जोधपुर : कैलाश खेर ने बताया जोधपुर से अपना खास रिश्ता, राजस्थान की सर्दियों के दीवाने

कैलाश खेर ने बताया जोधपुर से अपना खास रिश्ता, राजस्थान की सर्दियों के दीवाने
Kailash Kher
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Highlights

  • कैलाश खेर ने जोधपुर को सूर्य नगरी और नील नगरी बताया।
  • गायक ने कहा, राजस्थान की सर्दियां और गुनगुनी धूप उन्हें बेहद पसंद है।
  • कैलाश खेर ने अपने दोस्तों को राजस्थान आने का निमंत्रण दिया।
  • 'अल्लाह के बंदे' और 'तेरी दीवानी' जैसे गानों से मिली पहचान।

जोधपुर: मशहूर गायक कैलाश खेर (Kailash Kher) जोधपुर (Jodhpur) पहुंचे और मीडिया से बात करते हुए इस शहर से अपने खास रिश्ते को बताया। उन्होंने जोधपुर को सूर्य नगरी और नील नगरी कहा और राजस्थान की सर्दियां उन्हें बेहद पसंद हैं।

राजस्थान की अद्भुत संस्कृति और अनोखे रंग हर किसी के दिल को छू जाते हैं, और जोधपुर दुनिया भर के सैलानियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बना हुआ है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मशहूर गायक कैलाश खेर भी जोधपुर पहुंचे। जोधपुर पहुंचकर कैलाश खेर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस शहर से उनका रिश्ता बेहद खास है।

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "जोधपुर को सूर्य नगरी और नील नगरी भी कहा जाता है। मैं यहां पहले भी एक कार्यक्रम के लिए आया था और इस शहर ने मुझे बहुत प्यारी यादें दी थीं। जब भी मैं जोधपुर आता हूं, यहां की खूबसूरत यादें अपने साथ लेकर जाता हूं।"

राजस्थान की सर्दियां और गुनगुनी धूप

कैलाश खेर ने राजस्थान की सर्दियों के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "राजस्थान की सर्दियां हमेशा से मुझे बेहद पसंद रही हैं, खासतौर पर यहां की गुनगुनी धूप सर्द मौसम में किसी हल्के गर्म स्पर्श जैसी लगती है।"

उन्होंने आगे कहा कि इस मौसम में वह अपने दुनिया भर के दोस्तों को आमंत्रित करते हैं कि वे राजस्थान जरूर आएं। उन्होंने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से में चले जाएं, हर जगह कुछ न कुछ अद्भुत उनका इंतजार कर रहा होता है।

कैलाश खेर का अनोखा सफर

कैलाश खेर का अंदाज और आवाज बेहद हटकर है। उनके शुरुआती दिनों की बात करें तो उन्होंने मुंबई में संघर्ष करते हुए पहले विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाए थे। धीरे-धीरे उनके गीतों ने लोगों के दिलों में जगह बनानी शुरू की।

उनको असल पहचान 'अल्लाह के बंदे' गाने से मिली, जिसने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया। इसके बाद उनका गाना 'तेरी दीवानी' आज भी सूफी-फ्यूजन म्यूजिक का सबसे लोकप्रिय ट्रैक माना जाता है। उन्होंने अपने करियर में हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, गुजराती, मराठी और कई अन्य भाषाओं में गाने गाए हैं, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा साबित होती है।

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