Highlights
- तीन विधायकों को सदाचार कमेटी ने 19 दिसंबर को तलब किया।
- भास्कर स्टिंग ऑपरेशन में कमीशन मांगने का मामला उजागर हुआ था।
- कमेटी विधायकों के आचरण और अनुशासन पर कार्रवाई करेगी।
- विधायकी रद्द करने तक की सिफारिश संभव है।
जयपुर:
राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) की सदाचार कमेटी (Ethics Committee) ने एमएलए फंड (MLA Fund) से विकास कार्यों की अनुशंसा के बदले कमीशन मांगने के आरोप में तीन विधायकों को नोटिस जारी किया है। भाजपा (BJP) के रेवंतराम डांगा (Revantram Danga), कांग्रेस (Congress) की अनीता जाटव (Anita Jatav) और निर्दलीय ऋतु बानावत (Ritu Banawat) को 19 दिसंबर को तलब किया गया है। यह मामला भास्कर (Bhaskar) के स्टिंग ऑपरेशन (Sting Operation) में सामने आया था।
कमीशन मांगने वाले विधायकों को नोटिस
एमएलए फंड में पैसा लेकर मनचाही सिफारिश करने के मामले में तीनों विधायकों को विधानसभा की सदाचार कमेटी ने नोटिस जारी किया है। कमेटी ने इन विधायकों को 19 दिसंबर को सुबह 11 बजे तलब किया है।
सदाचार कमेटी इन तीनों विधायकों से वन-टू-वन मिलकर सवाल-जवाब करेगी। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के मद्देनजर की जा रही है।
भास्कर स्टिंग ऑपरेशन ने किया खुलासा
यह पूरा मामला भास्कर के एक स्टिंग ऑपरेशन में उजागर हुआ था। रिपोर्टर ने एक डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर विधायकों से संपर्क किया था।
इस स्टिंग ऑपरेशन के जरिए विधायक निधि से विकास कार्यों की अनुशंसा करने के नाम पर कमीशन लेने का भ्रष्टाचार सामने आया। विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने रविवार को ही यह मामला सदाचार कमेटी को सौंपा था।
किस विधायक पर क्या आरोप?
- खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा पर 50 लाख का काम दिलाने के बदले 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप है।
- बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बानावत के पति ने भास्कर रिपोर्टर के साथ डील की थी।
- हिंडौन से कांग्रेस की विधायक अनीता जाटव ने रिपोर्टर से 50 हजार रुपए बतौर टोकन मनी लिए थे।
सदाचार कमेटी की बैठक और फैसला
विधानसभा में सभापति कैलाश वर्मा की अध्यक्षता में सदाचार कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में तीनों विधायकों के मामले पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में तीनों विधायकों को तलब करने और उन्हें नोटिस जारी करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। कमेटी इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
सभापति कैलाश वर्मा का बयान
सदाचार कमेटी के सभापति कैलाश वर्मा ने बताया कि तीनों विधायकों को वॉट्सऐप, ईमेल और हार्ड कॉपी सहित सभी उपलब्ध माध्यमों से नोटिस भेजा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कमेटी विधायकों के अनुशासन और आचरण से जुड़ी है।
वर्मा ने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कमेटी तीनों विधायकों से उनका पक्ष पूछेगी और उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा।
कमेटी की लगातार बैठकें 24 दिसंबर तक चलेंगी, ताकि मामले की गहन जांच हो सके।
सदाचार कमेटी के सदस्य
विधानसभा की सदाचार कमेटी में कुल 12 सदस्य हैं। भाजपा विधायक कैलाश वर्मा इसके सभापति हैं।
कमेटी के अन्य सदस्यों में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया, गणेश घोघरा, भगवानाराम सैनी, मोती राम, वीरेंद्र सिंह शामिल हैं। भाजपा विधायक जयदीप बिहाणी, सुखवंत सिंह, जेठानंद व्यास, बालमुकुंद आचार्य, हंसराज पटेल और राजेंद्र गुर्जर भी इसके सदस्य हैं।
आगे की कार्रवाई और संभावित दंड
सदाचार कमेटी तीनों विधायकों का पक्ष सुनने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट विधानसभा स्पीकर को सौंपी जाएगी।
इसके बाद रिपोर्ट को विधानसभा में रखा जाएगा और सदन की राय ली जाएगी। तीनों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई का अंतिम फैसला विधानसभा में वोटिंग के बाद होगा।
कमेटी इन विधायकों को निलंबित करने या उनकी विधायकी रद्द करने तक की सिफारिश कर सकती है। यह एक गंभीर मामला है जिस पर सदन की मुहर लगेगी।
जयकृष्ण पटेल का लंबित मामला
मई में रिश्वत के मामले में पकड़े गए बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल का मामला भी सदाचार कमेटी के पास लंबित है। कमेटी को पहले सितंबर में इस पर रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अवधि को आगे बढ़ा दिया गया था।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 4 मई को बागीदौरा (बांसवाड़ा) से विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। विधायक ने दूसरे जिले की खान से जुड़े तीन सवाल वापस लेने के एवज में पहले 10 करोड़ मांगे थे, जो बाद में 2.50 करोड़ में तय हुए थे।
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