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अब राजपूत नेताओं ने वराड़ा हनुमान मंदिर में सम्मेलन बुलाया है। इस सम्मेलन के माने क्या है और क्या गणित जालोर—सिरोही सीट पर बन रही है। यह देखने वाली बात होगी?
जालोर—सिरोही लोकसभा सीट से लुम्बाराम चौधरी को टिकट दिए जाने के बाद आई संगठन की सूची में में से गायब राजपूत नेताओं की बीजेपी से नाराजगी हो सकती है। वजह यह है कि बीजेपी संगठन में जालोर के मौजूदा अध्यक्ष ने बीते समय में जिस तरह से राजपूत नेताओं को किनारे किया है। वह अहसास अब प्रबल हो रहा है। वहीं देवजी पटेल के साथ गए नेताओं की उन्होंने उपेक्षा कर डाली और देवजी के खिलाफ गए नेता पार्टी से बाहर है।
ऐसे में जीवाराम चौधरी और दानाराम चौधरी समेत कई प्रभावशाली नेता पार्टी से बाहर है। लुम्बाराम चौधरी का प्रभाव व्यक्तिगत रूप से मात्र साढ़े आठ लाख लोगों वाले सिरोही जिले पर है और यदि जालोर में कांग्रेस वैभव गहलोत को टिकट देती अथवा किसी राजपूत को टिकट देती है तो कांग्रेस का मूलवोट बैंक मिलकर इस सीट का गणित बिगाड़ सकते हैं।
अब राजपूत नेताओं ने वराड़ा हनुमान मंदिर में सम्मेलन बुलाया है। इस सम्मेलन के माने क्या है और क्या गणित जालोर—सिरोही सीट पर बन रही है। यह देखने वाली बात होगी?
क्या बीजेपी से नाराजगी या कांग्रेस से उम्मीदें हैं। यह बड़ा सवाल है। जालोर—सिरोही से लोकसभा का टिकट मांग रहे राजपूत समाज के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लाल सिंह राठौड़ ने यह सम्मेलन बुलाया है।
यदि कांग्रेस यहां कळबी को टिकट देती है अथवा वैभव गहलोत को टिकट देती है। तो देवासी और राजपूत किस दिशा में जाएंगे, यह सवाल प्रमुख हैं।