राजस्थान कांग्रेस: 45 जिलाध्यक्ष घोषित: राजस्थान कांग्रेस ने 45 जिलाध्यक्षों की घोषणा की: 12 विधायक, 5 पूर्व विधायक शामिल

राजस्थान कांग्रेस ने 45 जिलाध्यक्षों की घोषणा की: 12 विधायक, 5 पूर्व विधायक शामिल
राजस्थान कांग्रेस: 45 जिलाध्यक्ष घोषित
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Highlights

  • कांग्रेस ने राजस्थान में 45 जिलाध्यक्षों की घोषणा की।
  • 12 मौजूदा विधायकों और 5 पूर्व विधायकों को मिली जिम्मेदारी।
  • प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सहित 8 पुराने जिलाध्यक्ष रिपीट।
  • राहुल गांधी के फॉर्मूले पर रायशुमारी के बाद हुई नियुक्तियां।

जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) ने 50 में से 45 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है, जिसमें 12 मौजूदा विधायकों (MLAs) और 5 पूर्व विधायकों को जिम्मेदारी मिली है। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के गृह जिले सीकर (Sikar) सहित 8 पुराने जिलाध्यक्षों को रिपीट किया गया है। यह नियुक्तियां राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के फॉर्मूले पर रायशुमारी के बाद की गई हैं।

कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल: 45 जिलाध्यक्ष घोषित

कांग्रेस ने राजस्थान में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 45 जिलों के लिए नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। प्रदेश में कुल 50 संगठनात्मक जिले हैं, जिनमें से अभी 5 जिलों के जिलाध्यक्षों की घोषणा बाकी है। इन नियुक्तियों में अनुभवी नेताओं और युवा चेहरों का मिश्रण है, जिससे पार्टी में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। यह घोषणाएं आगामी चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों का संकेत हैं।

यह नियुक्तियां राहुल गांधी के उस फॉर्मूले पर आधारित हैं, जिसमें स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं से रायशुमारी (परामर्श) की गई थी। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर मजबूत नेतृत्व को सामने लाना था। कुल 37 जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं, जबकि 8 जिलों में मौजूदा जिलाध्यक्षों को फिर से मौका दिया गया है, जो उनके प्रदर्शन का इनाम है।

12 मौजूदा विधायकों को मिली जिलाध्यक्ष की कमान

पार्टी ने 12 मौजूदा विधायकों को जिलाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है, जो उनके सक्रिय और प्रभावशाली जनप्रतिनिधि होने पर पार्टी के भरोसे को दर्शाता है। इन विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी संगठन को मजबूत करने और सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का दोहरा काम सौंपा गया है।

इनमें अजमेर ग्रामीण से विकास चौधरी, बांसवाड़ा में अर्जुन सिंह बामनिया, डीडवाना-कुचामन में जाकिर हुसैन गैसावत, धौलपुर में संजय जाटव, जयपुर ग्रामीण वेस्ट से विद्याधर सिंह चौधरी, डूंगरपुर से गणेश घोघरा, झुंझुनूं से रीटा चौधरी, जोधपुर ग्रामीण में गीता बरवड़, करौली में घनश्याम मेहर, सवाईमाधोपुर में इंदिरा मीणा, श्रीगंगानगर में रूपिंदर सिंह कुन्नर और चूरू में मनोज मेघवाल शामिल हैं। इन नियुक्तियों से स्थानीय स्तर पर विधायक और संगठन के बीच बेहतर तालमेल की उम्मीद है।

5 पूर्व विधायकों को भी मिला संगठन में स्थान

संगठन में अनुभव को महत्व देते हुए 5 पूर्व विधायकों को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इनके पास कार्यकर्ताओं के साथ लंबे समय तक काम करने का अनुभव है, जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा। पूर्व मंत्री रामलाल जाट को भीलवाड़ा ग्रामीण का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।

अन्य पूर्व विधायकों में जयपुर ग्रामीण पूर्व से गोपाल मीणा, कोटपूतली बहरोड़ से इंद्राज गुर्जर, उदयपुर ग्रामीण में रघुवीर मीणा और अजमेर शहर से राजकुमार जयपाल शामिल हैं। इनकी नियुक्ति से पार्टी को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में मदद मिलेगी।

आठ जिलाध्यक्षों को फिर से मौका

कांग्रेस ने 8 जिलों में पुराने जिलाध्यक्षों पर एक बार फिर भरोसा जताया है। यह उन नेताओं के लिए इनाम है जिन्होंने अपने कार्यकाल में संगठन को मजबूत किया। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर सहित कई महत्वपूर्ण जिलों में पुराने चेहरों को रिपीट किया गया है।

जिन जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका मिला है, उनमें भरतपुर से दिनेश सिंह सूपा, बीकानेर ग्रामीण से बिशनाराम सियाग, दौसा से रामजीलाल ओड, जयपुर ग्रामीण पूर्व से विधायक गोपाल मीणा, कोटा ग्रामीण से भानुप्रताप सिंह, सीकर से सुनीता गठाला और उदयपुर शहर से फतेह सिंह राठौड़ शामिल हैं। जाकिर हुसैन गैसावत को नए जिले कुचामन-डीडवाना का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।

5 जिलों के जिलाध्यक्ष अभी भी बाकी

50 संगठनात्मक जिलों में से 45 की घोषणा के बाद भी, अभी 5 जिलों (जयपुर शहर, राजसमंद, प्रतापगढ़, बारां और झालावाड़) के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति बाकी है। इन जिलों में घोषणाएं विभिन्न कारणों से अटकी हुई हैं।

बारां और झालावाड़ में अंता उपचुनाव के कारण रायशुमारी प्रक्रिया में देरी हुई। वहीं, जयपुर, राजसमंद और प्रतापगढ़ में स्थानीय नेताओं के बीच खींचतान और सर्वसम्मत नाम पर सहमति न बन पाने के कारण घोषणाएं रोक दी गई हैं।

सामाजिक समीकरणों का रखा गया ध्यान

कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों में सामाजिक समीकरणों और सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व का पूरा ध्यान रखा है। 45 जिलाध्यक्षों में 7 महिलाएं शामिल हैं, जो महिला सशक्तिकरण के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता दर्शाती हैं।

वर्गवार देखें तो, सामान्य वर्ग से 8, अनुसूचित जाति (SC) से 9, अनुसूचित जनजाति (ST) से 8, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से 16 और अल्पसंख्यक वर्ग से 4 जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि पार्टी ने समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।

राहुल गांधी के फॉर्मूले पर आधारित चयन प्रक्रिया

इन जिलाध्यक्षों का चयन राहुल गांधी के उस फॉर्मूले के तहत किया गया है, जिसमें स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं से व्यापक रायशुमारी की गई थी। पारदर्शिता के लिए बाहरी राज्यों के नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया, जिन्होंने प्रत्येक जिले से 6-6 नेताओं का पैनल तैयार कर रिपोर्ट दी।

इस रिपोर्ट पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ गहन चर्चा की। इसके बाद, प्रत्येक जिले के लिए सिंगल नामों का पैनल राहुल गांधी को भेजा गया, जिन्होंने अंतिम मुहर लगाई।

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