Highlights
- गणपतसिंह मांडोली हत्याकांड का खुलासा न होने पर परिजनों का धरना छठे दिन भी जारी।
- विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने जालोर एसपी को तत्काल कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया।
- भाटी ने चेतावनी दी कि 2-4 दिन में खुलासा न होने पर जिला मुख्यालय पर महापड़ाव होगा।
- परिजनों ने कहा, खुलासा हुए बिना भूख हड़ताल नहीं तोड़ेंगे।
जालोर: जालोर (Jalore) में गणपतसिंह मांडोली (Ganpatsingh Mandoli) हत्याकांड का खुलासा नहीं होने से परिजनों का धरना छठे दिन भी जारी है। 80 वर्षीय मां, पत्नी और दो छोटे बच्चों समेत परिवार भूख हड़ताल पर बैठा है। शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने धरना स्थल पहुंचकर परिजनों से बात की और जालोर एसपी (Jalore SP) को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि 2-4 दिन में खुलासा नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय पर महापड़ाव होगा।
जालोर में गणपतसिंह मांडोली हत्याकांड को लेकर परिजनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 15 महीने पुराने इस मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं, जिससे न्याय की आस लगाए बैठे परिवार का धैर्य जवाब दे रहा है। पीड़ित परिवार पिछले छह दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है, जिसमें गणपतसिंह की 80 वर्षीय मां, पत्नी और दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं। वे सभी भूख हड़ताल पर बैठे हैं, न्याय की मांग कर रहे हैं।

विधायक भाटी का अल्टीमेटम
आज शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी धरना स्थल पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार की पीड़ा सुनी और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। भाटी ने तुरंत जालोर एसपी शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया से फोन पर बात की और हत्याकांड का जल्द से जल्द खुलासा करने की मांग की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगले 2-4 दिनों में इस मामले का खुलासा नहीं हुआ, तो वे जिला मुख्यालय पर एक बड़ा महापड़ाव करेंगे। भाटी के इस बयान से प्रशासन पर दबाव और बढ़ गया है।
प्रशासन पर लगातार बढ़ता दबाव
धरना स्थल पर स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है और माहौल तनावपूर्ण है। कल मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग भी परिजनों को समझाने पहुंचे थे, लेकिन परिवार अपनी मांगों पर अडिग रहा। एसपी शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया ने भी निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन परिजनों का कहना है कि वे तब तक भूख हड़ताल नहीं तोड़ेंगे, जब तक हत्याकांड का खुलासा नहीं हो जाता।

न्याय की आस में परिवार
गणपतसिंह का शव 28 अगस्त 2024 को मिला था, लेकिन इस घटना के 15 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। परिजनों का साफ कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। इस हत्याकांड के खुलासे की मांग को लेकर पुलिस और प्रशासन पर लगातार दबाव बढ़ रहा है, और अब विधायक भाटी के अल्टीमेटम के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
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