कांग्रेस की राजनीति खोखली: राठौड़: मदन राठौड़: कांग्रेस की राजनीति सस्ती बयानबाज़ी और खोखले नारों तक सिमटी

मदन राठौड़: कांग्रेस की राजनीति सस्ती बयानबाज़ी और खोखले नारों तक सिमटी
Madan Rathore Rajasthan
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Highlights

  • कांग्रेस की राजनीति सस्ती बयानबाज़ी और खोखले नारों तक सीमित।
  • पेपर लीक और भर्ती घोटाले से प्रदेश को गर्त में धकेला।
  • भाजपा सरकार त्वरित कार्रवाई और न्याय के लिए प्रतिबद्ध।
  • कांग्रेस में जिलाध्यक्ष चयन से आंतरिक खींचतान उजागर।

जयपुर: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) ने कांग्रेस (Congress) नेताओं गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की राजनीति सस्ती बयानबाज़ी और खोखले नारों तक सिमट गई है।

कांग्रेस की सस्ती राजनीति और अफवाहों पर आधारित बयानबाज़ी

कांग्रेस आज जिम्मेदारी से नहीं, बल्कि सस्ती राजनीति और अफवाहों के सहारे अपनी राजनीति चला रही है।

कभी झूठे आरोपों से जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जाता है, तो कभी "भारत जोड़ो" जैसे भ्रमित अभियानों से खोए हुए जनाधार को पाने की नाकाम कोशिश की जाती है।

राठौड़ ने गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा जयपुर-अजमेर हाईवे हादसे और एसएमएस अस्पताल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दिए गए बयान को पूरी तरह राजनीतिक स्वार्थ और झूठे दावों से प्रेरित बताया।

कांग्रेस शासन में पेपर लीक और भर्ती घोटाले: एक कड़वी सच्चाई

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने याद दिलाया कि कांग्रेस खुद उस शासन का हिस्सा रही है जिसने पेपर लीक, भर्ती घोटाले और प्रशासनिक लापरवाही से प्रदेश को गर्त में पहुंचाया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब न तो पीड़ितों को मुआवज़ा दिया गया और न ही दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई की गई।

राठौड़ ने कहा कि आज भाजपा सरकार इन मामलों में त्वरित कार्रवाई कर रही है, उच्चस्तरीय जांच करवा रही है और पीड़ितों को न्याय देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कांग्रेस के "सबूत मिटा दो, खानापूर्ति कर दो" जैसे बयानों को केवल प्रोपेगेंडा करार दिया।

राठौड़ ने डोटासरा को चुनौती दी कि यदि उनके पास कोई ठोस सबूत हैं, तो वे उन्हें सार्वजनिक करें और राजनीति करने की बजाय समाधान सुझाएं।

राहुल गांधी की यात्राएं और कांग्रेस की आत्ममुग्धता

अशोक गहलोत के बिहार चुनाव और राहुल गांधी की यात्रा को लेकर दिए गए बयानों पर कटाक्ष करते हुए राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की यह आत्ममुग्धता और भ्रम से भरी बयानबाज़ी अब अप्रासंगिक हो चुकी है।

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर राहुल गांधी की यात्राओं का इतना असर होता, तो कांग्रेस एक के बाद एक राज्य क्यों हारती जा रही है?

राठौड़ ने दावा किया कि बिहार में भाजपा और एनडीए की पकड़ मजबूत है और कांग्रेस को वहां भी जनता पूरी तरह नकार चुकी है।

आंतरिक खींचतान और गुटबाजी का शिकार कांग्रेस

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर बेबुनियादी आरोप लगाने को नकारात्मकता फैलाने का हथकंडा बताया, जिसका लोकतंत्र से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने गहलोत के जिलाध्यक्ष चयन को अभिनव प्रयोग बताने के दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि यह केवल पार्टी की अंदरुनी खींचतान को उजागर कर रहा है।

राठौड़ ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं, बल्कि गुटबाजी का संतुलन साधने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कांग्रेस की इस कवायद को अवसरवादी नियुक्तियों और गांधी परिवार को खुश करने तक सीमित बताया, जिसमें न पारदर्शिता है और न कोई जवाबदेही तय है।

"एक भारत, श्रेष्ठ भारत" बनाम कांग्रेस की विभाजनकारी नीति

गहलोत के इस दावे को कि "देश को जोड़ने की ताकत केवल कांग्रेस में है", राठौड़ ने तथ्यों से परे और विडंबनापूर्ण बताया।

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने दशकों तक जातिवाद, तुष्टिकरण और क्षेत्रवाद के ज़रिए देश को बांटने का काम किया।

राठौड़ ने भाजपा की "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की नीति की सराहना करते हुए कहा कि इसने जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक एकता और विकास का नया रास्ता खोला है।

भजनलाल सरकार का सुशासन और जवाबदेही

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि भाजपा की भजनलाल सरकार प्रदेश में हर हादसे की जांच और जवाबदेही सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने दोहराया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी स्तर पर हों।

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की अफवाहबाज़ी और भ्रम फैलाने की राजनीति का हर स्तर पर जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने विश्वास दिलाया कि जनता के साथ और जनता के लिए समर्पित रहकर, विकास और सुशासन की राह पर सरकार आगे बढ़ती रहेगी।

राठौड़ ने कांग्रेस को केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस और नारों की पार्टी बताया, जबकि जनता जानती है कि जमीन पर कौन काम कर रहा है।

उन्होंने भाजपा की राजनीति को सेवा, समर्पण और समाधान की राजनीति करार दिया, जिसका फर्क जनता को हर चुनाव में साफ दिखाई देता है।

प्रहलाद गुंजल पर टिप्पणी: राजनीतिक गरिमा का महत्व

राठौड़ ने प्रहलाद गुंजल के कांग्रेस में जाने के बाद भाजपा के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों पर भी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि गुंजल ने भाजपा को अपनी मां कहा था, लेकिन कांग्रेस में जाते ही उनकी भाषा बदल गई है, जो चिंताजनक है।

राठौड़ ने व्यक्तिगत रूप से कभी अमर्यादित भाषा का उपयोग न करने की बात कही, चाहे वे विरोधी हों या अपने।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीति में गरिमा और शुचिता सबसे बड़ी पूंजी है।

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