Highlights
- बसई गांव में पुलिस कार्रवाई पर राजपूत समाज में गहरा आक्रोश.
- युवा नेता शक्ति सिंह बांदीकुई ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों से मारपीट का आरोप लगाया.
- एक समिति ने दोषी पुलिसकर्मियों की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की.
- उचित कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई.
भरतपुर. भरतपुर के बसई गांव (Basai village) में हाल ही में पुलिस कार्रवाई (police action) पर राजपूत समाज (Rajput community) ने आक्रोश जताया है. युवा नेता शक्ति सिंह बांदीकुई (Shakti Singh Bandikui) ने दोषी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी (dismissal) की मांग की है.
शक्ति सिंह बांदीकुई ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पुलिस ने निर्दोष ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की थी. कई ग्रामीणों से मारपीट भी की गई, ऐसा बताया गया.
शक्ति सिंह स्वयं मौके पर जानकारी लेने पहुंचे थे. उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि भी थे.
ग्रामीणों का तीव्र विरोध
ग्रामीणों ने पुलिस की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया. उन्होंने इसे बर्बरतापूर्ण और एकतरफा बताया है.
इस मामले पर एक विशेष समिति बनाई गई थी. इस समिति ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की.
समिति ने दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की. उन्होंने तत्काल कार्रवाई की अपील की है.
भरतपुर में बयाना के बसई गांव में गत दिनों पुलिस द्वारा राजपूत समाज के निर्दोषों के घरों में घुसकर की तोड़फोड़ व मारपीट के विरोध में आज युवा शक्ति संयोजन के सक्रिय ध्वजवाहकों , स्थानीय सामाजिक सक्रिय जनो व जनप्रतिनिधियों के साथ मौके पर पहुंच जानकारी प्राप्त की.
— Shakti Singh Bandikui (@BandikuiSingh) September 17, 2025
इस बर्बरता पूर्वक… pic.twitter.com/Q3O8wQP1Fu
आंदोलन की रणनीति
शक्ति सिंह ने आगे की रणनीति भी बताई है. उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी जारी की है.
यह आंदोलन ग्रामीणों के नेतृत्व में होगा. यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो यह शुरू होगा.
इस मुद्दे पर समाज में व्यापक असंतोष है. विभिन्न युवा संगठनों में भी चर्चा चल रही है.
कानून-व्यवस्था पर तनाव
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि तनाव बढ़ गया है. क्षेत्र में कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बन गई है.
सामाजिक संगठन न्याय की मांग कर रहे हैं. जनप्रतिनिधि भी निष्पक्ष जांच के पक्ष में हैं.
उनका लक्ष्य निर्दोष लोगों को न्याय दिलाना है. इस घटना से लोगों में विश्वास कम हुआ है.