Rajasthan : पीएचईडी मंत्री ने बाल वैज्ञानिकों के नवाचारों को सराहा

पीएचईडी मंत्री ने बाल वैज्ञानिकों के नवाचारों को सराहा
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मांडल विधायक  उदय लाल भडाणा ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में बाल वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि मांडल विधानसभा क्षेत्र के किसी भी राजकीय विद्यालय में किसी भी प्रकार की आधारभूत सुविधाओं एवं विकास कार्यों की कोई कमी नहीं रहेगी

जयपुर । जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री  कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को सभी बाल वैज्ञानिक एवं युवा साकार करें।

यह बात उन्होंने राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर द्वारा आयोजित 57 वीं राज्य स्तरीय विज्ञान एवं गणित पर्यावरण प्रदर्शनी 2024-25 के समापन समारोह में कही, जो पीएम  राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मांडल में आयोजित किया गया । उन्होंने कहा कि नन्हे मुन्ने बाल वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन देने में अध्यापकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने अपने वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स और इनोवेशन्स प्रदर्शित किए, जिन्हें देखकर मंत्री  चौधरी काफी प्रभावित हुए। पीएचईडी मंत्री ने बताया कि यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों को अपने वैज्ञानिक ज्ञान और कौशल को प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करती है।  इस प्रदर्शनी से  विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और अन्वेषण की आदत विकसित होगी ताकि वे अपने आसपास के वातावरण में विज्ञान की उपस्थिति का अनुभव कर सकें।

उन्होंने कहा कि देश के नवनिर्माण में शिक्षक की विशेष भूमिका होती है।  बच्चें गलत दिशा में नहीं जाए, इसके लिए आज नई पीढ़ी के लिए चरित्र निर्माण की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। बालक की चरित्र निर्माण की प्रारंभिक पाठशाला घर के साथ विद्यालय भी हैं। इस अवसर पर उन्होंने बाल वैज्ञानिकों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मांडल विधायक  उदय लाल भडाणा ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में बाल वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि मांडल विधानसभा क्षेत्र के किसी भी राजकीय विद्यालय में किसी भी प्रकार की आधारभूत सुविधाओं एवं विकास कार्यों की कोई कमी नहीं रहेगी।

विद्यालय के प्रधानाचार्य  विनीत कुमार शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए चार दिवसीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता की जानकारी दी। आयोजन सचिव डॉ. पदम पाराशर ने चार दिवसीय प्रदर्शनी का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अन्य अतिथियों ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बाल वैज्ञानिकों को तराशने का माध्यम है अतः जिन प्रतिभागीयों ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया है वे वास्तव में बधाई के पात्र हैं लेकिन जिन्होंने इसमें भाग लिया है वह भी बधाई के पात्र हैं कि आज वह राज्य स्तर की इस प्रतियोगिता तक पहुंच पाए हैं। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के अतिरिक्त निदेशक  कैलाश चंद्र तेली ने विजेताओं की घोषणा की।

अतिथियों ने सभी श्रेणियों में  प्रथम विजेता को 2500 रू. नगद एवं प्रशस्ति पत्र , द्वितीय स्थान वाले को 1500 रू. नगद एवं प्रशस्ति पत्र व तृतीय को 1000 रू. नगद व प्रशस्ति पत्र  दिए ।

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