एक और तारीख : क्या 24 फरवरी को तय होगा राजस्थान कांग्रेस का 'पायलट'!

क्या 24 फरवरी को तय होगा राजस्थान कांग्रेस का 'पायलट'!
congress
Ad

Highlights

दूध का जला कांग्रेस हाईकमान अब छाछ भी फूंक—फूंककर पीना चाहता में है। इसीलिए वह न सचिन पायलट जैसे जनता में प्रभावी नेता को खोना चाहता है न ही जोड़—तोड़ और जुगाड़ में माहिर अशोक गहलोत को नाराज कर भविष्य की तस्वीर तय कर पा रहा है।

जयपुर | तारीख़ पे तारीख़, तारीख पे तारीख...! हिंदी फिल्म दामिनी में अभिनेता सन्नी देओल का यह डायलॉग बीते साल भर से कांग्रेस के दिल्ली दफ्तर से लेकर जयपुर तक हर जगह सुनाई पड़ रहा है।

फिल्म दामिनी में वकील बने सन्नी देओल तारीख़ पे तारीख़ मिलने से गुस्सा जाते हैं, वहीं राजस्थान कांग्रेस में तारीख़ पे तारीख़ किसी को राहत दे रही है तो किसी को आहत किए जा रही है।

राहत तीन बार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में महसूस की जा सकती है तो आहत लगातार उपेक्षा से परेशान सचिन पायलट का खेमा है। फिलहाल, एक नयी तारीख़ चर्चा में है और यह तारीख़ है 24 फरवरी।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आगामी 24 फरवरी यानी कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन के बाद कई चीजें कांग्रेस में बदलने जा रही हैं। इनमें से एक प्रमुख है -राजस्थान का नेतृत्व।

25 सितंबर को अपनी सरकार पर आए संकट को बगावत के स्तर पर जाकर टालने वाले गहलोत खेमे के नेता पूरा भरोसे में हैं कि हर तारीख़ की तरह इस तारीख़ के बाद भी नयी तारीख़ मिल जायेगी।

परन्तु दूसरी ओर सचिन पायलट खेमा अब और कोई तारीख़ झेलने के पक्ष में नहीं हैं। इस खेमे के नेताओं का मानना है कि पार्टी की फील्ड में स्थिति दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ़ है। फिर भी पार्टी आलाकमान तारीख़ पे तारीख़ दे तो अब सब्र करना ठीक नहीं।

दरअसल, दूध का जला कांग्रेस हाईकमान अब छाछ भी फूंक—फूंककर पीना चाहता में है। इसीलिए वह न सचिन पायलट जैसे जनता में प्रभावी नेता को खोना चाहता है न ही जोड़—तोड़ और जुगाड़ में माहिर अशोक गहलोत को नाराज कर भविष्य की तस्वीर तय कर पा रहा है।

ऐसे में बजट पेश करने की गहलोत की जिद पूरी होने के बाद कांग्रेस के दिग्गजों को लगता है कि पार्टी की कमान अब उनसे ले कर सचिन पायलट को देना मुश्किल नहीं होगा। 

अशोक गहलोत द्वारा पेश किये गए लोक लुभावन बजट की आश्चर्यजनक अंदाज़ में पायलट समर्थक नेताओं द्वारा तारीफ की पीछे भी 24 फरवरी पर टिकी इस खेमे की उम्मीदों को ही माना जा रहा है।

पार्टी के एक बड़े नेता "थिंक 360" से कहते हैं -"गहलोत किसी भी वक्तव्य को लेकर बिफर नहीं जाएँ और बनी बनाई बात बिगड़ नहीं जाये। इसीलिए नहीं चाहते हुए भी सचिन पायलट समर्थक विधायक बजट की तारीफ में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।"

पार्टी में सामान्य तरीके से काम काज हो और लीडरशिप शिफ्टिंग हो ,इसीलिए पार्टी ने 25 सितंबर को पार्टी हाईकमान के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले गहलोत सरकार के संकट मोचक शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को पार्टी से बाहर करने के फैसले को भी फिलहाल टाल दिया है।

राजस्थान विधानसभा के सचिव द्वारा हाईकोर्ट में जवाब के बाद पार्टी के ज्यादातर बड़े नेताओं ने मान लिया है कि पार्टी पर्यवेक्षकों द्वारा बुलाई गयी सीएलपी बैठक के समानांतर बैठक बगावत के अंदाज़ में और एक नेता के इशारे पर की गयी थी।

इसी सोच के साथ यह भी तय हो चुका था कि बजट से पहले ही इस बगावत के सूत्रधारों -धारीवाल ,जोशी और राठौड़ को छह -छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सख्ती दिखाई जाए। लेकिन कम्फर्ट शिफ्टिंग के तर्क के आधार पर इस फैसले को टालते हुए फैसले की नयी तारीख़ तय की गयी है 24  फरवरी।

अब इस तारीख़ पर भी कोई फैसला नहीं हुआ तो निश्चय ही राहत गहलोत खेमे को मिलेगी और आहत पायलट खेमा महसूस करेगा। लेकिन पायलट फिर चुप्पी साध लेंगे, यह कहना आसान नहीं होगा। क्योंकि, पायलट के पास अब खोने को कुछ नहीं और पाने को बहुत कुछ है।

Must Read: विधायक अमीन खान का आरोप- ओवैसी की पाकिस्तान से डील! इनका बाप भी मुस्लिम विधायक नहीं बना सकता 

पढें राजनीति खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :