सभा छोड़ चले गए मंत्री मेघवाल: मंत्री महोदय को बोलने से रोका तो मंच पर ही शुरू हो गई हंगामे की ’महापंचायत’

मंत्री महोदय को बोलने से रोका तो मंच पर ही शुरू हो गई हंगामे की ’महापंचायत’
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जब मंत्री गोविंद राम मेघवाल मंच से लोगों को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान आयोजकों ने उन्हें निर्धारित समय तक ही बोलने के लिए कहा, लेकिन वे ठहरे मंत्री महोदय। इस बात पर वे खासे नाराज हो गए और मंच पर से ही कह दिया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है।

जयपुर | प्रदेश राजधानी जयपुर रविवार को दो-दो महापंचायतों की साक्षी बनी। जहां एक और क्षत्रिय समाज ने अपनी ’केसरिया महापंचायत’ से माहौल को केसर के रंग में रंग दिया वहीं, एससी-एसटी समाज की महापंचायत में समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भारत माता की जय के नारे लगाए।

लेकिन इन सब के बीच एससी-एसटी महापंचायत में एक बड़ी घटना भी हो गई। जिसने राजनीतिक गलियारों तक में तहलका मचा दिया।

दरअसल, एससी-एसटी की महापंचायत जयपुर के मानसरोवर ग्राउंड में आयोजित की गई थी।

इसमें राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एससी-एसटी समाज के लोगों ने अपना दम दिखाया। 

लेकिन इस महापंचायत में ऐसा किस्सा हो गया जिसने सभा का माहौल खराब कर दिया।

इस महापंचायत में प्रदेशभर से हजारों की तादाद में एससी और एसटी समाज के लोग जुटे और अपनी प्रमुख मांगे रखी।

एससी-एसटी महापंचायत में कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने भी शिरकत की। इसके बाद वे मंच से अपना संबोधन कर रहे थे। तभी उन्हें ज्यादा देर तक बोलने से रोक दिया गया। जिससे वहां हंगामा हो गया।

अपने साथ हुए इस बर्ताव से मंत्री महोदय नाराज हो गए और आयोजन स्थल से सभा को बीच में ही छोड़कर चले गए।

मंत्री महोदय के रूठने का असर अन्य नेताओं पर भी दिखा। जिसके चलते ममता भूपेश, टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव भी सभा स्थल से लौट गए। 

अब अपने चहेते नेताओं को उनके समर्थक नाराज कैसे देख सकते हैं। ऐसे में उनके समर्थक आपस में उलझ गए। मंच पर भाषणबाजी के बीच तमाशा शुरू हो गया।

ये मामला हंगामा इतना बढ़ गया कि, आयोजकों ने मंच पर पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाया। तब जाकर शांती की बयार बही।

क्या बोेले मंत्री मेघवाल?

जब मंत्री गोविंद राम मेघवाल मंच से लोगों को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान आयोजकों ने उन्हें निर्धारित समय तक ही बोलने के लिए कहा, लेकिन वे ठहरे मंत्री महोदय। इस बात पर वे खासे नाराज हो गए और मंच पर से ही कह दिया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। वे अपना भाषण बीच मे ख़त्म कर रहे  हैं। उन्होंने तो यह तक कह दिया कि जनप्रतिनिधियों को मंच पर कोई जगह नहीं दी गई है। बस चले गए सभा छोड़कर। 

आयोजकों ने दी ये सफाई?

मंत्री महोदय को बोलने से रोकने पर आयोजकों का कहना था कि वक्ताओं के लिए 2ः30 मिनट का समय ही तय किया गया था और मंत्री 2ः30 मिनट से ज्यादा बोल चुके थे उन्हें इसलिए रोका गया क्योंकि वक्ताओ की लिस्ट काफी लंबी थी, लेकिन मंत्री महोदय को ये बात बुरी लगी। 

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