Highlights
- कोटा के आरकेपुरम में फार्म हाउस पर छापेमारी कर 12 जुआरियों को पकड़ा गया।
- पुलिस ने मौके से 3.30 लाख रुपए और 16 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
- थाना प्रभारी और डीएसटी इंचार्ज सहित पूरी टीम को लाइन हाजिर किया गया।
- एडिशनल एसपी नियति शर्मा 3 दिन में मामले की जांच रिपोर्ट पेश करेंगी।
कोटा | राजस्थान के कोटा शहर में अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कोटा सिटी एसपी की स्पेशल टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर देर रात डिकॉय ऑपरेशन चलाकर आरकेपुरम थाना क्षेत्र के आवली रोजड़ी स्थित एक फार्म हाउस पर छापा मारा। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 12 लोगों को रंगे हाथों जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया है।
सफलतापूर्वक डिकॉय ऑपरेशन को दिया अंजाम
पुलिस की विशेष टीम ने योजनाबद्ध तरीके से फार्म हाउस की घेराबंदी की और अचानक छापेमारी की। इस दौरान वहां मौजूद 12 लोगों को जुआ खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। पुलिस ने मौके से 3.30 लाख रुपए की भारी भरकम नकदी बरामद की है। इसके अलावा आरोपियों के पास से 16 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं। इन मोबाइलों के जरिए जुए के नेटवर्क और अन्य संपर्कों की जांच की जा रही है ताकि पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो सके।
पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
इस छापेमारी के बाद कोटा सिटी एसपी तेजस्वनी गौतम ने बेहद सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने आरकेपुरम थाना प्रभारी संदीप विश्नोई और जिला विशेष टीम के इंचार्ज पुष्पेंद्र बंशीवाल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। उनके साथ ही डीएसटी के 6 अन्य सदस्यों को भी लाइन हाजिर किया गया है। एसपी ने पूरी डीएसटी टीम को भंग कर दिया है क्योंकि उनकी भूमिका इस मामले में संदिग्ध पाई गई है।
जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन
एसपी ने इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। एडिशनल एसपी नियति शर्मा को इस मामले का मुख्य जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें तीन दिन के भीतर अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट एसपी कार्यालय में सौंपने को कहा गया है। जांच में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाए और यह खेल कब से चल रहा था।
अपराध के खिलाफ सख्त संदेश
एसपी तेजस्वनी गौतम ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि कोटा पुलिस पूरी तरह से जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी थाना अधिकारियों को पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी प्रकार का अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीट कॉन्स्टेबल की भूमिका की भी बारीकी से जांच की जा रही है कि क्या उसे इस जुए के खेल की जानकारी थी या नहीं और क्या उसकी इसमें कोई मिलीभगत थी।
भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा
पुलिस प्रशासन ने अब साफ कर दिया है कि यदि भविष्य में किसी भी क्षेत्र में जुआ सट्टा या अवैध शराब जैसी गतिविधियां पाई जाती हैं तो वहां के जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कोटा पुलिस अब शहर के अन्य इलाकों में भी इसी तरह के औचक डिकॉय ऑपरेशन चलाने की योजना बना रही है। इस कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त हो गए हैं और स्थानीय जनता में पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।
राजनीति