Highlights
- जयपुर के खातीपुरा तिराहे पर जाम के दौरान पूर्व डीजी नवदीप सिंह की स्थानीय लोगों से बहस हुई।
- भीड़ ने पूर्व अधिकारी पर पिस्टल दिखाने का आरोप लगाया और उनके ड्राइवर के साथ मारपीट की।
- पूर्व डीजी ने पिस्टल दिखाने के आरोपों को नकारा और कहा कि उनके पास केवल एक बैग था।
- वैशाली नगर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और मामले की जांच शुरू की।
जयपुर | राजस्थान की राजधानी जयपुर के खातीपुरा तिराहे पर शनिवार शाम को पूर्व डीजी नवदीप सिंह और स्थानीय लोगों के बीच तीखी झड़प का मामला सामने आया है। यह घटना उस समय हुई जब इलाके में एक पौषबड़ा प्रसादी कार्यक्रम के चलते भारी ट्रैफिक जाम लगा हुआ था। जाम में फंसे पूर्व डीजी की वहां मौजूद लोगों से कहासुनी हो गई जो देखते ही देखते विवाद और धक्का मुक्की में तब्दील हो गई। इस घटना के बाद इलाके में काफी देर तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पौषबड़ा कार्यक्रम के दौरान लगा था लंबा जाम
खातीपुरा तिराहे पर आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम में भाजपा नेता लालचंद कटारिया और विधायक गोपाल शर्मा सहित कई अन्य नेता भी उपस्थित थे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की मौजूदगी के कारण मुख्य सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं। इसी दौरान पूर्व डीजी नवदीप सिंह का वाहन भी इस जाम में फंस गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रास्ता खाली कराने की बात को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी जो देखते ही देखते हिंसक हो गई।
पिस्टल दिखाने के आरोप पर भड़की भीड़
विवाद के दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने गंभीर आरोप लगाया कि पूर्व डीजी ने उन पर पिस्टल तानी है। इस बात की सूचना फैलते ही वहां मौजूद भीड़ उग्र हो गई और जमकर हंगामा शुरू कर दिया। आक्रोशित लोगों ने पूर्व डीजी के ड्राइवर के साथ मारपीट की और उनके वाहन की चाबी भी छीन ली। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पूर्व अधिकारी को खुद अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर योगेश दाधीच को फोन कर घटना की जानकारी देनी पड़ी और सुरक्षा की मांग करनी पड़ी।
पूर्व डीजी नवदीप सिंह ने आरोपों को बताया गलत
दूसरी ओर पूर्व डीजी नवदीप सिंह ने पिस्टल दिखाने के सभी आरोपों को पूरी तरह से गलत और निराधार बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पास उस समय कोई हथियार नहीं था और वह केवल एक बैग पकड़े हुए थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने केवल लोगों से वाहन साइड में करने का आग्रह किया था ताकि रास्ता खुल सके लेकिन इसी बात पर कुछ शरारती तत्वों ने बहस शुरू कर दी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके ड्राइवर को पीटा गया और उन्हें घर से दूसरी चाबी मंगवानी पड़ी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही वैशाली नगर थाने की पुलिस टीम और पीसीआर वाहन तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद भीड़ को तितर-बितर किया और दोनों पक्षों के बीच चल रहे विवाद को शांत कराया। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि विवाद की मुख्य वजह क्या थी और पिस्टल दिखाने के आरोपों में कितनी सच्चाई है। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत रहने की अपील की है।
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