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कांग्रेस के आलाकमान अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव से फ्री हो चुके है। ऐसे में अब कांग्रेस आलाकमान की नजर सिर्फ राजस्थान में गहलोत और पायलट पर टिकी है। दिल्ली में दो दिनों में होने वाली बैठक राजस्थान के लिए बेहद ही अहम होगी।
जयपुर | राजस्थान में पिछले साढ़े चार सालों से चली आ रही पायलट और गहलोत खेमे की जंग समाप्त होेने का समय आ गया है।
कांग्रेस के आलाकमान अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव से फ्री हो चुके है। वहां सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री भी बना दिया गया है।
ऐसे में अब कांग्रेस आलाकमान की नजर सिर्फ राजस्थान में गहलोत और पायलट पर टिकी है।
पार्टी राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले दोनों नेताओं के बीच चल रही सियासी लड़ाई को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है।
इसके लिए दिल्ली में बड़ी बैठकों का दौर शुरू हो चुका है।
कांग्रेस आलाकमान चुनावी साल में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। दिल्ली में आज से राजस्थान सियासत पर मंथन शुरू हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 23 मई यानि आज और 24 मई को अहम बैठक हो रही है।
इन दो बैठकों में राजस्थान को लेकर कांग्रेस में महत्वपूर्ण मंथन कर रही है। ऐसे में चर्चा है कि पार्टी आलाकमान राजस्थान में चल रही गहलोत-पायलट जंग का तोड़ निकाल लेंगे।
आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ राहुल गांधी और सुखजिंदर रंधावा की बैठक हो रही है।
राजस्थान के मुद्दों पर रंधावा नजर बनाए हुए हैं और लगातार आलाकमानों को रिपोर्ट दे रहे है।
वहीं, 24 मई को इलेक्शन स्टेट के प्रभारी और पीसीसी चीफ की दिल्ली में बैठक है।
इसके लिए राजस्थान के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और सीएम गहलोत के भी दिल्ली जाने की खबर है।
कल होने वाली बैठक बड़ी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में राजस्थान के हालातों पर चर्चा होगी। जिसमें सचिन पायलट पर भी चर्चा होना संभव है।
हालांकि इस बैठक में राजस्थान के साथ-साथ बाकी चुनावी राज्यों के प्रभारी और पीसीसी चीफ को भी बुलाया गया है।
ऐसे में दिल्ली में दो दिनों में होने वाली बैठक राजस्थान के लिए बेहद ही अहम होगी। इसी के आधार पर चुनावी रणनीति तैयार की जाएगी।