फर्म एल कैटरटन (L Catterton) ने भारत की पैकेज्ड फूड कंपनी हल्दीराम (Haldiram) में रणनीतिक साझेदारी के तहत निवेश किया है। यह साझेदारी हल्दीराम को सप्लाई चेन, डिस्ट्रीब्यूशन, भौगोलिक विस्तार और टैलेंट डेवलपमेंट में मजबूत करेगी।

एल कैटरटन अब हल्दीराम को अपनी वैश्विक विशेषज्ञता, उद्योग नेटवर्क और स्थानीय प्रतिभा का लाभ उठाने में मदद करेगी। यह साझेदारी हल्दीराम की सप्लाई चेन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करेगी, जिससे उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी।

इसके साथ ही, भौगोलिक विस्तार और टैलेंट डेवलपमेंट में भी एल कैटरटन का समर्थन हल्दीराम के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। फर्म के इंडिया एग्जीक्यूटिव चेयरमैन संजीव मेहता के अनुभव से कंपनी को बड़ा फायदा मिलेगा।

संजीव मेहता पहले हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन और एमडी रह चुके हैं। उनकी गहरी उद्योग समझ और नेतृत्व क्षमता हल्दीराम को बाजार में नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी।

हल्दीराम: भारतीय स्नैक्स का वैश्विक चेहरा

संजीव मेहता ने इस निवेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हल्दीराम एक प्रतिष्ठित भारतीय ब्रांड है। यह एथनिक स्नैक्स श्रेणी में देश का अग्रणी है और वैश्विक पैकेज्ड स्नैक्स बाजार में इसकी बड़ी क्षमता है।

उन्होंने आगे कहा कि एल कैटरटन हल्दीराम के साथ मिलकर भारत के बढ़ते उपभोक्ता बाजार में विकास को गति देगा। इस निवेश से कंपनी की इंटरनेशनलाइजेशन की प्रक्रिया भी तेज होगी, जिससे हल्दीराम की वैश्विक उपस्थिति और मजबूत होगी।

हल्दीराम के स्नैक्स वर्तमान में सिंगापुर और अमेरिका जैसे कई विदेशी बाजारों में सफलतापूर्वक बेचे जाते हैं। यह ब्रांड 1937 में एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ था और अब एक वैश्विक पहचान बन चुका है।

एल कैटरटन की विशेषज्ञता और पूंजी

एल कैटरटन के पास लगभग 39 बिलियन डॉलर (करीब ₹3.5 लाख करोड़) की इक्विटी पूंजी है। यह फर्म पैकेज्ड फूड क्षेत्र में दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित ब्रांडों में निवेश कर चुकी है, जो इसकी विशेषज्ञता को दर्शाता है।

इनमें चोलुला हॉट सॉस, फार्मली, फेरारा कैंडी कंपनी, गुडल्स, केटल फूड्स, कोडियाक, लिटिल मून्स, नॉटको, प्लांटेड और प्लम ऑर्गेनिक्स जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। यह व्यापक पोर्टफोलियो एल कैटरटन की वैश्विक खाद्य उद्योग में मजबूत पकड़ को रेखांकित करता है।

हल्दीराम में लगातार निवेश का दौर

यह इस साल हल्दीराम में चौथा बड़ा निवेश है, जो कंपनी की बढ़ती साख और बाजार क्षमता को दर्शाता है। इससे पहले, इस साल की शुरुआत में सिंगापुर की टेमसेक ने हल्दीराम में करीब 10% हिस्सेदारी खरीदी थी।

इस डील की वैल्यूएशन लगभग 10 बिलियन डॉलर (करीब ₹90,000 करोड़) आंकी गई थी। इसके अतिरिक्त, अल्फा वेव ग्लोबल और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने भी हल्दीराम में महत्वपूर्ण निवेश किया है।

मार्च-अप्रैल में, हल्दीराम ने अपने स्नैक्स डिवीजन में अबू धाबी स्थित इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) और न्यूयॉर्क की अल्फा वेव ग्लोबल को 6% हिस्सेदारी बेची थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह हिस्सेदारी भी 10 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर बेची गई थी, हालांकि कंपनी ने तब डील की विस्तृत जानकारी नहीं दी थी।

30 मार्च को सिंगापुर की सॉवरेन इन्वेस्टमेंट फर्म टेमासेक ने हल्दीराम के मौजूदा शेयरधारकों से 10% हिस्सेदारी 1 बिलियन डॉलर में खरीदने के लिए समझौता किया था, जिससे कंपनी को बड़ी पूंजी मिली।

बीकानेर से वैश्विक मंच तक

हल्दीराम की यात्रा 1937 में राजस्थान के बीकानेर में एक छोटी सी मिठाई और नमकीन की दुकान से शुरू हुई थी। आज यह भारत की सबसे बड़ी एथनिक स्नैक्स कंपनी बन गई है।

इसके उत्पाद 80 से अधिक देशों में बेचे जाते हैं, जो इसकी वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता का प्रमाण है। इस साल अप्रैल में दिल्ली और नागपुर वाली हल्दीराम यूनिट्स का विलय हुआ, जिससे हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का गठन हुआ, जो इसके संगठनात्मक विस्तार को दर्शाता है।

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