Jodhpur, Rajasthan : जोधपुर: मासूम हिमांशु के हत्यारे को उम्रकैद, 'विकृत मानसिकता' का अपराध

जोधपुर: मासूम हिमांशु के हत्यारे को उम्रकैद, 'विकृत मानसिकता' का अपराध
मासूम हिमांशु हत्याकांड: दोषी को उम्रकैद
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Highlights

  • दोषी किशन गोपाल सोनी को उम्रकैद और 1 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना।
  • पड़ोसी ने 7 साल के मासूम हिमांशु का अपहरण कर गला घोंटकर हत्या की थी।
  • हत्या का मकसद 10 लाख रुपये की फिरौती और बच्चे की किडनी बेचना था।
  • डीएनए टेस्ट, आटे का कट्टा और सीसीटीवी फुटेज अहम सबूत बने।

जोधपुर: जोधपुर (Jodhpur) के अपर सेशन न्यायालय संख्या-7 (Additional Sessions Court No.-7) ने 4 साल पुराने हिमांशु हत्याकांड (Himanshu Murder Case) में पड़ोसी किशन गोपाल सोनी (Kishan Gopal Soni) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी ने 7 साल के मासूम हिमांशु का अपहरण कर फिरौती और किडनी बेचने के इरादे से हत्या कर दी थी, जिसे अदालत ने "विकृत मानसिकता" (depraved mentality) वाला अपराध बताया।

जोधपुर के अपर सेशन न्यायालय संख्या-7 ने दोषी किशन गोपाल सोनी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 1 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

विकृत मानसिकता का अपराध: कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने आरोपी के कृत्य को "विकृत मानसिकता" वाला जघन्य अपराध करार दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी ने एक 7 साल के अबोध बालक का फिरौती के लिए अपहरण कर गला दबाकर हत्या की, जो अपनी प्रतिरक्षा में भी असमर्थ था।

यह फैसला समाज में न्याय और कानून के प्रति विश्वास को मजबूत करता है।

क्या था पूरा मामला?

मासूम हिमांशु का अपहरण और हत्या

15 मार्च 2021 को जोधपुर के कुम्हारिया कुआं निवासी बंशीलाल का 7 साल का बेटा हिमांशु घर के बाहर खेलते हुए गायब हो गया। दो दिन बाद, 17 मार्च को पोलो ग्राउंड के पास एक सूखे नाले में प्लास्टिक के कट्टे में बच्चे का शव मिला।

जांच में खुलासा हुआ कि पड़ोसी किशन गोपाल सोनी ने हिमांशु का अपहरण कर अपने घर की पहली मंजिल पर ले जाकर गला घोंट दिया। हत्या के बाद, उसने शव को बोरे में भरकर नाले में फेंक दिया था।

10 लाख रुपये की फिरौती और किडनी बेचने की धमकी

आरोधी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए 'हस्ड ऐप' (Hushed App) से एक वर्चुअल इंटरनेशनल नंबर जनरेट किया। इसी नंबर से उसने मृतक के दादा और पड़ोसी को व्हाट्सएप मैसेज से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी।

मैसेज में धमकी दी गई थी कि 18 मार्च को बच्चे का ऑपरेशन कर उसकी किडनी और दिल निकाल लिया जाएगा। उसने लिखा, "अगर होशियारी की तो दिल्ली से सीधे ईरान में और परसों हिमांशु का ऑपरेशन फिर ले जाना लाश।"

कातिल तक कैसे पहुंची पुलिस?

डीएनए और अन्य साक्ष्य बने अहम कड़ी

डीएनए टेस्ट और 'मनमोहक ब्रांड' के आटे के कट्टे जैसे साक्ष्यों ने अहम भूमिका निभाई। बच्चे की जैकेट पर मिले बाल आरोपी के ब्लड सैंपल से मैच हुए, जिससे उसकी घटनास्थल पर मौजूदगी साबित हुई।

जिस ब्रांड के आटे के कट्टे में बच्चे का शव मिला, उसी ब्रांड का खाली कट्टा आरोपी के घर से बरामद हुआ। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी को घटना वाले दिन बाइक पर थैला ले जाते और फिर खाली हाथ लौटते देखा गया।

इन पुख्ता साक्ष्यों ने मिलकर आरोपी किशन गोपाल सोनी के खिलाफ अपराध को साबित किया। पुलिस और न्यायपालिका की कड़ी मेहनत से न्याय सुनिश्चित हुआ।

हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने के आरोप में सजा

एडवोकेट गोकुलेश बोहरा ने बताया कि कोर्ट ने आरोपी किशन गोपाल सोनी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है। उसे धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

धारा 364-क (फिरौती के लिए अपहरण) के तहत भी आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, धारा 363, 368 और 201 (सबूत मिटाना) के तहत 3-3 साल की सजा सुनाई गई है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी, जिससे दोषी को उसके जघन्य अपराधों के लिए पूरी सजा मिले।

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