Highlights
- 70 टीमों ने 70 घंटे तक चलाया अभियान।
- 52 लाख से अधिक नकद और 14 लग्जरी कारें जब्त।
- किसानों और पेंशनधारकों को बनाया था निशाना।
- मास्टरमाइंड रामावतार सैनी समेत 30 आरोपी गिरफ्तार।
झालावाड़: राजस्थान (Rajasthan) की झालावाड़ पुलिस (Jhalawar Police) ने 'ऑपरेशन शटरडाउन' (Operation Shutdown) चलाकर एक अंतर्राज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने किसानों और पेंशनधारकों को निशाना बनाया था। मास्टरमाइंड समेत 30 आरोपी गिरफ्तार किए गए।
ऑपरेशन शटरडाउन: एक गोपनीय अभियान
झालावाड़ पुलिस को एक व्हिसल ब्लोअर से इस बड़े फर्जीवाड़े की जानकारी मिली थी।
इसके बाद पुलिस ने एक विस्तृत अभियान की योजना बनाई जिसे पूरी तरह गोपनीय रखा गया।
पुलिस की 70 टीमों ने लगातार 70 घंटे तक राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमाओं पर एक साथ छापे मारे।
प्रत्येक टीम से लाइव कोऑर्डिनेशन बनाए रखने के लिए जिला मुख्यालय में एक विशेष साइबर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था।
इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी स्वयं पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने की।
कैसे काम करता था ठगों का गिरोह?
झालावाड़ पुलिस के अनुसार, इस साइबर अपराधी गिरोह का मास्टरमाइंड रामावतार सैनी है।
रामावतार सैनी को सरकारी पोर्टलों की गहरी जानकारी थी, जिसका लाभ उठाकर वह ठगी करता था।
यह गिरोह पहले ग्रामीणों से आधार और बैंक खाते लेकर उन्हें फर्जी लाभार्थी बनाता था।
इसके बाद, वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, पेंशन और अन्य राहत योजनाओं से करोड़ों रुपये इन फर्जी खातों में ट्रांसफर करवाते थे।
ट्रांसफर किए गए पैसे को एजेंटों के माध्यम से वसूल लिया जाता था, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान होता था।
बड़ी कार्रवाई और महत्वपूर्ण बरामदगी
इस ऐतिहासिक अभियान में पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड रामावतार सैनी सहित 30 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 52 लाख 69 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।
इसके अतिरिक्त, 14 लग्जरी कारें और कई मोटरसाइकिलें भी जब्त की गई हैं।
जांच के दौरान 35 लैपटॉप-कंप्यूटर और सैकड़ों बैंक व पहचान दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
यह बरामदगी गिरोह के बड़े पैमाने पर किए जा रहे फर्जीवाड़े का प्रमाण है।
आगे की जांच और एसआईटी का गठन
इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है।
वित्तीय लेन-देन के जटिल सिरे को सुलझाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के विशेषज्ञ अधिकारी भी जांच में सहायता कर रहे हैं।
पुलिस का लक्ष्य इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना और भविष्य में ऐसी ठगी को रोकना है।
राजनीति