Highlights
- जालोर थाने में वकील से बदसलूकी का आरोप।
- वकील ने सीआई रामेश्वर लाल भाटी पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाया।
- वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से मिलकर कार्रवाई की मांग की।
- मुख्य न्यायाधीश ने एसपी को तलब कर सोमवार तक रिपोर्ट मांगी।
जालोर: जालोर थाने में वकील तुलसीराम पुरोहित से बदसलूकी का आरोप है। उन्होंने सीआई रामेश्वर लाल भाटी पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाया। डीजे ने एसपी को तलब कर सोमवार तक रिपोर्ट मांगी।
यह मामला जालोर कोतवाली थाने से जुड़ा है, जहां गुरुवार रात एक वकील के साथ कथित तौर पर अभद्रता की गई। वकील अपने क्लाइंट के बयान दर्ज करवाने के लिए थाने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।
इस घटना के बाद जालोर के वकीलों में भारी रोष देखने को मिला। शुक्रवार को सभी वकील एकजुट हुए और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की।
गुमशुदगी रिपोर्ट और थाने का रुख
पीड़ित वकील तुलसीराम पुरोहित ने बताया कि वे गुजरात में दर्ज एक एमपीआर (गुमशुदगी रिपोर्ट) मामले में अपने क्लाइंट के बयान दर्ज करवाने जालोर आए थे। उनके क्लाइंट ने जोधपुर के आर्य समाज में शादी कर ली थी, जिसके बाद उन्हें एसपी शैलेन्द्र सिंह के सामने पेश किया जाना था।
गुरुवार शाम को एसपी ऑफिस पहुंचने में देरी हो गई, और शाम 7 बजे ऑफिस बंद होने का समय होने के कारण एसपी से मुलाकात नहीं हो सकी। एसपी ने दोनों पीड़ित व वकील को कोतवाली थाने भेज दिया ताकि बयान दर्ज हो सकें।
रात करीब 10 बजे गुजरात से आए जांच अधिकारी उनके क्लाइंट को बयान के लिए सीआई रामेश्वर भाटी के ऑफिस में ले गए। यहीं पर कथित तौर पर बदसलूकी की घटना हुई।
पुलिसकर्मी पर बदसलूकी और धक्का-मुक्की का आरोप
वकील तुलसीराम पुरोहित का आरोप है कि सीआई रामेश्वर लाल भाटी ने थाने के एक कमरे में उनके साथ अभद्रता की। उनके अनुसार, सीआई रामेश्वर भाटी, पुलिसकर्मी बाबूलाल और सिविल ड्रेस में मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने मिलकर उनके साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें परेशान किया।
पुरोहित ने बताया कि जब उन्होंने इस हरकत का विरोध किया, तो उन्हें खींचकर थाने से बाहर ले जाने का प्रयास किया गया। पुलिसकर्मियों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि "यह तुम्हारा कोर्ट नहीं है, यह हमारा थाना है, यहां हम चाहेंगे वहीं करेंगे, तू वकालात मत कर।"
कॉलर पकड़कर धमकी और वीडियो बनाने पर रोक
पीड़ित वकील ने आगे आरोप लगाया कि सीआई रामेश्वर लाल भाटी ने उनकी शर्ट की कॉलर पकड़कर उन्हें धक्का मारा। यह घटना तब हुई जब वे अपना पक्ष रखने की कोशिश कर रहे थे।
जब उनके साथी वकील मोबाइल से इस घटना का वीडियो बनाने लगे, तो सीआई भाटी ने उन्हें भी धमकाया। उन्होंने जबरदस्ती वीडियो बना रहे वकील का मोबाइल छीन लिया और आरोप लगाया कि "तू कूडी भगतासनी की घटना यहां करना चाहता है।"
वकील पुरोहित ने बताया कि पुलिसकर्मियों का यह रवैया पूरी तरह से अनुचित और अपमानजनक था। उन्होंने कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने और एक वकील के साथ इस तरह का व्यवहार करने की कड़ी निंदा की।
वकीलों का एकजुट होना और न्याय की मांग
इस गंभीर घटना के बाद शुक्रवार को वकील तुलसीराम पुरोहित ने तुरंत अपने अन्य वकील साथियों को इसकी जानकारी दी। जालोर बार एसोसिएशन के सदस्य इस घटना से स्तब्ध और आक्रोशित थे।
इसके बाद जालोर के सभी वकील एकजुट हो गए और उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की मांग की। उन्होंने जालोर के मुख्य न्यायाधीश (डीजे) दिनेश कुमार गुप्ता से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई।
वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मुख्य न्यायाधीश का हस्तक्षेप और रिपोर्ट तलब
जालोर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष खंसाराम परिहार ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने वकील तुलसीराम पुरोहित के साथ हुई अभद्रता की शिकायत को गंभीरता से लिया है।
मुख्य न्यायाधीश ने तत्काल प्रभाव से जालोर एसपी शैलेन्द्र सिंह को तलब किया। उन्होंने एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे इस पूरे मामले की गहन जांच करें और सोमवार तक अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
यह फैसला कोर्ट में बार एसोसिएशन के सदस्यों और पीड़ित वकील के साथ हुई वार्ता के बाद लिया गया। वकीलों ने कोर्ट के सामने "वकील एकता जिंदाबाद" के नारे लगाते हुए अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया।
एसपी का आश्वासन: मामले की जांच होगी
जालोर एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि एमपीआर मामले में बयान दर्ज कराने गए वकील के साथ कोतवाल रामेश्वर लाल भाटी द्वारा अभद्रता करने की शिकायत मुख्य न्यायाधीश को दी गई है।
एसपी ने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष और गंभीरता से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीजे की ओर से जांच के निर्देश के बाद सभी वकीलों ने एक बार फिर "वकील एकता जिंदाबाद" के नारे लगाए। इस घटना ने पुलिस और न्यायिक समुदाय के बीच के संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब सभी की निगाहें सोमवार को पेश होने वाली रिपोर्ट पर टिकी हैं।
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