Highlights
- जालोर के आहोर में 100 करोड़ रुपये का सरकारी भूमि घोटाला।
- शिवसेना (UBT) ने सीबीआई जांच की मांग की।
- राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर भूमि का क्षेत्रफल बढ़ाया गया।
- अदालती आदेश की गलत व्याख्या कर रातोंरात नामांतरण।
जालोर: राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) जिले की आहोर (Ahor) नगरपालिका क्षेत्र में लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी भूमि हड़पने का बड़ा घोटाला सामने आया है। शिवसेना (UBT) ने सीबीआई (CBI) जांच की मांग की है।
यह सनसनीखेज मामला आहोर नगरपालिका क्षेत्र से जुड़ा है, जहां राजस्व अधिकारियों, भूमाफियाओं और नगरपालिका प्रशासन की कथित मिलीभगत से करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि को अवैध रूप से निजी हाथों में सौंपने का आरोप है। इस घटनाक्रम ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है आहोर भूमि घोटाले का पूरा मामला?
यह घोटाला खसरा संख्या 313, 314 और 316 से संबंधित है। यह भूमि वर्ष 1977 में दानपत्र के माध्यम से आहोर नगरपालिका को हस्तांतरित की गई थी। मूल रूप से इस भूमि का रकबा 11 बीघा 19 बिस्वा था।
राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी और अवैध हस्तांतरण
आरोप है कि राजस्व अभिलेखों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। इस हेराफेरी के जरिए मूल भूमि का क्षेत्रफल अवैध रूप से बढ़ाकर लगभग 19 बीघा कर दिया गया। इसी बढ़ी हुई भूमि के आधार पर, नगरपालिका की लगभग 8 बीघा अतिरिक्त भूमि निजी व्यक्तियों को अवैध रूप से हस्तांतरित कर दी गई। शिवसेना का आरोप है कि यह घोटाला भू-माफिया, नगरपालिका प्रशासन और राजस्व अधिकारियों की गहरी मिलीभगत के बिना संभव नहीं था।
न्यायालय आदेश की गलत व्याख्या और 'रातोंरात' नामांतरण
मामले की गंभीरता तब और बढ़ जाती है, जब यह दावा किया गया है कि 3 नवंबर, 2025 के अदालती आदेश की गलत व्याख्या की गई। तहसीलदार और उप-विभागीय अधिकारी, आहोर ने 10 नवंबर, 2025 को रातोंरात अवैध रूप से म्यूटेशन कर दिया। इस गुप्त कार्रवाई से सरकारी भूमि निजी व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हुई, जिससे अधिकारियों की मंशा पर सीधे सवाल उठते हैं।
शिवसेना ने उठाई सीबीआई जांच की मांग
शिवसेना (UBT) के जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित ने इस गंभीर भूमि घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने सोमवार को जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सभी संबंधित दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।
एसीबी महानिदेशक का सख्त कार्रवाई का आश्वासन
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। महानिदेशक ने कहा कि ऐसे घोटालों का खुलासा करना और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, सत्य और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
नागरिकों में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
इस बड़े भूमि घोटाले के सामने आने के बाद स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यह सार्वजनिक संपत्ति को निजी हाथों में सौंपने का एक सुनियोजित प्रयास है। नागरिकों ने अब इस मामले में निर्णायक कदम उठाने की मांग की है।
उनकी प्रमुख मांगों में पूरे मामले की सीबीआई (CBI) या एसीबी (ACB) से निष्पक्ष जांच, संबंधित राजस्व और नगरपालिका अधिकारियों को तुरंत निलंबित करना, और अवैध रूप से हस्तांतरित जमीन को तुरंत दुबारा नगरपालिका के नाम दर्ज करना शामिल है।
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