Delhi | चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में- 18 सितंबर, 25 सितंबर, और 1 अक्तूबर को मतदान होगा। वहीं, हरियाणा में 1 अक्तूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतगणना 4 अक्तूबर को होगी।
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद 90 विधानसभा सीटें होंगी, जिनमें से 74 सामान्य, 9 अनुसूचित जनजाति और 7 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इस बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 3 सीटें बढ़ाई गई हैं, जिससे सीटों की संख्या 87 से बढ़कर 90 हो गई है।
हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनावों में कोई भी दल स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर सका था। 90 सीटों में से बीजेपी को 40, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10, जबकि अन्य दलों को शेष सीटें मिली थीं। बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद पर बदलाव करते हुए नायाब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया था।
जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनावों के बाद पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी, लेकिन मतभेदों के चलते यह सरकार 2018 में गिर गई। तब से राज्य में गवर्नर शासन लागू है और राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। अब, पांच सालों के बाद, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा की गई है, जिससे राज्य में राजनीतिक गतिविधियाँ फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
इस बार के चुनावों में जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा राजनीतिक गठबंधन नहीं है, हालांकि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर के इंडिया गठबंधन में शामिल हैं। दूसरी ओर, हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। राज्य में पिछले दस सालों से बीजेपी की सरकार है, लेकिन इस बार उसे सरकार विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है।