जालोर: जालोर जिले के रामसीन थाना क्षेत्र के मांडोली गांव में 27 अगस्त को हुई गणपत सिंह की हत्या का खुलासा न होने से नाराज राजपूत समाज और सर्व समाज के लोग मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए। बड़ी संख्या में जालोर और सिरोही जिलों से आए लोगों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी मांगों को रखा, लेकिन कलेक्टर से मुलाकात न होने पर प्रदर्शनकारियों में नाराजगी फैल गई।
कलेक्ट्रेट के सामने जोरदार प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी गणपत सिंह हत्याकांड का जल्द से जल्द खुलासा करने और रामसीन थानाधिकारी कमल किशोर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। गणपत सिंह (42) का शव 27 अगस्त को मांडोली से सिकवाड़ा मार्ग पर उसकी बाइक के पास संदिग्ध हालात में मिला था। घटना के डेढ़ महीने बाद भी पुलिस कोई ठोस सुराग नहीं जुटा पाई है, जिससे मृतक के परिजन और समाज के लोग बेहद नाराज हैं।
कलेक्टर की अनुपस्थिति से बढ़ी नाराजगी
करीब 2 बजे प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे को ज्ञापन सौंपने पहुंचे, लेकिन बताया गया कि कलेक्टर जल वितरण (सगम) की बैठक में व्यस्त हैं। इसके बाद एडीएम राजेश कुमार मेवाड़ा मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर की गैरमौजूदगी पर कड़ा विरोध जताया और एडीएम को ज्ञापन देने से मना कर दिया।
प्रदर्शनकारियों और एडीएम के बीच तकरार
प्रदर्शनकारियों ने जब बार-बार कलेक्टर के आने का समय पूछा, तो एडीएम मेवाड़ा ने कहा, "वे कार से आ रहे हैं, समय लगेगा, हवाई जहाज से तो नहीं आ रहे।" इस बयान से आक्रोशित लोग एडीएम पर भड़क गए और कलेक्टर कार्यालय के बाहर लगे नेम प्लेट पर ज्ञापन टांगकर विरोध जताया।
कलेक्टर और एसपी के हस्तक्षेप के बाद वार्ता
स्थिति बिगड़ने पर जिला कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। इसके बाद चैंबर में प्रदर्शनकारियों से बातचीत की गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की धीमी कार्रवाई और रामसीन थानाधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें तुरंत हटाने की मांग की।
धरना जारी
हालांकि वार्ता के बाद भी प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं हुए और अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने का ऐलान किया।