Highlights
- कैबिनेट मंत्री जोगेश्वर गर्ग ने जालोर के क्षेमंकरी माताजी नवरात्रि गरबा महोत्सव में शिरकत की।
- मंत्री गर्ग ने खीमज माताजी मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
- उन्होंने नवरात्रि को मातृशक्ति की उपासना और शक्ति, भक्ति व एकता का प्रतीक बताया।
- माली समाज सोलंकी लायसा परिवार सेवा संस्थान द्वारा भव्य आयोजन किया गया।
जालोर। प्रेम नगर स्थित क्षेमंकरी माताजी मंदिर में माली समाज सोलंकी लायसा परिवार सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित भव्य नवरात्रि गरबा महोत्सव में राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक, कैबिनेट मंत्री एवं जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने रविवार को अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर उन्होंने सर्वप्रथम खीमज माताजी मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया, जिसके बाद वे भक्तिमय गरबा महोत्सव स्थल पर पहुंचे।
भव्य स्वागत और सम्मान
महोत्सव स्थल पर पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री गर्ग का माली समाज सोलंकी लायसा परिवार सेवा संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। संस्था संरक्षक गोपाराम माली, अध्यक्ष जुठाराम सोलंकी, उपाध्यक्ष दिलीप सोलंकी, मंत्री एडवोकेट सुरेश सोलंकी, कार्यक्रम संयोजक छोगालाल माली, कोषाध्यक्ष कमलेश सोलंकी, प्रसार मंत्री हुकमीचंद सोलंकी और रमेश सोलंकी सहित अन्य सदस्यों ने मंत्री महोदय को साफा पहनाकर, माला भेंट कर और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान समाज के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित थे, जिन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।
मातृशक्ति की उपासना का पर्व: मंत्री गर्ग
अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री जोगेश्वर गर्ग ने नवरात्रि पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “नवरात्रि का यह पावन पर्व मातृशक्ति की उपासना और शक्ति, भक्ति व एकता का प्रतीक है। समाज द्वारा ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों से हमारी प्राचीन परंपराएँ सशक्त होती हैं और हमारी आने वाली पीढ़ियों को अपने संस्कारों से जुड़ने का अवसर मिलता है।” उन्होंने समाज द्वारा किए जा रहे इस प्रयास की सराहना की और इसे सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया, जो हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है।
भक्तिमय वातावरण और जनभागीदारी
इस अवसर पर भाजपा नगर अध्यक्ष रवि सोलंकी, महामंत्री सुरेश सुंदेशा, नाथू सोलंकी, वेलाराम माली, चुनीलाल, ओम पिसोला, बसंत, नरेंद्र, भरत, सौरव सहित कई भाजपा कार्यकर्ता, माताएं और बहनें मौजूद रहीं। मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में माताएँ, बहनें और समाजजन गरबा में उत्साह और श्रद्धा के साथ देवी माताजी की आराधना करते हुए नजर आए। पूरा आयोजन स्थल भक्ति रस और रंगीन पारंपरिक परिधानों से सराबोर था, जिससे एक अत्यंत मनमोहक और आध्यात्मिक वातावरण बन गया था। गरबा की धुनें और भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था, जो देवी के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।
आगामी कार्यक्रम
संस्थान मंत्री एडवोकेट सुरेश सोलंकी ने बताया कि महोत्सव के समापन के अवसर पर 30 तारीख को सुबह माताजी मंदिर में लाभार्थी परिवार द्वारा हवन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी समाजजन अपनी सहभागिता निभाएंगे। यह आयोजन समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी अपनी संस्कृति से परिचित हो सकें।