जयपुर : जयपुर की 20 पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन

जयपुर की 20 पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन
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Highlights

  • जयपुर जिले की 20 पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन।
  • ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत अधिसूचना जारी की।
  • दूदू, सांगानेर, फागी सहित कई क्षेत्रों की राजनीतिक और प्रशासनिक तस्वीर बदलेगी।
  • नई पंचायत सीमाएं आगामी पंचायत चुनावों के बाद प्रभावी होंगी।

जयपुर: राजस्थान सरकार ने जयपुर जिले (Jaipur District) की 20 पंचायत समितियों (Panchayat Samitis) की ग्राम पंचायतों (Gram Panchayats) के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी की है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (Rural Development & Panchayati Raj Department) ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 (Rajasthan Panchayati Raj Act, 1994) के तहत यह कदम उठाया है, जिससे दूदू (Dudu), सांगानेर (Sanganer) और फागी (Phagi) सहित कई क्षेत्रों की राजनीतिक व प्रशासनिक तस्वीर बदलेगी।

कानूनी आधार और उद्देश्य

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, राजस्थान ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 98 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए यह महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य स्थानीय प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है। इस निर्णय से ग्रामीण संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।

आपत्तियों की सुनवाई के बाद मिली अंतिम मुहर

इस पुनर्गठन प्रक्रिया को शुरू करने से पहले, जिला कलेक्टरों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया था। इन प्रस्तावों को सार्वजनिक अवलोकन के लिए जारी किया गया और आम जनता से एक महीने के भीतर आपत्तियां आमंत्रित की गईं। सभी आपत्तियों पर गहन सुनवाई और पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बाद, राज्य सरकार ने दूदू, मौजमाबाद, फागी, माधोराजपुरा, सांभरलेक और सांगानेर सहित 20 पंचायत समितियों के प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी प्रदान की है।

दूदू पंचायत समिति में व्यापक पुनर्गठन

नई अधिसूचना के बाद, दूदू पंचायत समिति क्षेत्र में ग्राम पंचायतों का व्यापक पुनर्गठन किया गया है। कई पुराने गांवों को मिलाकर नई पंचायतें बनाई गई हैं, जबकि कुछ के क्षेत्रों का पुनर्सीमांकन किया गया है। यह बदलाव स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा।

दूदू पंचायत समिति की नई ग्राम पंचायतें:

  • उरसेवा: उरसेवा, खेड़ीचरण, केरिया खुर्द, मुवालों की ढाणी
  • धंधोली: धंधोली
  • कचनारिया: कचनारिया, ईटाखोई, नगरी, गोठड़ा
  • गहलोता: गहलोता, छिर्र
  • मरवा: मरवा, आदरवा
  • मोरडा: मोरडा, पानवाकलां, सुरीं
  • गागरडू: गागरडू, गैगा
  • लापोडिया: लापोडिया, सिनोदिया
  • गैज़ी: गैज़ी, नोल्या, श्योपुरा, गोपीपुरा
  • दांतरी: दांतरी, किला, माधोपुरा
  • पडासौली: पडासौली
  • नयागांव: नयागांव, जसुपुरा, पातुडी
  • रहलाना: रहलाना
  • केरिया बुजुर्ग: केरिया बुजुर्ग, महतगांव, बेनीखेडा
  • सुनाडिया: सुनाडिया, छापरवाड़ा, तन छापरवाड़ा
  • हरसौली: हरसौली
  • चरासडा: चरासडा, श्रीरामनगर, छप्या
  • मंमाणा: मंमाणा, खेडानागरान
  • नीमली: नीमली, दांतडा, झकोलड, बोकडावास
  • बिंगोलाव: बिंगोलाव, पवालिया, हटूपुरा

कब प्रभावी होंगी ये नई सीमाएं?

सरकार द्वारा अनुमोदित ये नई पंचायत सीमाएं आगामी पंचायत चुनावों के बाद ही प्रभावी होंगी। चुनाव संपन्न होने के बाद, पुरानी ग्राम पंचायतें स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी और नवगठित पंचायतें अपने-अपने क्षेत्रों की प्रशासनिक और विकास जिम्मेदारियां संभालेंगी। इससे ग्रामीण स्तर पर नए जनप्रतिनिधियों को जनता की सेवा करने का अवसर मिलेगा और स्थानीय शासन में एक नया अध्याय शुरू होगा।

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