Highlights
- पुष्कर मेले का भव्य आगाज उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किया।
- डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने विदेशी पर्यटकों संग पारंपरिक राजस्थानी धुनों पर डांस किया।
- हल्की बूंदाबांदी के बीच झंडारोहण और राष्ट्रीय गान का आयोजन हुआ।
- लोक कला और पशुधन प्रदर्शन ने दर्शकों को आकर्षित किया।
पुष्कर: राजस्थान के अजमेर (Ajmer) जिले के पुष्कर (Pushkar) कस्बे में आज अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले (International Pushkar Fair) का भव्य आगाज हुआ। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी (Deputy CM Diya Kumari) ने विदेशी महिला पर्यटकों संग डांस कर सबका दिल जीता।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किया मेले का शुभारंभ
राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर कस्बे में आज (30 अक्टूबर, 2025) से विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का भव्य आगाज हो गया।
आस्था, संस्कृति और व्यापार के इस संगम स्थल पर माहौल उस समय उत्साह के चरम पर पहुंच गया, जब राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी खुद विदेशी महिला पर्यटकों और स्कूली छात्राओं के साथ हाथ पकड़कर पारंपरिक राजस्थानी धुनों पर डांस करती नजर आईं।
उनका यह आत्मीय, सहज और उत्साहपूर्ण अंदाज देखकर पूरा मेला मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और लोगों ने फोन निकालकर यह दृश्य रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया।
पुष्कर में राजस्थान की लोक संस्कृति का प्रदर्शन और उसमें डिप्टी सीएम की सहज भागीदारी ने सभी के दिलों को छू लिया।
यह दृश्य देख लोग न केवल राजस्थान की रंगीली परंपरा से रूबरू हुए, बल्कि इसने अंतरराष्ट्रीय मैत्री और अतिथि देवो भव: की भावना को भी जीवंत कर दिया।
हल्की बारिश में झंडारोहण और देशभक्ति का माहौल
कुछ देर पहले हल्की बूंदाबांदी के बीच डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने विधिवत झंडारोहण कर मेले का शुभारंभ किया था।
इस दौरान उनके साथ जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, अजमेर कलेक्टर, एसपी और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
झंडारोहण के बाद राष्ट्रीय गान के साथ मेला मैदान में देशभक्ति और उत्सव का माहौल बन गया।
लोक कला और पशुधन प्रदर्शन का अद्भुत संगम
शुभारंभ समारोह में राजस्थान के लोक कलाकारों के साथ-साथ देशभर से आए कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
ढोल, नगाड़ों और मुरली की थाप पर घूमर, कालबेलिया, चकरी और मटकी नृत्य की अद्भुत झलक देखने को मिली, जिसने विदेशी सैलानियों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया।
वहीं, मेला मैदान में ऊंटों और घोड़ों की सजीव परेड ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
पशुपालकों द्वारा सजाए-संवारे गए ऊंट और घोड़े आकर्षण का केंद्र बने।
पर्यटक और श्रद्धालु इन सजे-धजे पशुओं के साथ फोटो खिंचवाकर इस यादगार उत्सव के लम्हों को संजो रहे हैं।
आगामी दिनों में पुष्कर की पावन धरती पर यह उत्सव व्यापारिक, धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ कई प्रतियोगिताओं का केंद्र बना रहेगा।
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