Highlights
- जयपुर-अजमेर हाईवे पर केमिकल टैंकर और LPG सिलेंडर ट्रक की टक्कर।
- हादसे में 200 से अधिक LPG सिलेंडर फटे, 10 किलोमीटर तक सुनाई दिए धमाके।
- एक व्यक्ति की जिंदा जलकर मौत, पांच वाहन भी आग की चपेट में आए।
- आरटीओ की गाड़ी से बचने के चक्कर में हुआ हादसा।
जयपुर: जयपुर-अजमेर हाईवे (Jaipur-Ajmer Highway) पर मंगलवार रात केमिकल टैंकर (Chemical Tanker) की टक्कर से LPG सिलेंडर से भरे ट्रक (LPG Cylinder Truck) में आग लग गई, जिससे 200 सिलेंडर फटे और एक व्यक्ति (One Person) की मौत हो गई।
जयपुर-अजमेर हाईवे पर भीषण अग्निकांड
मंगलवार रात करीब 10 बजे जयपुर-अजमेर हाईवे पर दूदू (Dudu) के मोखमपुरा (Mokhampura) के पास एक भयावह सड़क हादसा हुआ।
इस हादसे में LPG गैस सिलेंडरों से भरे एक खड़े ट्रक को केमिकल से भरे टैंकर ने पीछे से टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी भीषण थी कि ज्वलनशील केमिकल से भरे टैंकर के केबिन में तुरंत आग लग गई।
आग की लपटें तेजी से LPG सिलेंडर से भरे ट्रक तक फैल गईं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
देखते ही देखते, एक के बाद एक गैस सिलेंडरों में जोरदार धमाके होने लगे।
ये धमाके इतने शक्तिशाली थे कि उनकी आवाज करीब 10 किलोमीटर दूर तक साफ सुनाई दी।
हादसे के बाद करीब दो घंटे तक लगातार सिलेंडरों में विस्फोट होते रहे, जिससे पूरा इलाका दहल उठा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ फटे हुए सिलेंडर 500 मीटर दूर तक खेतों में जा गिरे, जो हादसे की भयावहता को दर्शाता है।
एक व्यक्ति की मौत, पांच वाहन जलकर खाक
इस भीषण अग्निकांड में केमिकल टैंकर के ड्राइवर की जिंदा जलकर मौत हो गई, जिससे मौके पर ही उसकी पहचान मुश्किल हो गई।
दमकल की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
LPG सिलेंडर से भरे ट्रक में कुल 330 सिलेंडर थे, जिनमें से लगभग 200 सिलेंडर धमाकों के साथ फट गए।
हादसे की चपेट में आकर वहां खड़े पांच अन्य वाहन भी पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
एक गैस सिलेंडर धमाके के बाद उड़ता हुआ पास के एक ढाबे के अंदर तक घुस गया, जिससे वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई।
हालांकि, ढाबे के अंदर बैठे लोगों को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना हादसे की तीव्रता को बयां करती है।
एक ट्रक कंडक्टर सद्दाम मोहम्मद (Saddam Mohammad) इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे भांकरोटा (Bhankrota) स्थित जीवन रेखा हॉस्पिटल (Jeevan Rekha Hospital) में भर्ती कराया गया है।
आरटीओ की गाड़ी से बचने के चक्कर में हुआ हादसा
हादसे के पीछे की वजह चौंकाने वाली सामने आई है, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों और जल चुके ट्रक के ड्राइवर शाहरुख (Shahrukh) ने बताया।
शाहरुख ने बताया कि केमिकल से भरा टैंकर जयपुर की तरफ जा रहा था, तभी सामने से आरटीओ (RTO) की एक गाड़ी आती दिखाई दी।
आरटीओ की गाड़ी को देखकर केमिकल टैंकर का ड्राइवर घबरा गया और खुद को बचाने के लिए उसने टैंकर को अचानक ढाबे की तरफ मोड़ा।
इसी दौरान, टैंकर ढाबे के पास खड़े LPG सिलेंडर से भरे ट्रक से टकरा गया।
टक्कर के तुरंत बाद स्पार्किंग हुई और आग की लपटें तेजी से फैल गईं।
केमिकल टैंकर के ड्राइवर ने आग से बचने की काफी कोशिश की, लेकिन वह आग की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
शाहरुख ने यह भी आरोप लगाया कि करीब दो घंटे तक मौके पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे और न ही दमकल की गाड़ियां समय पर पहुंचीं।
बेंजीन केमिकल से भरा था टैंकर
मोजमाबाद तहसीलदार सुरेंद्र विश्नोई (Surendra Vishnoi) ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हादसे का शिकार हुआ टैंकर बेंजीन (Benzene) केमिकल से भरा था।
बेंजीन एक अत्यंत ज्वलनशील रसायन है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से प्लास्टिक इंडस्ट्री (Plastic Industry) में होता है।
यह केमिकल से भरा टैंकर गुजरात (Gujarat) की ओर जा रहा था।
पेट्रो केमिकल विशेषज्ञों ने भी बेंजीन की अत्यधिक ज्वलनशीलता की पुष्टि की है, जिससे आग इतनी तेजी से फैली।
हाईवे पर यातायात बाधित, घंटों बाद खुला रास्ता
हादसे के तुरंत बाद जयपुर-अजमेर हाईवे पर दोनों ओर का यातायात पूरी तरह से रोक दिया गया।
सुरक्षा कारणों और आग बुझाने के प्रयासों के चलते हाईवे का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार रात करीब 10 बजे से बंद रहा।
जयपुर जिला कलेक्टर ने बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे दोनों तरफ का ट्रैफिक खुलवाया, जिससे यात्रियों को राहत मिली।
पुलिस ने अजमेर से किशनगढ़ (Kishangarh) होते हुए जयपुर के रास्ते पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए ट्रैफिक को डायवर्ट किया।
किशनगढ़ से रूपनगढ़ (Rupangarh) की तरफ होते हुए गाड़ियों को जयपुर की ओर भेजा गया।
इसी तरह, जयपुर से अजमेर की ओर जाने वाले वाहनों को 200 फीट बाइपास (200 Feet Bypass) से ही टोंक रोड (Tonk Road) की तरफ डायवर्ट किया गया।
इस डायवर्जन के कारण लोगों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ा और वैकल्पिक रास्तों से गुजरना पड़ा।
जांच जारी, NHAI तैयार करेगा रिपोर्ट
हादसे के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
इस रिपोर्ट में हादसे के पीछे के सटीक कारणों और किसी भी संभावित लापरवाही का विस्तार से जिक्र किया जाएगा।
मृतक व्यक्ति की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है और उसकी पहचान एफएसएल (FSL) तथा डीएनए (DNA) टेस्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) के अधीक्षक डॉ. मृणाल जोशी (Dr. Mrinal Joshi) ने बताया कि शव के अवशेष देर रात 2 बजे प्लास्टिक बैग में मॉर्च्युरी (Mortuary) में लाए गए।
हादसे के करीब सात घंटे बाद तक केमिकल टैंकर में ब्लास्ट की आशंका बनी हुई थी, क्योंकि उसका तापमान कम नहीं हो रहा था।
इसलिए बुधवार सुबह तक उस पर लगातार पानी डाला जा रहा था ताकि तापमान को नियंत्रित किया जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि वैकल्पिक टैंकर की व्यवस्था होने पर इसमें भरे केमिकल को सुरक्षित रूप से खाली किया जाएगा।
जले हुए सिलेंडरों को मौके से हटाने का काम भी आग पर काबू पाने के तुरंत बाद शुरू कर दिया गया था।