रवीना टंडन | जिनका जन्म 26 अक्टूबर 1971 को हुआ था, हिंदी फिल्म उद्योग की उन अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने न केवल अपनी अभिनय क्षमता से बल्कि अपनी बहुमुखी प्रतिभा से भी दर्शकों का दिल जीता। उनका फिल्मी सफर 90 के दशक में शुरू हुआ, जिस दौर में वे कॉलेज छोड़कर फिल्मों में आईं और अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं।
शुरुआती जीवन और करियर की शुरुआत- रवीना ने फिल्म "पत्थर के फूल" से अपने करियर की शुरुआत की, जो एक बड़ी हिट साबित हुई और उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में एक अलग पहचान दी। 1994 में, रवीना की 10 फिल्में आईं, जिनमें से कई ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया।
करियर की उड़ान- 90 के दशक में, रवीना ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया, जिनमें 'मोहरा', 'दिलवाले', और 'लाडला' जैसी फिल्में शामिल हैं। उनकी जोड़ी गोविंदा के साथ बहुत हिट रही, जहां उन्होंने कॉमेडी फिल्मों जैसे कि 'बड़े मियां छोटे मियां' और 'दुल्हे राजा' में अभिनय किया।
गंभीर भूमिकाएँ और सम्मान- 2000 के दशक में, रवीना ने अपने अभिनय के दायरे को और बढ़ाया। 'दमन' और 'अक्स' जैसी फिल्मों ने उन्हें आलोचकों की सराहना दिलाई। 'दमन' के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला, जिसने उनकी गंभीर अभिनय क्षमता को साबित किया।
हालिया कारनामे- हाल के वर्षों में, रवीना ने 'मातृ' और नेटफ्लिक्स की क्राइम थ्रिलर सीरीज 'अरण्यक' में अपनी भूमिकाओं के लिए प्रशंसा बटोरी। उन्हें 2023 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया, जो भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।
व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन- रवीना न केवल एक अभिनेत्री हैं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने अनाथालयों के लिए काम किया है और बाल कल्याण के लिए बोल्ड स्टैंड लिया है। उनकी व्यक्तिगत जिंदगी भी उतनी ही दिलचस्प रही है, जहां उन्होंने अपनी जिंदगी को अपने शर्तों पर जीने का फैसला किया।
रवीना टंडन की कहानी बॉलीवुड की उन अमर कहानियों में से एक है जो न केवल उनकी सफलताओं के बारे में बताती है बल्कि उनकी संघर्ष, उनकी प्रतिभा और उनकी सामाजिक चिंता को भी दर्शाती है। उनकी यात्रा ने उन्हें एक आइकॉन बना दिया है, जो अपनी फिल्मों के माध्यम से और अपने काम के माध्यम से लाखों दिलों में बसी हुई हैं।