ITR स्कैम से बचें: सरकार की चेतावनी: ITR भरने जा रहे हैं तो सावधान: फर्जी मेल से हो रहा स्कैम

ITR भरने जा रहे हैं तो सावधान: फर्जी मेल से हो रहा स्कैम
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Highlights

  • आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए साइबर अलर्ट जारी किया है।
  • फर्जी ईमेल, SMS और नकली वेबसाइट्स से ITR स्कैम हो रहा है।
  • वरिष्ठ नागरिक इस स्कैम का आसान निशाना बन रहे हैं।
  • संदिग्ध मैसेज या लिंक पर क्लिक करने से बचें, तुरंत रिपोर्ट करें।

नई दिल्ली: हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने अपने एक्स (X) हैंडल पर टैक्सपेयर्स के लिए साइबर अलर्ट जारी किया है। इसमें बताया गया है कि साइबर अपराधी फर्जी ईमेल, SMS और नकली वेबसाइट्स के जरिए लोगों को ठग रहे हैं, खासकर वरिष्ठ नागरिकों को।

ITR स्कैम से सावधान: सरकार की चेतावनी और बचाव के तरीके

हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने एक्स (X) हैंडल पर टैक्सपेयर्स के लिए एक महत्वपूर्ण साइबर अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी में बताया गया है कि साइबर अपराधी आयकर विभाग का नाम और पहचान इस्तेमाल कर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। वे फर्जी ईमेल, SMS और नकली वेबसाइट्स का सहारा ले रहे हैं, खासकर वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।

अक्सर टैक्स रिफंड, पेनल्टी या KYC अपडेट के नाम पर भेजे गए मैसेज लोगों को जल्दबाजी में लिंक या अटैचमेंट खोलने के लिए उकसाते हैं। जैसे ही कोई यूजर ऐसे फर्जी लिंक पर क्लिक करता है, उसकी निजी और बैंक से जुड़ी जानकारी स्कैमर्स तक पहुंच जाती है, जिससे वे एकमुश्त बड़ी रकम ऐंठ लेते हैं।

साइबर अपराधी कैसे फंसाते हैं टैक्सपेयर्स को?

साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर राहुल मिश्रा के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को आगाह किया है कि टैक्स रिफंड या किसी भी तरह की तुरंत एक्शन की डिमांड करने वाले ईमेल, SMS या लिंक फर्जी हो सकते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मैसेज पर न तो क्लिक करें और न ही उन्हें आगे शेयर करें, क्योंकि यह साइबर ठगी का संकेत हो सकता है।

साइबर अपराधी इनकम टैक्स विभाग के नाम पर कई तरीकों से ठगी को अंजाम देते हैं। वे फर्जी टैक्स रिफंड का लालच देते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि आपको बड़ी रकम वापस मिलनी है और इसके लिए एक लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है।

कई बार वे पेनल्टी या कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हुए फर्जी नोटिस भेजते हैं, जिससे टैक्सपेयर्स डरकर अपनी जानकारी साझा कर दें। वे KYC अपडेट या अकाउंट वेरिफिकेशन के बहाने भी संवेदनशील जानकारी मांगते हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इनकम टैक्स से जुड़ा कोई भी काम सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in के जरिए ही करें। किसी भी ऐसे ईमेल या वेबसाइट से सतर्क रहें, जो देखने में सरकारी लगे लेकिन उसका डोमेन संदिग्ध हो।

विभाग ने यह भी बताया है कि वह कभी भी ईमेल, SMS या फोन कॉल के जरिए OTP, पासवर्ड या बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है। टैक्सपेयर्स से अपील की गई है कि “Think Twice, Act Wise” यानी किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह जांच करें और संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें, ताकि साइबर फ्रॉड से बच सकें।

वरिष्ठ नागरिक क्यों बनते हैं टैक्स फ्रॉड का आसान शिकार?

