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जयपुर-दिल्ली इलैक्ट्रिक हाईवे जिसमें पांच बसों को जोड़कर चलाया जाएगा। महज दो घंटे में जयपुर से दिल्ली की दूरी तय की जा सकेगी और इसका किराया भी डीजल बस से काफी कम होगा।
जयपुर | राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के घमासान के बीच शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जयपुर पहुंचे।
यहां भाजपा प्रदेश मीडिया सेंटर पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए गडकरी ने जयपुर के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि विकास को लेकर सदैव भाजपा की कटिबद्धता रहती है।
भाजपा के मुख्य रूप से तीन उद्देश्य हैं, जिसमें राष्ट्रवाद जो कि हमारी आत्मा है और राष्ट्र सर्वाेपरि यही भाव पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है।
दूसरा सुशासन और विकास और तीसरा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक और सामाजिक चिंतन से अत्योंदय तक जो कि सामाजिक आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए जिनके पास रहने के लिए मकान व कपड़ा नहीं है उस दरिद्र को नारायण मानकर निरंतर सेवा करते रहना।
दो घंटे में तय होगा दिल्ली का सफर, किराया-डीजल बस से भी कम
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजस्थान में हम 41 हजार करोड़ की लागत से तीन ग्रीन फील्ड हाईवे बना रहे हैं।
दिल्ली जयपुर हाईवे पर भी काम चल रहा है जो कि दिसंबर जनवरी तक पूरा हो जाएगा।
अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस-वे का काम भी चल रहा है जो देश की तीन रिफाइनरी को जोड़ रहा है। अंबाला-कोटपूतली हाईव और जो सबसे मुख्य है वह है जयपुर-दिल्ली इलैक्ट्रिक हाईवे जिसमें पांच बसों को जोड़कर चलाया जाएगा।
महज दो घंटे में जयपुर से दिल्ली की दूरी तय की जा सकेगी और इसका किराया भी डीजल बस से काफी कम होगा।
इस हाईवे निर्माण में वन्य जीव क्रॉसिंग के लिए ऐतिहासिक काम किया गया है देश में पहली बार राजस्थान में 217 अंडरपास और सात आरओबी बनाए गए हैं।
लोकतंत्र में जब हम सत्ता में रहते हैं तो गुड गवर्नेंस के द्वारा इन उद्देश्यों को पूरा करना और विपक्ष में रहेंगे तो लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका में अपना काम करना यही हमारा उद्देश्य है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी इसी उद्देश्य को पूरा रखकर उनके नेतृत्व में सरकार में काम किया और 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी पार्टी को बहुत अच्छी मेजोरिटी मिली और इसी उद्देश्य के साथ हम काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि हमारा भारत विश्व गुरु बने अभी हम दुनिया में आर्थिक ताकत के रूप में उभरकर सामने आए हैं और भारत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर पांचवां बड़ा देश बना है।
इसी रफ्तार से हम आगे चलकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। वहीं 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को लेकर आत्मनिर्भर भारत बनाने के उद्देश्य के साथ हम काम कर रहे हैं।