Highlights
- जयपुर के मनोज सिंह शेखावत को धोखे से रूसी सेना में भर्ती किया गया।
- परिवार ने भारत सरकार से तत्काल रिहाई और सुरक्षित वापसी की अपील की है।
- मनोज को यूक्रेन के लुहान्स्क क्षेत्र में सैन्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
जयपुर: जयपुर निवासी अजय सिंह राठौऱ (Ajay Singh Rathore) ने भारत सरकार से अपने भाई मनोज सिंह शेखावत (Manoj Singh Shekhawat) की रिहाई के लिए गुहार लगाई है, जिन्हें धोखे से रूस (Russia) की सेना में भर्ती कर लिया गया है। परिवार ने तत्काल मानवीय और राजनयिक हस्तक्षेप की अपील की है।
धोखे से रूसी सेना में भर्ती: एक गंभीर मामला
जयपुर के वैशाली नगर निवासी मनोज सिंह शेखावत, जिनका पासपोर्ट नंबर R6734780 है, विक्रम सिंह शेखावत के पुत्र हैं।
उन्हें जयपुर के ही दो स्थानीय एजेंटों, शंकर सिंह और राजेश चौधरी ने रूस में एक निर्माण कंपनी में उच्च वेतन वाली नौकरी दिलाने का झांसा दिया था।
इन एजेंटों ने मनोज को बेहतर भविष्य के सपने दिखाए और उन्हें रूस जाने के लिए प्रेरित किया।
मनोज को रोजगार के बहाने रूस भेजा गया था, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें न तो कोई स्थायी काम मिला और न ही कोई नियमित वेतन।
एजेंटों द्वारा केवल अस्थायी वीज़ा की व्यवस्था की गई थी, जिससे उनकी कानूनी स्थिति बेहद कमजोर हो गई थी।
यह स्पष्ट रूप से मानव तस्करी और रोजगार धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला प्रतीत होता है।
युद्ध के मोर्चे पर फंसे भारतीय नागरिक
रूस में पैसे और वैध वीज़ा खत्म होने के बाद, मनोज को रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
अजय सिंह के अनुसार, 17 सितंबर 2025 से मनोज को यूक्रेन के लुहान्स्क क्षेत्र में हथियारों की सैन्य ट्रेनिंग दी जा रही है।
यह क्षेत्र रूस-यूक्रेन युद्ध के सक्रिय मोर्चे से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो उनकी जान को हर पल गंभीर खतरा है।
मनोज को वहां से निकलने नहीं दिया जा रहा है और उन पर लगातार सख्त निगरानी रखी जा रही है, जिससे उनकी सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है।
परिवार को मनोज की जान का खतरा महसूस हो रहा है और वे हर पल भयभीत हैं।
भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील
मनोज का परिवार, विशेषकर उनके भाई अजय सिंह राठौऱ, इस दुखद घटना से गहरे सदमे में और बेहद चिंतित हैं।
उन्होंने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को एक विस्तृत पत्र भेजकर तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
परिवार ने भारत सरकार से इस मामले को मानवीय और राजनयिक स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता से देखने का अनुरोध किया है।
उनकी मुख्य मांग है कि मनोज सिंह शेखावत को जल्द से जल्द सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।
अजय सिंह राठौऱ ने अपना संपर्क विवरण भी साझा किया है, जिसमें उनका मोबाइल नंबर +91 73399 25242 और पता वैषाली नगर, जयपुर, राजस्थान – 302012 शामिल है, ताकि सरकार उनसे सीधा संपर्क कर सके।
धोखेबाज एजेंटों पर सख्त कार्रवाई की मांग
मनोज के परिवार ने जोर देकर कहा कि यह मामला केवल उनके परिवार का व्यक्तिगत दुख नहीं है।
यह उन तमाम भारतीय युवाओं का प्रतिनिधित्व करता है जिन्हें झूठे वादों के जरिए विदेशी धरती पर खतरनाक और अमानवीय परिस्थितियों में धकेला जा रहा है।
उन्होंने सरकार से ऐसे धोखेबाज एजेंटों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और रोजगार धोखाधड़ी के बढ़ते खतरों को उजागर करती है, जिस पर सरकारों और समाज को मिलकर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
भारत सरकार से अपेक्षा है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक और प्रभावी कदम उठाएगी।
इस मामले को एक उदाहरण के तौर पर देखा जाना चाहिए ताकि अन्य भारतीय युवा ऐसी धोखाधड़ी का शिकार न हों।
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