वरिष्ठ नागरिक अक्सर डिजिटल तकनीक और ऑनलाइन स्कैम के नए तरीकों से पूरी तरह परिचित नहीं होते हैं। ऐसे में साइबर अपराधी सरकारी भाषा, डर और जल्दबाजी का इस्तेमाल कर उन्हें भ्रमित कर देते हैं। राहुल मिश्रा बताते हैं कि टैक्स रिफंड, पेनल्टी या कानूनी नोटिस जैसे शब्द सुनकर कई बुजुर्ग घबरा जाते हैं।

वे बिना जांच किए लिंक पर क्लिक कर देते हैं या अपनी जानकारी साझा कर देते हैं। इसके अलावा, स्कैमर की भरोसेमंद बातचीत भी उन्हें फ्रॉड का शिकार बनाती है, जिससे वे आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं।

डिजिटल साक्षरता की कमी और ऑनलाइन खतरों के बारे में कम जानकारी उन्हें साइबर अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य बना देती है। कई बार वे अपने परिवार के सदस्यों से भी तुरंत सलाह नहीं ले पाते हैं, जिससे ठगी की संभावना बढ़ जाती है।

फर्जी टैक्स मैसेज या ईमेल की पहचान कैसे करें?

कुछ आसान संकेतों से फेक टैक्स मैसेज या ईमेल की पहचान की जा सकती है। ऐसे मैसेज अक्सर डर या लालच पैदा करने वाली भाषा में होते हैं और तुरंत कार्रवाई के लिए दबाव बनाते हैं। जबकि इनकम टैक्स से जुड़ा कोई भी आधिकारिक मैसेज बिना दबाव बनाए स्पष्ट जानकारी देता है।

इसके अलावा, मैसेज/ईमेल में असामान्य जल्दबाजी या डराने वाली भाषा हो सकती है। भेजने वाले की ईमेल ID सरकारी फॉर्मेट से मेल नहीं खाती हो सकती है, जैसे incometax.gov.in की जगह incometax.org या incometax.info जैसी ID का उपयोग।

लिंक पर माउस ले जाने पर वेबसाइट का नाम संदिग्ध दिख सकता है, जो आधिकारिक वेबसाइट से अलग हो। बिना किसी पूर्व सूचना के KYC अपडेट करने को कहा जाए, तो यह भी एक बड़ा संकेत है।

मैसेज में सामान्य शब्दों का इस्तेमाल हो, जैसे 'प्रिय ग्राहक' की जगह आपका नाम न हो। किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी मांगी जाए, जैसे OTP, पासवर्ड या बैंक अकाउंट डिटेल्स, तो सतर्क हो जाएं। मैसेज में स्पेलिंग या व्याकरण की गलती हो, तो यह भी फर्जी होने का एक स्पष्ट संकेत है।

ITR स्कैम से बचने के लिए क्या करें?

इस स्कैम से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि बिना वेरिफिकेशन के किसी भी मैसेज या ईमेल पर प्रतिक्रिया न दें। इनकम टैक्स से जुड़ी हर सूचना को आधिकारिक माध्यम से ही वेरिफाई करें।

साथ ही कुछ और बातों का भी खास ध्यान रखें:

  • संदिग्ध ईमेल या SMS में दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
  • अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी किसी भी अनधिकृत स्रोत से साझा न करें।
  • हमेशा इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in का ही उपयोग करें।
  • अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर अपडेटेड रखें और नियमित रूप से स्कैन करें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि या मैसेज को तुरंत इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट करें।
  • अपने बैंक स्टेटमेंट और क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करें ताकि किसी भी अनधिकृत लेनदेन का पता चल सके।
  • मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें।
  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्षम करें जहां भी संभव हो, यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है।

आयकर विभाग टैक्सपेयर्स से कौन सी जानकारी कभी नहीं मांगता है?

कुछ ऐसी पर्सनल या सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन होती हैं, जो इनकम टैक्स विभाग कभी भी नहीं मांगता है। विभाग कभी भी आपका OTP (वन टाइम पासवर्ड), पासवर्ड या बैंक से जुड़ी गोपनीय जानकारी जैसे पिन या CVV नहीं मांगेगा।

इसके अलावा, वे आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, नेट बैंकिंग लॉगिन डिटेल्स या आधार नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी भी ईमेल या SMS के जरिए नहीं मांगते हैं। ऐसी कोई भी मांग फर्जीवाड़े का संकेत है और आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए।

विभाग कभी भी आपसे ईमेल या SMS के माध्यम से व्यक्तिगत पहचान संख्या (PIN) या किसी भी प्रकार के सुरक्षा कोड की मांग नहीं करेगा। वे आपकी जन्मतिथि, माता का नाम या अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा प्रश्नों के उत्तर भी नहीं मांगते हैं।

गलती से फर्जी लिंक पर क्लिक हो जाए तो तुरंत क्या करें?

