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पूर्व सांसद राहुल गांधी ने ’मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। इसके लिए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
नई दिल्ली | कांग्रेस के प्रमुख नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ’मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
इसके लिए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राहुल ने यह कदम गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा शनिवार, 15 जुलाई को उनकी पुनरीक्षण याचिका को खारिज करने के बाद उठाया है, जिसमें कोर्ट ने उक्त मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
राहुल गांधी वर्तमान में संसद सदस्य के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने या भविष्य के किसी भी चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हैं।
याचिका हाल ही में दायर की गई है, और यह अनुमान है कि उनके कानूनी वकील संभवतः सोमवार को मुख्य न्यायाधीश से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करेंगे।
विचाराधीन मानहानि का मामला 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी से उपजा है।
तब राहुल गांधी ने ललित मोदी और नीरव मोदी के उदाहरणों का हवाला देते हुए ’मोदी’ उपनाम वाले व्यक्तियों को चोर बताया था।
जिसके बाद ये मामला गरमा गया था और भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।
पूर्णेश मोदी का आरोप था कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी ने पूरे मोदी समुदाय की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है।
इस साल की शुरुआत में सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया और दो साल की सजा सुनाई। हालांकि वह फिलहाल जमानत पर हैं।
लेकिन उनकी सजा के परिणामस्वरूप उन्हें लोकसभा में सीट रखने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद, राहुल गांधी को जमानत दे दी गई और उन्हें 30 दिनों के भीतर फैसले के खिलाफ अपील करने की अनुमति मिल गई।
दोषसिद्धि को चुनौती देने के अपने प्रयासों में, राहुल गांधी ने रोक लगाने के लिए सूरत सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका 20 अप्रैल को खारिज कर दी गई थी।
इसके बाद, उनकी पुनरीक्षण याचिका का भी वही हश्र हुआ और गुजरात उच्च न्यायालय ने भी इसे खारिज कर दिया।
इसके बाद राहुल गांधी को अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।