Highlights
- कवि से कथावाचक बने कुमार विश्वास अपने बड़बोलेपन के लिए भी उतने ही मशहूर है जितने कविताओं के लिए
- मंच कविता का हो या कथा का ना चाहते हुए भी कुमार की जुबान राजनीति पर आ ठहरती है
- कुमार विश्वास कुछ ऐसा बोल गए कि पूरे देश में उनका विरोध शुरू हो गया और उज्जैन में उनके पोस्टर फाड़े जाने लगें
कवि से कथावाचक बने कुमार विश्वास अपने बड़बोलेपन के लिए भी उतने ही मशहूर है जितने कविताओं के लिए। जितनी रचनात्मकता और छुपी हुई चतुराई के साथ उनके बयान राजनीति पर चोट करते है वह कबिलेतरीफ तो होता ही है लेकिन कभी - कभी उनका यही बड़बोलापन कुमार के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर देता है।
मंच कविता का हो या कथा का ना चाहते हुए भी कुमार की जुबान राजनीति पर आ ठहरती है और वे उसमे अपने शब्द सामर्थ्य का जो तड़का लगाते है वह उन्हें लगातार सुर्खियों में बनाए रखता है।

एक बार फिर अपने ताजा बयान को लेकर कुमार विश्वास जोरदार सुर्खियों में बने हुए है। लेकिन इस बार मामला उल्टा पड़ गया हैं। उल्टा भी ऐसा कि कुमार को आगे आकर अपने बयान पर न केवल सफाई देनी पड़ी बल्कि हाथ जोड़कर माफी मांगना भी जरूरी हो गया। 
कविताओं के साथ - साथ कुमार विश्वास अब रामकथा के कथावाचक भी बन गए है। देश के विभिन्न शहरों में उनकी कथाएं चलती रहती है। इसी सिलसिले में इन दिनों कुमार विश्वास की रामकथा मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में चल रही है। कथा के दौरान कुमार विश्वास कुछ ऐसा बोल गए कि पूरे देश में उनका विरोध शुरू हो गया और उज्जैन में उनके पोस्टर फाड़े जाने लगें।
बात पोस्टर फाड़े जाने तक ही नही रुकी। कुमार को कई संगठनों की धमकियां मिलने लगी और कहा गया कि यदि कुमार विश्वास ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी तो उनकी रामकथा नही होने दी जाएगी।
दरअसल कथा के दौरान कुमार विश्वास की जुबान थोड़ी राजनीति की तरफ घूम गई और उन्होंने अपने ऑफिस में काम करने वाले एक लड़के पर बात करते हुए आगे कहा कि वामपंथी कुपढ है और आरएसएस अनपढ़। कुमार इतना कहकर भी नही रुके वे आगे बोले कि वामपंथियों ने पढ़ा सब है लेकिन सब गलत पढ़ा है और दूसरे वालों ( आरएसएस ) ने कुछ भी नही पढ़ा।
कथा में दिया गया कुमार का बयान देशभर में चर्चित हो गया और फिर शुरू हुआ विरोध का सिलसिला। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर कुमार विश्वास के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोग उनके इस बयान की आलोचना करने लगे।
विरोध न केवल सोशल मीडिया पर बल्कि जब धरातल पर पहुंचा तो उज्जैन और मध्यप्रदेश में कुमार के पोस्टर फाड़े जाने लगे। मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता ने तो कुमार विश्वास को आरएसएस पर दिए गए बयान पर धमकी देते हुए उनकी कथा भंग करने की धमकी तक दे डाली।
विरोध बढ़ता देख कुमार विश्वास ने अपनी सफाई देते हुए पूरी बात समझाने की कोशिश की। अपनी सफाई में कुमार ने बताया कि वे अपने ऑफिस में काम करने वाले एक लड़के जो कि आरएसएस से जुड़ा हुआ है, के बारे में बात कर रहे थे। कथा रुकवाने की धमकी पर बोलते हुए कुमार ने कहा कि आपको पता होना चाहिए रामकथा कौन भंग करता है।
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