अगर गलती से फर्जी लिंक पर क्लिक हो जाए तो घबराने के बजाय तुरंत कुछ कदम उठाना जरूरी है। सबसे पहले, तुरंत उस वेबसाइट या पेज को बंद कर दें और कोई भी जानकारी न भरें।

अगर आपने पासवर्ड या लॉगिन डिटेल डाल दी हो तो तुरंत सभी संबंधित अकाउंट के पासवर्ड बदलें। अपने बैंक या फाइनेंशियल एप्स से जुड़े अकाउंट की एक्टिविटी चेक करें।

अपने बैंक या कार्ड प्रदाता कंपनी को सूचित करें ताकि वे जरूरी कदम उठा सकें और आपके अकाउंट को सुरक्षित कर सकें। फर्जी ईमेल या लिंक की शिकायत संबंधित साइबर अथॉरिटी या इनकम टैक्स विभाग को करें। जल्द सावधानी और सही रिपोर्टिंग से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है।

अपने कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को किसी विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से स्कैन करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई मैलवेयर इंस्टॉल नहीं हुआ है। अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा सेटिंग्स की समीक्षा करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए अलर्ट सेट करें।

टैक्स से जुड़े फिशिंग ईमेल या SMS की शिकायत कहां करें?

अगर कोई संदिग्ध ईमेल या मैसेज मिले तो तुरंत उसकी शिकायत webmanager@incometax.gov.in और incident@cert-in.org.in पर करें। ईमेल भेजते समय ओरिजिनल मैसेज, भेजने वाले की ID और संदिग्ध लिंक जरूर शामिल करें।

अगर SMS के जरिए ठगी की कोशिश हुई हो तो उसका स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें और उसे शिकायत के साथ अटैच करें। किसी भी तरह की शंका या पुष्टि के लिए इनकम टैक्स की आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर 1800 103 0025 और 08046122000 पर संपर्क करें।

आप राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह पोर्टल विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करता है।

बुजुर्गों को साइबर फ्रॉड के बारे में कैसे जागरूक करें?

वरिष्ठ नागरिकों को सरल भाषा में आम साइबर स्कैम के बारे में समझाएं। यह बताएं कि कोई भी सरकारी विभाग फोन, SMS या ईमेल से गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है।

संदिग्ध मैसेज या कॉल मिलने पर तुरंत परिवार से बताने को कहें। उनके फोन में जरूरी सुरक्षा सेटिंग्स और इमरजेंसी नंबर सेव करके रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद मिल सके।

समय-समय पर उन्हें फर्जी और असली मैसेज के उदाहरण दिखाकर फर्क समझाएं, जिससे वे खुद पहचान करना सीख सकें। टैक्स या बैंक से जुड़ा कोई भी काम अकेले न करने की सलाह दें, हमेशा किसी भरोसेमंद व्यक्ति की मदद लें।

लगातार बातचीत, धैर्य और सहयोग से बुजुर्गों को साइबर फ्रॉड से काफी हद तक सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि वे किसी भी संदिग्ध स्थिति में मदद के लिए हमेशा परिवार पर भरोसा कर सकते हैं।

ऑनलाइन टैक्स सेफ्टी के लिए बुनियादी बातें

ऑनलाइन टैक्स सेफ्टी के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखें। यह समझें कि सरकारी प्रक्रिया में डराने या जल्दी फैसला करवाने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसलिए ऐसे मैसेज से बचें।

टैक्स से जुड़ी किसी भी सूचना को पहले ठंडे दिमाग से पढ़ना और उसका मतलब समझना जरूरी है, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। यह आदत बनाएं कि हर डिजिटल मैसेज पर तुरंत प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं होता है, पहले उसकी सत्यता जांचें।

टैक्स से संबंधित अपडेट खुद नियमित रूप से चेक करने की समझ विकसित करें, न कि केवल मैसेज या ईमेल के भरोसे रहें। यह जानना जरूरी है कि दिखने में प्रोफेशनल मैसेज भी फर्जी हो सकता है, इसलिए हमेशा सावधानी बरतें।

परिवार में एक-दूसरे से साइबर से जुड़ी जानकारी साझा करने की आदत डालें, ताकि सभी जागरूक रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट करने की आदत डालें, जिससे दूसरों को भी ऐसे फ्रॉड से बचाया जा सके।

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